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(GMT+08:00) 2005-07-28 16:09:38    
चीनी तिब्बत का सांस्कृतिक सप्ताह हांगकांग में लोकप्रिय

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तिब्बती जीवित बुद्ध नाछान के अनुसार बर्फीले क्षेत्र का रत्न नाम से चीनी तिब्बत का सांस्कृतिक सप्ताह हांगकांग में तिब्बत की ऐसी पहली बड़ी सांस्कृतिक गतिविधि है। उन का कहना है कि यह गतिविधि चीन की केन्द्रीय सरकार द्वारा तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना की चालीसवीं वर्षगांठ की खुशी मनाने के लिए योजनानुसार आयोजित अनेक गतिविधियों में से एक है।

यहां बता दें कि पंद्रह जुलाई से हांगकांग में बर्फीले क्षेत्र का रत्न नाम से चीन के तिब्बत संस्कृति सप्ताह सफलता के साथ आयोजित हुआ । यह केन्द्रीय सरकार द्वारा तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना की चालीसवीं वर्षगांठ की खुशी मनाने के लिए आयोजित की अनेक गतिविधियों में से एक है। इस दौरान तिब्बती बौद्ध धर्म के दुर्लभ सांस्कृतिक अवशेष हांगकांग में पहली बार दर्शाये गये । हांगकांग में आयोजित चीनी तिब्बत का सांस्कृतिक सप्ताह गतिविधि में भाग ले रहे कुछ तिब्बती जीवित बुद्धों व वरिष्ठ भिक्षुओं ने सोलह तारीख को हांगकांग के बौद्ध धर्म के वरिष्ठ भिक्षुओं व सौ से अधिक बौद्ध धर्म अनुयायियों के साथ मिलकर बौद्ध धर्म व स्नेहमय समाज की स्थापना करने के शीर्षक से एक गोष्ठी का आयोजन किया।

हांगकांग के बौद्ध धर्म संघ के अध्यक्ष, बुजुर्ग धर्माचार्य च्वे क्वांग ने कहा कि तिब्बती बौद्ध धर्म चीन के पूर्ण बौद्ध धर्म का एक अभिन्न हिस्सा है, हान और तिब्बत एक परिवार के हैं, तथ्य इस के गवाह हैं। हांगकांग में हान बौद्ध धर्म व तिब्बती बौद्ध धर्म के बीच हमेशा से अच्छा सहयोग बना रहा है, इस बार की गोष्ठी हांगकांग के बौद्ध धर्म जगत की एक महत्वपूर्ण घटना है। संबंधित सूत्रों के अनुसार यह गतिविधि हांगकांग में बर्फीले क्षेत्र का रत्न नाम से आयोजित हुए चीन के तिब्बत संस्कृति सप्ताह में शामिल हुई। पता चला है कि चीनी राज्य परिषद के सूचना कार्यालय, हांगकांग स्थित चीनी केन्द्रीय जन सरकार के संपर्क कार्यालय तथा तिब्बत स्वायत्त प्रदेश सरकार ने संयुक्त रूप से यह तिब्बत संस्कृति सप्ताह हांगकांग में आयोजित किया । हाल ही में हमारी संवाददाता को तिब्बती जीवित बुद्ध नाछान के साथ बातचीत कगने का मौका मिला । तब तिब्बती जीवित बुद्ध नाछान ने कहा कि यह हांगकांग में तिब्बत की ऐसी पहली बड़ी सांस्कृतिक गतिविधि है ।उन का कहना है कि यह गतिविधि चीन की केन्द्रीय सरकार द्वारा तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना की चालीसवीं वर्षगांठ की खुशी मनाने के लिए योजनानुसार आयोजित अनेक गतिविधियों में से एक है।

यहां बता दें कि चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अध्यक्ष श्री शांगपाफिंगछो ने अठारह तारीख को हांगकांग में तिब्बती सांस्कृतिक सप्ताह को संबोधित करते हुए कहा कि चीन की केन्द्र सरकार का तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास की प्रक्रिया में उसकी पारिस्थितिकी और परम्परागत संस्कृति के संरक्षण पर पूरा ध्यान है। श्री शांगपाफिंगछो ने इस दिन एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि अनेक लोगों के विचार में तिब्बत की आदिम स्थिति बरकरार रखी जानी चाहिए, पर स्थानीय लोगों को आधुनिकीकरण को गति देना और जीवन स्तर को उन्नत करना चाहिए। तिब्बत पुराने पिछड़ेपन में नहीं रहेगा।

उन्होंने कहा कि तिब्बती लोग अपनी मातृभूमि से गहरा प्यार करते हैं। वर्तमान में वहां प्रकृति संरक्षण क्षेत्र का क्षेत्रफल 4 लाख वर्गकिलोमीटर है, जो स्वायत्त प्रदेश के क्षेत्रफल का एक तिहाई है। विश्व व चीन में ऐसा बहुत दुर्लभ है। हाल ही में हमें खबरी मिली कि बहुत से हांगकांग वासियों का कहना है कि उन्हों ने चीन के तिब्बत के सांस्कृतिक सप्ताह से प्यार किया है और इस सांस्कृतिक सप्ताह से उन्हें तिब्बत के बारे में बहुत जानकारियां मिली हैं । बहुत से लोगों का कहना है कि तिब्बत की श्रेष्ठ परम्परागत संस्कृति चीनी राष्ट्र की मूल्यवान संपदा है। हांगकांग में आयोजित तिब्बती सांस्कृतिक सप्ताह हांगकांग के बन्धुओं की मातृभूमि की विविध अल्पसंख्यक जातियों की संस्कृति के प्रति समझ उन्नत करेगा और मातृभूमि के भीतरी इलाकों व हांगकांग के सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रेरित करेगा।

पंद्रह जुलाई से हांगकांग में बर्फीले क्षेत्र का रत्न नाम से चीन के तिब्बत संस्कृति सप्ताह सफलता के साथ आयोजित हुआ । एक जानकारी के अनुसार, हांगकांग में प्रदर्शित साठ सांस्कृतिक अवेशषों में बौद्ध चित्र, धार्मिक रस्मों में प्रयोग में आने वाली वस्तुएं, बौद्ध स्तूप तथा तथा भिक्षुओं द्वारा प्रयोग की जाने वाली रोजमर्रा की वस्तुएं शामिल हुए । इन में से दस मूल्यवान सांस्कृतिक अवशेष पहली बार हांगकांग में प्रदर्शित हो गये । हमारे संवाददाता को हाल ही में बर्फीले क्षेत्र का रत्न नाम से चीन के तिब्बत संस्कृति सप्ताह में भाग लेने वालों में से अनेक तिब्बती जीवित बुद्ध के साथ बातचीत करने का मौका मिला । उन के साथ बातचीत के आधार पर अनेक कार्यक्रम तैयार किये गये हैं ।

मिसाल के लिये हमारी संवाददाता ने जीवित बुद्ध नाछान के साथ बातचीत की और बातचीत के आधार पर एक कार्यक्रम तैयार किया । पता चला है कि जीवित बुद्ध नाछान चीनी बौद्ध विद्यालय के उप प्रधान हैं और उन्हें इस पद पर अनेक वर्ष हो चूके हैं ।हमारी संवाददाता के साथ बातचीत में जीवित बुद्ध नाछान ने बहुत कुछ बताया और हमारी संवाददाता के अनुरोध पर विश्व शांति के लिये प्रार्थना की । उन की आवाज आप हमारे कार्यक्रम आज का तिब्बत से सुन सकेंगे ।आप का हमारे नियमित कार्यक्रम आज का तिब्बत के सुनने पर हार्दिक स्वागत करते हैं । यहां बता दें कि हम अपने कार्यक्रम आज का तिब्बत के जरिये आप को तिब्बती भाषा सिखायेंगे । इस बार हम आप को सिखायेंगे कि तिब्बती भाषा में बर्फीले क्षेत्र का रत्न और चीन के तिब्बत का सांस्कृतिक सप्ताह कैसे बोलते हैं । आप का हमारे नियमित कार्यक्रम आज का तिब्बत के सुनने पर हार्दिक स्वागत करते हैं । हमारे सुन्दर कार्यक्रम में तिब्बती लोक गीत भी शामिल हैं ।