चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा के जोखांग मठ के आसपास बा च्यो जे नामक व्यपार केंद्र है , जहां अनेक नेपाली व्यापारी व्यापार करते हैं । ल्हासा की यात्रा के दौरान मैं ने बा च्यो जे व्यापार केंद्र का दौरा किया , वहां की ढेर सारी दुकानों में एक नेपाली दुकान बहुत विशेष लगती है । यह है श्यामु कपू की नेपाली दुकान, जिस में दक्षिण एशिया की कांस्य वस्तुएं, बुद्ध मुर्तियां और आभूषण बिकती हैं । काठमांडू से आए श्री रत्न कुमार तुलाधर इस दुकान के मालिक हैं । उन के साथ साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि उन्हें तिब्बत में व्यापार किए अब तक 20 साल हो चुके हैं ।
श्री रत्न कुमार तुलाधर को नेपाली, हिन्दी, तिब्बती और अंग्रेजी आदि भाषा ही नहीं, सरल चीनी भाषा भी आती है, जान पड़ता है कि वे एक भाषाविद्वान हों । जब मैं हिन्दी का प्रयोग कर श्री रत्न के साथ बातचीत शुरू की, तो उन्हें बड़ी खुशी हुई । विश्व के छत पर स्थित तिब्बत में एक चीनी ग्राहक के साथ हिन्दी से बातचीत करने पर उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ । उन्होंने मुझे बताया कि ल्हासा के श्यामुकपू नामक दुकान नेपाल में एक मशहूर अंतरराष्ट्रीय व्यापार कंपनी की शाखा है , पिछले 20 सालों से वे ल्हासा में इस शाखा की देखरेख कर रहे हैं । तिब्बत में आवास के बीस सालों में श्री रत्न ने तिब्बत में हुए भारी परिवर्तन को अपनी आंखों से देखा है।
श्री रत्न कुमार तुलाधर के साथ हुई बातचीत
श्री रत्न कुमार तुलाधर की नजर में वर्तमान का तिब्बत पहले से कहीं अधिक सुन्दर हो गया है, यहां की यातायात सुविधाजनक है, खाने पीने की चीज़ें प्रचूर और स्वादिष्ट उपलबध होती हैं और तिब्बती लोग बहुत मेहमाननवाज हैं ।
चीन और नेपाल अच्छे पड़ोसी देश हैं, इस लिए चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में व्यापार करना उन्हें को बहुत सुविधापूर्ण लगता है ।
श्री रत्न की दुकान ल्हासा के जोखांग मठ के निकट स्थित बा च्यो जे व्यापार केंद्र में स्थित है और उन का घर भी दुकान के पीछे बसा हुआ है । उन के घर में एक कंप्युटर है , श्री रत्न ने मुझे बताया कि वे हर रोज़ चाइना रेडियो इन्टरनेशनल के नेपाली व हिन्दी वेबसाइट का दौरा करते हैं, समाचार देखते हैं और सी.आर.आई की इन्टरनेट रेडियो से रिपोर्ट सुनते हैं । उन्होंने कहा कि सी.आर.आई की वेबसाइट से वे चीन के भीतरी इलाके, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश और विश्व के ताज़ा समाचार सुनते ही नहीं, अच्छी गुणवत्ता वाली आन लाइन रेडियो रिपोर्ट भी सुन सकते हैं । उन्हें लगा कि सी.आर.आई के नेपाली और हिन्दी वेबसाइट बहुत अच्छी है ।
बौद्ध धर्म का अनुयायी होने के नाते श्री रत्न कुमार अकसर तिब्बत के मठों में जाकर पूजा करते हैं । ल्हासा के बा च्यो जे व्यापार केंद्र जोखांग मठ के पास आबाद है । श्री रत्न को देखने को मिलता है कि हर दिन बड़ी संख्या में तिब्बती लोग यहां आकर धार्मिक चक्र लिए सूत्र गुनगुनाते हुए चक्कर काटते हैं । उन्हें लगा कि तिब्बती लोग बहुत शांति प्रिय हैं , वे हर रोज़ धार्मिक सूत्र की पाठ करते हुए चक्कर काटते हैं और पूजा करते हैं, चीन में तिब्बती लोगों को धार्मिक विश्वास की पूरी स्वतंत्रता होती है ।
श्री रत्न कुमार की आशा है कि भविष्य में वे चीन के भीतरी इलाके की यात्रा करेंगे और भीतरी इलाके में अपनी कंपनी की एक शाखा भी खोलेंगे ।
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