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(GMT+08:00) 2005-08-01 17:22:16    
सेननूग फूसी रंगीन कपास फिल्म

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आज के इस कार्यक्रम में हम कोआथ, बिहार के प्रमोद कुमार केशरी, खरियार रोड, उड़ीसा के चीन मैत्री क्लब के अध्यक्ष श्री हेम सागर नाएक, मुजफ्फरपुर, बिहार के जसीम अहमद, शमीम अहमद, गुल्लाम नवी, कोआथ, बिहार के सुनील केशरी, डी डी साहिबा, संजय केशरी, बविता केशरी प्रियंका केशरी खुशबू केशरी, एस के जिंदादिल, धनवंतरी देबी, सिताराम केशरी, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश के मोहम्मद शाहिद आजमी, मोहम्मद नौशाबा परवीन आजमी और मऊ, यू पी के राजेन्द्र यादव भारती, उषा देवी भारती,जीपाजंली के पत्र शामिल कर रहे हैं।

पहले कोआथ, बिहार के प्रमोद कुमार केशरी का पत्र लें। उन्होंने चीन के सम्राट फूसी तथा सेननुंग के बारे में विस्तार से जानकारी देने का निवेदन किया है।

प्रमोद कुमार केशरी भाई, फ़ूसी का प्राचीन चीन के उस समय से संबंध है, जब चीन में पितृसत्तात्मक व्यवस्था थी। चीन के लिखित इतिहास में वे प्रथम सम्राट थे। उन की जन्मभूमि आज के उत्तर-पश्चिमी चीन के कानसू प्रांत में थी। बाद में वे मध्य चीन के हनान में जा बसे। 6500 वर्ष पहले फ़ूसी ने उत्तरी चीन की जातियों का एकीकरण किया और ड्रैगन को चीनी राष्ट्र का प्रतीक बनाया। यह सांप के शरीर, मकर के सिर, हिरन के सींग, बाघ की आंखों, लाल मछली के शल्क, भीमकाय गोधिका छिपकली की टांगों, बाज़ के नाखून, शार्क के पूंछ और ह्वेल के दाढ़ी लिये दिखता है।

उन्होंने चीनी राष्ट्र के लिए बहुत बड़ा योगदान किया। उन्होंने आग सुलगाने के उपाय और लिपियों का आविष्कार किया, वाद्य बनाना शुरू किया और कुलनाम व शादी व्यवस्था आरम्भ की। इस तरह उन्होंने चीनी राष्ट्र की सभ्यता विकसित की।

  कांसू प्रांत में फ़ूसी की स्मृति में एक समाधि स्थापित है।

  सेननुंग प्राचीन चीन के एक महापुरुष थे। वे ऐसे समाज से संबंध रखते थे, जिसका अर्थतंत्र वनस्पति और मछली पालन करने और शिकार करने से कृषि में परिवर्तित हो रहा था। उन्होंने कृषि, उपचार की पद्धति और औषधियों का आविष्कार किया। कृषि उत्पादन को गति देने के लिए उन्होंने विविध औजारों का भी आविष्कार किया और लोगों को खेती करना सिखाया।

अब खरियार रोड, उड़ीसा के चीन मैत्री क्लब के अध्यक्ष श्री हेम सागर नाएक का पत्र देखें। उन्होंने पूछा है कि क्या चीन में भी रंगीन कपास की खेती होती है।

हेम सागर नाएक भाई, चीन में भी रंगीन कपास की खेती होती है। पर्यावरण संरक्षण की प्रक्रिया में हरी वस्तुओं के उपभोग की इधर एक नई शैली बनी है। इस के प्रभाव में आ कर रंगीन कपास की खेती और टेक्सटाइल का एक नया व्यवसाय शुरू हुआ है।

चीनी टेक्सटाइल उद्योग महासंघ के निदेशक ने इस वर्ष के शुरू में जानकारी दी कि चीन विश्व में रंगीन कपास का सबसे बड़ा उत्पादक बन चुका है। चीन का रंगीन कपास का उत्पादन विश्व के रंगीन कपास उत्पादन का एक तिहाई है।

चीनी रंगीन कपास समूह को लीजिए। यह चीन का सब से बड़ा रंगीन कपास उत्पादक है। वर्ष 2002 में इसका रंगीन कपास का उत्पादन 14 हजार टन रहा, जो चीन में उत्पादित रंगीन कपास का 95 प्रतिशत था। इससे बनी वस्तुओं की किस्में भी 400 से अधिक रहीं।

चीन में रंगीन कपास की खेती 8 साल पहले शुरू हुई। वर्तमान में सिंच्यांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश और हुपेई, शानतुंग जैसे प्रांतों में रंगीन कपास की खेती होती है। चीन में उत्पादित रंगीन कपास की गुणवत्ता विश्व के प्रगतिशील स्तर पर जा पहुंची है।

हेम सागर नाएक भाई ने यह भी पूछा है कि चीन में सिनेमा की शुरूआत कब हुई और चीन में हर साल कितनी फिल्में तैयार की जाती हैं।

सिनेमा का आविष्कार 19 वीं शताब्दी के अंत में हुआ। वर्ष 1889 में विश्वविख्यात वैज्ञानिक थोमस अल्वा एडिसन ने अमेरिका में फिल्म मशीन तैयार की। 1895 में सिनेमा का आरम्भ हुआ। इस साल 28 दिसंबर को फ्रांस के लुमिएर भाइयों ने पेरिस में सिनेमा के अनेक शो दिखाए। इस दिन को सिनेमा का आरम्भ बताया जाता है।

वर्ष 1896 के शुरू में लुमिएर कम्पनी के 20 से अधिक कर्मचारी सिनेमा का प्रसार करने जापान, चीन और भारत गए। 11 अगस्त को चीन के शांहाई में सिनेमा का पहला शो दिखाया गया। चीन में यह सिनेमा का आरम्भ था।

इस के बाद चीन में सिनेमा का प्रसार तेज गति से हुआ। 20 वीं शताब्दी के शुरू में चीन के हर प्रांत की राजधानी व अनेक सीमावर्ती इलाकों में सिनेमा प्रचलित हो चुका था।

8 दिसंबर,1906 को उत्तरी चीन के थ्येनचिन शहर में चीन का प्रथम सिनेमाघर खुला।

अब मुजफ्फरपुर, बिहार के जसीम अहमद, शमीम अहमद और गुल्लाम नवी का पत्र लें। उन्होंने कन्फ्यूशियस के जीवन के बारे में बताने और उनके उपदेशों से भी अवगत कराने की मांग की है।

कन्फ्यूशियस प्राचीन चीन के एक महान विचारक और शिक्षक थे और कन्फ्यूशियसवाद के संस्थापक भी।

उन का जन्म ईसा पूर्व 551 में या वसंत-शरत काल में पूर्वी चीन के लू राज्य में हुआ था। उन्होंने मानवता की विचारधारा पेश की।

कन्फ्यूशियस ने शिक्षक की हैसियत से 3000 शिष्यों को दीक्षा दी। बाद में इन में से 72 महापुरुष बने।

उन्होंने चओ राजवंश की शुरुआत से उसके बाद के 500 सालों में लिखी गईं 305 कविताओं का संग्रह कर एक काव्य सूत्र तैयार किया, प्राचीन तास ग्रंथों का संग्रह कर शांगशू नामक सूत्र रचा और इतिहास रचना छ्वनछु का संपादन किया। उन के शिष्यों ने उन के उद्धरणों के आधार पर लुनय्वी नामक सूत्र तैयार किया।

उन्होंने अनेक राज्यों का भ्रमण कर वहां संस्कृति का प्रचार किया। उन्होंने क्फ्यूशियसवाद की स्थापना की। बाद में यह विचारधारा चीनी राष्ट्र की संस्कृति की प्रमुख धारा बनी। यह विचारधारा आज भी बड़ी प्रभावशाली है।

कोआथ, बिहार के सुनील केशरी, डी डी साहिबा, संजय केशरी, बविता केशरी प्रियंका केशरी खुशबू केशरी, एस के जिंदादिल, धनवंतरी देबी, सिताराम केशरी, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश के मोहम्मद शाहिद आजमी मोहम्मद नौशाबा परवीन आजमी और मऊ, यू पी के राजेन्द्र यादव भारती, उषा देवी भारती,जीपाजंली ने जानना चाहा है कि चीन के प्रशासनिक क्षेत्र कुल कितनी श्रेणियों में बंटे हैं और चीन की प्रशासनिक व्यवस्था के बारे में विस्तार से बताने की मांग की है।

चीन का पूरा नाम चीन लोक गणराज्य है। इस की स्थापना 1 अक्टूबर,1949 को हुई। चीन का कुल क्षेत्रफल 96 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक है, जो विश्व में रूस और कनाडा के बाद तीसरे स्थान पर है। चीन में प्रशासनिक क्षेत्र चार श्रेणियों में बंटे हैं। पहली श्रेणी में प्रांत, स्वायत प्रदेश और केन्द्र शासित शहर शामिल हैं, दूसरी श्रेणी में प्रिफेक्चर, मंग, स्वायत प्रिफेक्चर और शहर आते हैं, तीसरी श्रेणी में जिला, स्वायत्त जिला, छी, स्वायत्त छी, और जिला स्तरीय शहर शामिल हैं तो चौथी श्रेणी में टाउनशिप, अल्पसंख्यक जातीय स्वायत्त टाउन और कस्बे आते हैं।

दूसरी श्रेणी के प्रशासनिक क्षेत्रों के मंग भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश में ही रखे गये हैं, जो प्रिफेक्चर के बराबर हैं और तीसरी श्रेणी के क्षेत्रों के छी भी भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश में ही मिलते हैं और जिले के बराबर हैं।

चीन में पहली श्रेणी के कुल 34 प्रशासनिक क्षेत्र हैं, जिन में 23 प्रांत, 5 स्वायत्त प्रदेश और चार केन्द्र शासित शहर और दो विशेष प्रशासनिक क्षेत्र शामिल हैं। शहरों, स्वायत्त प्रिफेक्चरों और मंगों की कुल संख्या 670 है। जिले के स्तर के प्रशासनिक क्षेत्र 2868 हैं, जिन में तीन द्वीपसमूह भी शामिल हैं।

अंत में हम कोआथ, बिहार के सुनील केशरी, डी डी साहिबा, संजय केशरी और प्रियंका केशरी का पत्र ले रहे हैं। उन्होंने अपने पत्र में पूछा है कि चीन में हिंदी बेवसाइट कब शुरू हुई और इस की स्थापना किस दिन हुई।

दिसंबर 1999 में सी आर आई की वेबसाइट सेवा शुरू हुई। 28 दिसंबर 2003 को सी आर आई की 43 भाषाओं की सेवाओं ने अपनी-अपनी वेबसाइट शुरू कीं। इस तरह आप वेबसाइट पर जब चाहें हिंदी भाषा के प्रोग्राम भी सुन सकते हैं। यह चीन की एकमात्र हिंदी वेबसाइट है। इस के अलावा आप सी आर आई की वेबसाइट पर नेपाली, बंगाली, उर्दू, तमिल जैसी भाषाओं के प्रोग्राम भी देख- सुन सकते हैं।

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