चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की ताज़ा यानी सोलहवीं कांग्रेस का यह आह्वान भी रहा कि पार्टी व सरकार को रोजगार के अवसरों का विस्तार कर जन जीवन में निरंतर सुधार लाना चाहिए। पार्टी कांग्रेस ने आगामी दस वर्षों में रोजगार समस्या को पूरी तरह से हल करने की अपील की। आज के जीवन और समाज कार्यक्रम में हम बात करेंगे चीन में रोजगार की।
तीस वर्षीय श्री सुंग तुंग शन पर अब एक गराज में कारों की देखभाल की जिम्मेदारी है। वे बहुत जोशीले आदमी हैं । उन का काम बहुत अच्छ है। लोग उन के काम से बहुत संतुष्ट हैं। उन्होंने हमें बताया कि उन्हें एक वर्ष पहले ही यह काम मिला। वे भी अपने काम से बहुत संतुष्ट जान पड़े जब उन्होंने कहा, इस काम से मेरी माहवार कमाई 500 य्वान है। मुझे मुहल्ले के जरिए यह काम मिला। इस काम से मैं संतुष्ट हूं। मेरी पत्नी गांव से यहां आयी और अब दवाएं बेचती हैं।
श्री सुंग तुंग शन ने बताया कि इस काम के अलावा, वे दूसरी जगह भी और एक काम करते हैं। इस तरह वे एक महीने में 1000 य्वान से ज्यादा की आय प्राप्त करते हैं। चीन की जनसंख्या है 1 अरब 30 करोड़ , इन में 70 करोड़ श्रमिक हैं। हर वर्ष 2 करोड़ से ज्यादा लोग नये रोजगार के लिए तैयार होते हैं। रोजगार सवाल के हल के लिए इन कुछ वर्षों में चीन सरकार औऱ समाज के विभिन्न जगतों ने भी अनेक कदम उठाए हैं। प्रति वर्ष सरकार लोगों के लिए रोजगार के नये 70 से 80 लाख तक अवसर जुटाती है।
चीनी राष्ट्राध्यक्ष च्यांग ज मिन ने वर्ष 2002 के सितंबर माह में आयोजित रोजगार व पुनः रोजगार कार्य सम्मेलन में रोजगार को जन -जीवन का आधार माना । पेइचिंग में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 16वीं कांग्रेस को प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में उन्होंने रोजगार व पुनः रोजगार , सामाजिक सुनिश्चितता व्यवस्था की मजबूती , औऱ सामाजिक वितरण आदि सवालों पर स्पष्ट राय भी दी। श्री च्यांग ज मिन के अनुसार, रोजगार जनता के जीवन का आधार है। रोजगार समस्या का हल करना चीन के वर्तमान और भविष्य का एक भारी मिशन है। देश ने रोजगार के अवसर बढाने की दीर्घकालिक रणनीति नीति बनायी है। पार्टी की विभिन्न स्तरीय शाखाओं को पर्यावरण संरक्षण तथा रोजगार के अवसर के विस्तार को अपना एक महत्वपूर्ण कर्तव्य मानना चाहिए और इस क्षेत्र में लचीलापन अपनाकर स्व रोजगार का पर्याप्त प्रोत्साहित करना चाहिए।
चीनी श्रमिक एवं सामाजिक प्रतिभूति मंत्रालय के अधइकारी श्री वांग ईंग ज्ये का
मानना है कि रोजगार एक दीर्घकालिक व जटिल समस्या है। चीन वर्तमान के आर्थिक ढांचे का बंदोबस्त करने और राजकीय कारोबारों के सुधार को गहराने के कुंजीभूत समय में राजकीय कारोबारों की छंटनी से निकले मजदूरों के पुनः रोजगार देने को सर्वोच्च महत्व देता है। इस सवाल का हल होने पर ही चीन रोजगार समस्या का हल खोज आएगा।
श्री वांग ईंग ज्ये ने बताया कि वर्ष 1998 से वर्ष 2001 तक, चीन में बेरोजगारों की संख्या 2 करोड़ 5 लाख रही, यों और 16 करोड़ 80 लाख बेरोजगारी ने पुनः रोजगार प्राप्त कर सके। वर्ष 2002 के जुलाई से सितंबर के बीच सिर्फ तक तीन महीने में कुल 7 लाख 70 हजार बेरोजगारी ने पुनः रोजगार हासिल किया। बेरोजगारों तथा अन्य लोगों के लिए रोजगार के मौके पैदा करने के लिए चीन के संबंधित विभाग अब विशेष नीतियां बना रहे हैं। श्री वांग का कहना है, हमें आर्थिक विकास को रोजगार की खोज से जोड़ना है। सामुदायिक सेवा का जोरदार विकास करना होगा, व्यापारिक , वाणिज्य तथा रेस्तरां उद्दोग का विकास करना होगा, विदेशी पूंजी निवेश तथा शेयर व्यवस्था आदि अनेक किस्मों के आर्थिक ढांचों का जोरदार विकास करना होगा, मध्यम व छोटे कारोबारों पर जोर देना होगा और सेवा व्यवसाय का विकास करना होगा। इस से अधिक से अधिक श्रमिकों को इन व्यवसायों में रोजगार दिलाया जा सकेगा । इतना ही नहीं, हमें बेरोजगारों को प्रोत्साहन भी देना होगा। उन्हें अंशकालिक part time काम देना और अस्थायी काम देना होगा।
श्री वांग इंग ज्ये ने बताया कि हाल ही में बेरोजगारों को नये रोजगार देने के लिए चीन ने दस उदार नीतियां पेश की हैं। उन्होंने बताया , बेरोजगारों को प्रशिक्षण देने , सेवा व्यवसाय तथा पुराने राजकीय कारोबारों की निकले मजदूरों के प्रबंध में देश उन के देय कर को कम करने या उन्हें कर मुक्त रखने की नीति अपनाता है। बेरोजगारों को अपने निजी व्यवसाय शुरु करने के लिए बैंक छोटे ऋण भी देते हैं । चीन के बेरोजगारों का अधिकांश महिलाएं हैं। हाल में चीन की बेरोजगार महिलाओं की उम्र का औसत बढ़ा है। पर उन का सांस्कृतिक स्तर उपेक्षाकृत नीचा है। उन्हें कैसे पुनः रोजगार के मौके दिये जाए चीन सरकार के लिए यह एक बड़ा कठिन सवाल है।
चीन का सब से बड़ा महिला संगठन , अखिल चीन महिला संघ पिछले कई वर्षों से महिला बेरोजगारों को मदद देने की कोशिश करता रहा है। भविष्य का उस का प्रमुख लक्ष्य इन महिलाओं की गुणवत्ता को उन्नत करना है, ताकि वे महिलाएं समाज में अपना सुनिश्चित स्थान खोज सकें। महिला संघ की उपाध्यक्ष सुश्री शन शू ची का कहना है, हमें व्यवहारिक तकनीकी प्रशिक्षण का विकास करना होगा। इस से बेरोजगार स्त्रियां जिन की उम्र छोटी पर सांस्कृतिक गुणवत्ता उच्च है, सरल प्रशिक्षण के बाद भी आसानी से नया रोजगार खोज सकती हैं। पर अन्य लोगों को, जिन की उम्र अपेक्षाकृत बड़ी है, और जो भारी पारिवारिक दबाव भी झेल रही हैं, व्यवहारिक तकनीकी प्रशिक्षण देना जरुरी होगा । मिसाल के लिए हम उन्हें पारिवारिक सेवा में प्रशिक्षण दे सकते हैं।
चीनी श्रम व सामाजिक सुनिश्चितता मंत्रालय के अधिकारी श्री वांग इंग ज्ये का मानना है कि समाज के विकास के साथ साथ, चीनी बेरोजगारों की पुनःरोजगार पाने की स्थिति कदम ब कदम अच्छी होती रहेगी। उन का विश्लेषण है कि आगामी दस वर्षों में, चीन के गांवों से अनेक श्रमिक शहर आएंगे। चीन शहरी व कस्बाई विकास प्रक्रिया को तेज कर भी ग्रामीण श्रमिकों की रोजगार समस्या का हल करेगा। वर्ष 2020 में चीन में देश की कुल जन संख्या में शहरी नागरिकों का प्रतिशत अब के लगभग 38 प्रतिशत से बढकर 56 प्रतिशत होने का अनुमान है।
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