चीन में आर्थिक विकास एवं चीनी लोगों के जीवन स्तर के उन्नत होते जाने के साथ साथ, मोबाइल फोन आम उपभोक्ता वस्तु बन गया है। चीन की कुल जन संख्या है 1 अरब 30 करोड़ ।और हर दस में एक व्यक्ति के पास मोबाइल फोन है। यों एक लम्बे अरसे तक चीनी लोग मोटोराला जैसे मोबाइल फोनों का इस्तेमाल करते रहे । पर इधर के वर्षों में स्थिति में कुछ परिवर्तन हुआ है। अनेक चीनी ग्राहकों की चीनी कारोबारों द्वारा उत्पादित मोबाइल फोनों के इस्तेमाल में रुचि बढ़ी है। ।
दक्षिण पश्चिमी चीन के छडं तु इलेक्ट्रौनिक वैज्ञानिक व तकनीक विश्विद्यालय के स्नातक श्री वेन मिंग च्येन चीन में सूचना विज्ञान में पीएडी पाने वाले प्रथम व्यक्ति भी हैं। दस वर्ष पहले, जब उन्होंने विश्विद्यालय से समाज में प्रवेश पाया , तब चीन का मोबाइल फोन बाजार विदेशी मार्कों से पटा पड़ा था। ये मोबाइल फोन बहुत महंगे थे। तब एक मोबाइल फोन का दाम किसी आम चीनी मजदूर की एक वर्ष की आमदनी के बराबर था। सो श्री वेन मिंग च्येन ने निर्णय लिया कि वे चीनी लोगों के लिए उन के अपने मोबाइल फोन बनाएंगे।
वर्ष 1999 में दक्षिणी चीन के मशहूर कारोबार टी सी एल सूचना उपकरण कंपनी में काम करते हुए श्री वेन मिंग च्येन ने टी सी एल कंपनी की ओर से आम चीनियों के लिए मोबाइल फोन बनाने का आदेश पाया।
उसी वर्ष श्री वेन मिंग च्येन ने टी सी आए मोबाइल सूचना कंपनी के गठन के बाद उस के जनरल मैनेजर बने और केवल सात आठ व्यक्तियों को साथ लेकर टी सी आए मोबाइल सूचना कार्य की शुरुआत की।
तब चीन में मोबाइल फोन पर बहुत अनुसंधान नहीं हुआ था, इसलिए, उस के मार्के अंतरराष्ट्रीय मार्कों का मुकाबला करने में सक्षम न थे। अनेक चीनी कारोबार तब केवल विदेशी मार्कों का मोबाइल फोनों के लिए संसाधन जुटाने का काम भर करते थे। सिर्फ आर्थिक लाभ पाने के लिए श्री वेन मिंग च्येन भी दूसरों की ही तरह विदेशी मोबाइल फोनों से जुड़े उत्पादन में लग सकते थे, लेकिन, उन्होंने चीनी लोगों के लिए चीनी मार्के के मोबाइल फोनों के अनुसंधान का निर्णय लिया। श्री वेन मिंग च्येन के विचार में मोबाइल फोन का उत्पादन खाना बनाने की तरह है। जब हमारे पास कच्ची सामग्री हो, तो हमें उन्हें विभिन्न तरीकों से पकाना चाहिए ।
उन्होंने बताया, मैं मौजूद कच्ची सामग्री का इस्तेमाल कर विशेष मोबाइल फोनों का अनुसंधान व उत्पादन करना चाहता हूं। ज्ञान व उच्च तकनीक पर आधरित निर्माण उद्योग से हम सिर्फ पैसे ही नहीं कमाते, कुछ विशेष चीजें भी प्राप्त करते हैं। श्री वेन मिंग च्येन ने स्वदेश के लिए स्वदेशी मार्के के मोबाइल फोनों के उत्पादन की योजना बनायी। और पीएचडी एवं मास्टर डिग्री हासिल सैकड़ों लोगों के साथ TCL मोबाइल सूचना अनुसंधान केंद्र की स्थापना की । उन्होंने अमरीका, दक्षिण कोरिया, फ्रांस एवं जापान में भी अपने अनुसंधान व विकास केंद्र औऱ सहयोग संस्थाओं की नींव रखी।
घड़ियों के शौकीन हैं श्री वेन मिंग च्येन का मानना है कि मोबाइल फोन उच्च तकनीक पर आधारित उत्पाद हैं, पर एक तरह के सांस्कृतिक उत्पादन भी हैं। उन्होंने मोबाइल फोन को नये व भरपूर सांस्कृतिक अर्थ दिये हैं। TCL के मोबाइल फोनों पर मूल्यवान पत्थर भी जुड़े गये हैं, जो श्री वेन मिंग च्येन की ही विशेष अंतः प्रेरणा हैं। गुलाबी लाल , शाम्पिंग स्वर्ण एवं हाथी दांत के रंगों ने इन पत्थरों में बहुत कुछ जोड़ा , इस से TCL के मोबाइल फोन में उच्च तकनीकी के साथ साथ सांस्कृतिक रंग भी लिये हुए हैं।
श्री वेन मिंग च्येन ने अकसर कंपनी के वैज्ञानिकों व अनुसंधानकर्त्ताओं से कहते हैं कि हमें कला के मापदंड से मोबाइल फोन का उत्पादन करना चाहिए। मोबाइल फोन एक तरह की कला वृति है, जो उपभोक्ताओं का सौंदर्य बोथ बढ़ा सकती है । उन का कहना है, मोबाइल फोन अब केवल बातचीत करने का एक उपकरण नहीं रहा, बल्कि अपनी विशेषता का प्रतिबिंब भी बन गया है। वह आप के सांस्कृतिक स्तर, सौन्दर्य बोध औऱ आप की आर्थिक स्थिति की झलक देता है।
तीन वर्षों में TCL मोबाइल फोन सूचना कंपनी कुछ कर्मचारियों वाली छोटी कंपनी से बढ़कर 5000 से ज्यादा लोगों की बड़ी कंपनी बन गयी है। वर्ष 2001 में कंपनी ने कुल 13 लाख मोबाइल फोन बेचे , और इस बिक्री से उसे 2 अरब चीनी य्वान की आय हुई। TCL की बिक्री चीन द्वारा निर्मित मोबाइल फोनों की कुल बिक्री में प्रथम स्थान पर रही, उस का यह विष्य मूल्य चीन के मोबाइल फोन बाजार का 10.2 प्रतिशत दर्ज किया गया । चीन उस ने सैमसुंग और ऐरिक्सन जैसी अनेक विश्वविख्यात मोबाइल फोन कंपनियों को भी पीछे छोड़ दिया हैं।
श्री वेन मिंग च्येन आज के मशहूर कारोबारियों में गिने जाते हैं। वे विशेष सरकारी
सम्मान करने वाले व्यवसायिकों में से एक बन गये हैं । हाल में उन्हें चीन के दस उल्लेखनीय युवकों में भी चुना गया।
अपनी उपलब्धियों के प्रति श्री वेन मिंग च्येन का कहना है, मैं आगे और महनत से काम करूंगा और देश को और शक्तिशाली व समृद्ध बनाने के लिए संघर्ष करता रहूंगा। मेरे विचार में हर शक्तिशाली देश को मजबूत आर्थिक समर्थन की जरुरत होती है।
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