गत शताब्दी के नौवें दशक के बाद से चीन की हान भाषा की शिक्षा उत्तरोत्तर जोर पकड़ रही है और दक्षिण एशिया के थाइलैंड की विभिन्न जगहों में एक के बाद एक चीनी भाषा के कई स्कूल कायम हुए हैं। वहां चीनी मूल के लोगों के अलावा अन्य लोगों की भी हान भाषा की शिक्षा में बड़ी रुचि है। इस से प्रेरित हो कर थाईलैंड की दो वाणिज्य बैंकों ने इंटरनट पर चीनी भाषा की वेबसाइट खोली , इस के परिणामस्वरूप थाई लोग चीन के पर्यटन के लिए भी अधिक उत्सुक हुए हैं । दोनों पक्षों के बीच आर्थिक व व्यापारिक सहयोग दिन प्रति दिन गर्मा रहा है।
चीनी भाषा –हान भाषा पर महारत हासिल होने से चीन के बारे में ज्यादा जानकारी पाने तथा दोनों देशों के आर्थिक व व्यापारिक आवाजाही बढ़ाने में मदद मिलेगी , यह थाईलैंड में आम अवधारण बन गया है, थाईलैंड की आदरणीय राजकुमारी भी हान भाषा के माहिर बन गई , जो थाई लोगों के लिए आदर्श मिसाल बनी है ।
थाइलैंड के अलावा पूरे विश्व में हाल के कुछ वर्षों में हान भाषा की शिक्षा का ज्वार सा उभरा है।
चीन पिछले 20 वर्षों से अधिक समय में आर्थिक सुधार व खुलेपन की नीति लागू करने से विश्व मंच पर असाधारण रूप से उभरा है । चीन में हुए परिवर्तनों ने विश्व भर का ध्यान आकर्षित किया है। विश्व व्यापार संगठन में शामिल होने के बाद चीन और विभिन्न देशों के बीच आदान-प्रदान दिन ब दिन बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में हान भाषा की शिक्षा जोर पकड़ने लगी है।
अमरीका में चीनी भाषा स्पेनी भाषा के बाद दूसरी बड़ी विदेशी भाषा बन गई है। वहां हाई, मिडिल स्कूलों में हान भाषा का आरक्षित पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। कोरिया गणराज्य में कोई 4 लाख लोग हान भाषा की शिक्षा ले रहे हैं। वहां हर वर्ष बीस हज़ार लोग हान भाषा के स्तर की परीक्षा में भाग लेते हैं, जबकि फ़्रांस में कई सौ उच्च शिक्षालयों में दस से अधिक हान भाषा संबंधी विषय खोले गए हैं और सौ से ज्यादा प्राइमरी स्कूलों में हान भाषा का कार्स खोला गया है ।
फ़्रांस की यात्रा कर रही चीनी राजकीय वैदेशिक हान भाषा के शिक्षण कार्य के नेतृत्वकारी दल के कार्यालय की नेत्री यान मेई ह्वा ने कहा कि वर्तमान में सौ से अधिक देशों में करीब 2 करोड़ 50 लाख से 3 करोड़ तक विदेशी हान भाषा सीख रहे हैं। गत वर्ष 80 हज़ार लोगों ने हान भाषा के स्तर की परीक्षा में भाग लिया। अनुमान है कि 21 वीं शताब्दी में हान भाषा अंग्रेज़ी के बाद विश्व में ज्यादातर लोगों द्वारा प्रयोग में लाई जाने वाली भाषा बन जाएगी।
चीन सरकार विश्व भर में हान भाषा को लोकप्रिय बनाने पर भारी महत्व देती है। गत 1987 में राज्य परिषद की 11 संस्थाओं से गठित राजकीय वैदेशिक हान भाषा शिक्षण कार्य का नेतृत्वकारी दल कायम किया गया।
खबर है कि इस नेतृत्वकारी दल ने गत वर्ष से हान भाषा के पुल की योजना की पहली पंचवर्षीय योजना पर अमल शुरू किया, ताकि 2007 तक विश्व में हान भाषा सीखने वाले विदेशियों की संख्या दस करोड़ तक जा पहुंचे ।इस योजना के अंतर्गत ऐसी कुल 4 पंचवर्षीय योजनाओं पर अमल होना है।
विदेशों में हान भाषा पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी की समस्या को दूर करने के लिए चीन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हान भाषा की शिक्षा देने वाले अध्यापकों की चीनी स्वयंसेवकों की योजना हान भाषा की पुल योजना का एक महत्वपूर्ण अंग बनाया है। चीन ने विदेशों में अपने हान भाषा अध्यापक भेजे और विदेशियों को चीन में प्रशिक्षण पाने के लिए बुलाया ।
खबर है कि फ़ूचन प्रांत के नार्मल विश्वविद्यालय के 17 स्वयंसेवकों ने गत वर्ष जून में फिलिपींस के 8 स्कूलों में जाकर हान भाषा पढ़ाने का काम संभाला । इस से विदेश में हान भाषा की शिक्षा देने वाले स्वयंसेवकों को भेजने का काम शुरू हुआ। अब ऐसे 170 से अधिक स्वयंसेवक पूरे विश्व में भेजे जाएंगे।
|