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(GMT+08:00) 2005-08-10 15:54:08    
कंप्यूटर की सुरक्षा की गारंटी के लिए चीन निर्मित प्रथम सी एम ओ एस चिप

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कुछ समय पूर्व चीन की सब से मशहूर कंप्यूटर कंपनी लेनोवो ने कंप्यूटर की सुरक्षा की गारंटी के लिए प्रथम सी एम ओ एस चिप के अनुसंधान में सफलता पाने की घोषणा की। ऐसी चिप से लैस कंप्यूटर वायरसों के प्रहार का सामना कर सकेगा और वायरसों के कारण बंद होने या डेटा खोने से मुक्त रह सकेगा। आज के समय में कंप्यूटर हम सभी के लिए अनिवार्य हो गया है। हमारे काम, पढ़ाई और सांस्कृतिक जीवन सब का कंप्यूटर से घनिष्ठ संबंध है। लेकिन चीनी कहावत है कि कोई भी लाभ अपने साथ कमजोरी भी लाता है। कंप्यूटर का प्रयोग सुविधा के साथ भारी तकलीफें भी ला रहा है। कंप्यूटर किसी नाजुक यंत्र जैसा है और कभी-कभी काम करने से इनकार भी कर देता है। इसका एक स्पष्ट कारण है उस पर वायरस का प्रहार। पेइचिंग की एक कंपनी में काम कर रही सुश्री यांग की शिकायत है कि उन के कंप्यूटर में बहुत से महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और डेटा वायरस के अचानक प्रहार के कारण गायब हो गए। कभी-कभी वायरस के प्रहार के कारण कंप्यूटर की हार्ड डिस्क तक नष्ट हो जाती है। सुश्री यांग ने कहा कि उन के कंप्यूटर में वायरस के प्रहार को रोकने वाला सोफ्टवेयर तथा फायर वाल भी है। लेकिन ये सब नये वायरस के सामने बेकार हो गये। तकनीशियनों का कहना है कि वायरस के प्रहार को रोकने वाले सोफ्टवेयर तथा फायरवाल सिर्फ ज्ञात वायरसों का सामना करने के लिए होते हैं। नये किस्म के वायरसों आने पर वे सब बेकार हो जाते हैं, क्योंकि ये वायरस उन के लिए अज्ञात होते हैं। इसलिए विश्व की अनेक कंपनियां कंप्यूटर की सुरक्षा की गारंटी के लिए सी एम ओ एस चिप के अनुसंधान को महत्व दे रही हैं, जो विभिन्न वायरसों का सामना कर सकती है। चीन की मशहूर कंप्यूटर कंपनी लेनोवो की तकनीक अनुसंधानशाला के एक वरिष्ठ तकनीशियन श्री वेइवे का कहना है कि कंप्यूटर की सुरक्षा की गारंटी के लिए उसमें सी एम ओ एस चिप लगाना कंप्यूटर वायरस का सामना करने का सब से अच्छा उपाय है। उन्हों कहा कि सी एम ओ एस चिप से लैस होने के बाद कंप्यूटर वायरस आने के तुरंत बाद प्रतिक्रिया कर सकता है और काम की बहाली भी कर सकेगा। लेनोवो ने वर्ष 2003 से सी एम ओ एस चि का अनुसंधान शुरू किया। सौ से अधिक तकनीशियनों ने इस में भाग लिया। अब अनुसंधान का फल निकल आया है। इस तरह चीन अमेरिका और जापान के बाद तीसरा ऐसा देश बन गया है जिसे यह चोटी की तकनीक हासिल हो चुकी है। लेनोवो के एक तकनीशियन के अनुसार सी एम ओ एस चिप सिर्फ चने जितनी छोटी होती है, और उस का दाम भी बहुत ऊंचा नहीं है। इसलिए सी एम ओ एस चिप लगने से कंप्यूटर के दाम पर बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेनोवो के अनुसंधान प्रतिष्ठान के एक वरिष्ठ तकनीशियन श्री श्येवेई का कहना है कि लेनोवो द्वारा उत्पादित सी एम ओ एस चि का बहुत से कंप्यूटरों में प्रयोग भी किया गया है। लेनोवो के नये किस्म के एक लैपटाप कंप्यूटर में ऐसी व्यवस्था की जा चुकी है। अंतर्राष्ट्रीय डेटा अनुसंधान संस्था के पूर्वानुमान के मुताबिक वर्ष 2007 तक विश्व में 70 प्रतिशत कंप्यूटर सी एम ओ एस चिप से लैस हो चुके होंगे। चीन में केवल सरकारी संस्थाओं में ही लाखों-करोड़ों कंप्यूटरों को ऐसी व्यवस्था की जरूरत होगी। इसलिए सी एम ओ एस चिप का बाजार विशाल होगा। चीन सरकार तकनीकी विकास का लाभ उठाकर सामान्य जन जीवन में सुधार लाने का प्रयास जारी रखे हुए है । चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने दस सालों से पहले विज्ञान व तकनीक के जरिये देश के उद्धार का नारा दिया । इधर के वर्षों में चीन सरकार ने उन्नतिशील तकनीकों के विकास में भारी पूंजी लगाकर सामान्य जीवन स्तर को उन्नत करने में उल्लेखनीय प्रगति प्राप्त की है । इधर के सालों में कम्प्यूटर और इंटरनेट के विकास ने जन जीवन पर बड़ा प्रभाव डाला । एक दशक पहले पेइचिंग के अधिकांश दफतरों में लोग आम तौर पर कलम से लिखते थे । पर आज कम्प्यूटर और इंटरनेट के विस्तार से चीनी दफतरों में कामकाज का ढंग बिल्कुल अलग हो गया है । कम्प्यूटर और इंटरनेट का प्रभाव जन जीवन के हर कोने पर दिख रहा है । उदाहरण के लिये हमारे चाइना रेडियो इंटरनेशनल के कर्मचारी हर रोज इंटरनेट का प्रयोग करते हैं , हम कम्प्यूटर से हिन्दी में भी लेख खबरें लिखते हैं , स्टूडियो में डिकिटल व्यवस्था से प्रोग्राम तैयार करते हैं , और इंटरनेट से श्रोता दोस्तों के साथ संपर्क रखते हैं । चीन सरकार भी अपने कामकाज में सूचना तकनीक का अधिकाधिक इस्तेमाल करने का अथक प्रयास कर रही है । आंकड़ों के अनुसार अब देश की कांऊटी स्तर की सत्तर प्रतिशत सरकारों ने इंटरनेट पर अपने वेबसाइट खोल दिये हैं । चीनी इंटरनेट सूचना केंद्र के अनुसार इस साल तक चीन में कुल चार करोड़ अट्ठावन लाख से अधिक लोग इंटरनेट का प्रयोग कर रहे होंगे , इस से चीन , अमेरिका और जापान के बाद दुनिया के तीसरे स्थान पर हो गया है । चीन के इंटरनेट प्रयोगकर्ताओं में शहर के निवासियों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के किसान भी शामिल हैं । पेइचिंग के उपनगरीय क्षेत्र में रहने वाली सुश्री वांग चेवन यैन इंटरनेट के जरिये अपने फार्म के उत्पाद तक बेचती हैं । उन्हों ने कहा कि इस साल मेरे फार्म में नाश्पाती का उत्पादन तीन सौ टन रहा , मैं ने इंटरनेट पर यह खबर प्रसारित की , तो केवल दस दिनों में हमारी सारी नाश्पाती बिक गयी । सुश्री वांग ने नब्बे करोड़ नामक एक वैबसाइट , जो विशेष तौर पर चीन के नब्बे करोड़ किसानों की सेवा करता है , के जरिये अपनी नाश्पाती की सूचना लोगों तक पहुंचाई । चीन में नब्बे करोड़ किसान हैं , उन की सेवा को समर्पित यह वैबसाइट रोज भिन्न भिन्न किस्मों की जानकारियां प्रदान कर रहा है । इधर के वर्षों में सूचना तकनीक का तेजी से विकास हुआ है । दस साल पहले एक सेलफोन का दाम दस हजार यवान , यानी लगभग पचास हजार रुपये था , जो अधिकांश लोगों की वार्षिक आय के बराबर था । पर आज सेलफोन का दाम सिर्फ एक हजार यवान के पास है , और इसे हरेक आदमी खरीद सकता है । फिर सेलफोन का आकार भी छोटा हुआ है , और इस की गुणवत्ता भी बहुत सुधरी है । दक्षिणी चीन के चूंग-तु शहर के एक बाजार में सब्जी बेचने वाले किसान च्यांग च्वन कहते हैं कि मैं बाहर से यहां काम करने आया हूं । अब शहर में हरेक के पास सेलफोन प्राप्त है । मैं अपने सेलफोन पर किसी भी समय साथियों के साथ व्यापार की चर्चा कर सकता हूं । और इस से मेरे दोस्तों के साथ संबंध भी घनिष्ठ हुए हैं । आंकड़ों के अनुसार 10 सालों पहले चीन में केवल 1 करोड़ टेलिफोन सेट थे , पर गत अगस्त में यह संख्या 38 करोड़ दर्ज की गयी , जो दुनिया में प्रथम स्थान पर रही । इस में टेलिफोन और सेलफोन का भाग आधा आधा रहा है । उधर टीवी व रेडियो प्रसारण के विकास ने चीन के सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन में भारी परिवर्तन ला खड़ा किया है । गांव गांव में टीवी व प्रसारण की चीन सरकार की योजना के लागू होने से, देश के सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले 7 करोड़ लोगों को टीवी व रेडियो प्रसारण की सेवा प्राप्त हुई । किसान टीवी व रेडियो के जरिये कृषि उपयोगी जानकारी भी पाने लगे हैं । उत्तरी चीन के हपेइ प्रांत के किसान च्यांग रे श्यांग का कहना है कि मैं ने टीवी के विज्ञान व तकनीक कार्यक्रम से बहुत सी नयी जानकारियां प्राप्त की हैं । अब मुझे कीटाणु नाशक दवा के प्रयोग में पहले से ज्यादा कौशल हासिल है । तकनीकी विकास से चीनियों का जीवन स्तर भी बहुत उन्नत हुआ है । चीन के कृषि तकनीक विशेषज्ञों ने इन कुछ सालों में सात सौ से अधिक किस्मों के उत्पादों का अनुसंधान किया । अब चीन के शहरों में लोग साल के किसी भी मौसम में सभी फल व सब्जी प्राप्त कर सकते हैं । इस के साथ ही चीन के वैज्ञानिकों ने सूचना तकनीक , जीन अनुसंधान और अंतरिक्ष उड्डयन आदि के क्षेत्रों में भी भारी प्रगति प्राप्त की । तकनीकी प्रगति का अंतिम लक्ष्य जन कल्याण ही होता है । चीनी विज्ञान व तकनीक मंत्रालय के प्रवक्ता श्री शी तींग ह्वान ने कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान का उद्देश्य , देश की समृद्धि और जन जीवन की उन्नति ही है । देश की दसवीं पंचवर्षीय योजना यानी सन वर्ष दो हजार एक से पांच तक , के दौरान चीन सरकार की तकनीकी प्रगति की योजना में कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग , प्रदूषित जल के निपटारे , खाद्य पदार्थ की सुरक्षा की गारंटी तथा साफ ऊर्जा के इस्तेमाल आदि के महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है । इंन विषयों में तकनीकी प्रगति से जन जीवन स्तर और उन्नत ही हो जाएगा ।
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