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(GMT+08:00) 2005-07-15 20:42:47    
शिक्षा पर ध्यान करने वाले चीनी राष्ठ्रीय जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि

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पेइचिंग में आयोजित दसवीं चीनी राष्ठ्रीय जन प्रतिनिधि सभा में देश के विभिन्न स्थलों व तबकों से संबद्ध जन प्रतिनिधि चीनी राजधानी में एकत्र होकर देश की नीतियों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। हाल ही में हमारे संवाददाता ने चीनी राष्ठ्रीय जन प्रतिनिधि सभा के एक प्रतिभागी श्री ली चिन हाई के साथ बातचीत की प्रस्तुत है।

बासठ वर्षीय श्री ली चिन हाई पहले पेइचिंग के क्वांग छ्वू मन मिडिल स्कूल के प्रधान थे। वे पिछले 15 वर्षों चीनी राष्ठ्रीय प्रतिनिधि सभा के सदस्य रहे। चीनी राष्ठ्रीय जन प्रतिनिधि सभा में चीनी जनता के एक प्रतिनिधि होने के नाते उन्हें देश के विकास संबंधी विभिन्न मामलों पर अपनी राय रखने व उन पर प्रस्ताव , प्रस्तुत करने का अधिकार था। पिछले पांच वर्षों के अपने काम के अनुभव की चर्चा में श्री ली चिन हाई का कहना है, मुझे चीनी राष्ठ्रीय जन प्रतिनिधि सभा का सदस्य होने पर बहुत गौरव है । यह मुझे कधों पर जिम्मेदारी के बोझ का एहसास दिलाता है। एक आदर्श जन प्रतिनिधि को जनता की मुसीबतों व समस्याओं से सरकार को निरंतर अवगत कराते रहना चाहिए। और कानून तथा अन्य उपायों से देश के विभिन्न कार्यों को अच्छी तरह विकसित करने की कोशिश करनी चाहिए।

इस विचार से प्रेरित श्री ली चिंग हाई अकसर पेइचिंग की सड़कों का दौरा करते हैं, और उन की जांच रिपोर्ट तैयार करते हैं। उन्होंने इस तरह सामाजिक विकास में मौजूद अनेक सवालों का पता लगाया है और उन से संबंधित प्रस्ताव - सुझाव कहते सुनते आये हैं। शिक्षा क्षेत्र से संबद्ध इस राष्ठ्रीय जन प्रतिनिधि सभा के सदस्य का ध्यान हमेशा शिक्षा पर केंद्रित रहा है।

श्री ली के अनुसार, पिछले चार वर्षों की उन की जांच पड़ताल ने उन्हें इस बात का पता दिया है कि इधर के वर्षों में मिडिल एवं प्राइमरी स्कूलों के छात्रों को कई दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ा है। केवल वर्ष 2001 में देश भर 16000 से ज्यादा मिडिल व प्राइमरी छात्र दुर्घटना ग्रस्त हुए। ऐसी दुर्घटनाओं में इन छात्रों के स्वस्थ्य को भारी क्षति पहुंची, पर दुर्घटना के निपटारे से उन में से अनेक के परिवारों ने असंतोष ही प्रकट किया। इस मामले में चीन के पास कोई विशेष नियमावली नहीं है। इस तथ्य के मद्देनजर, श्री ली ने अन्य जन प्रतिनिधियों के सहयोग से वर्ष 2000 में चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के समक्ष छात्रों के दुर्घटना का शिकार होने के मामलों का निपटारा करने संबंधी एक विशेष नियमावली का प्रस्ताव रखा। उन्होंने बताया, ऐसी दुर्घटनाओं के हल के लिए देश में एक विशेष कानून न होने से तो स्कूलों, छात्रों तथा अभिभावकों के कानूनी हितों व अधिकारों की उचित गारंटी नहीं की जा सकती थी। इसलिए, पिछले तीन वर्ष मैं इस के लिए अपील करता रहा। अंततः गत वर्ष यानी 2002 में यह नियमावली बन भी गई और हमारे शैक्षिक जगत की एक बड़ी समस्या का हल निकल आया।

राष्ठ्रीय जन प्रतिनिधि सभा की अपनी पिछले पांच वर्षों की सदस्यता में श्री ली ने लगभग 20 प्रस्ताव व सुझाव प्रस्तुत किये । इस नियमावली के अलावा, उन के द्वारा प्रस्तुत गरीब छात्रों पर विशेष ध्यान देने के सुझाव की भी समाज में भारी प्रतिक्रिया हुई है। श्री ली ने बताया कि उन्होंने अपने निरीक्षण दौरे से पता चला कि कुछ मेधावी छात्र घर की गरीबी की वजह से स्कूल को छोड़ बेठी हैं । ऐसे छात्रों को मदद देने के लिए श्री ली ने अपने स्कूल में दो विशेष कक्षाएं खोलीं। इस से हर साल पेइचिंग क्षेत्र के 70 से ज्यादा ऐसे छात्रों को उन के स्कूल में दाखिला मिला। लेकिन, और बड़े पैमाने पर गरीब छात्रों को मदद देने के लिए उन्होंने औऱ एक सुझाव रखा है औऱ समाज के विभिन्न तबकों का ध्यान खींचने की कोशिश की है। उन की इन कार्यवाइयों को चीन सरकार के संबंधित विभागों का ध्यान खींचा है। श्री

ली ने कहा, गत वर्ष के अप्रैल माह में, चीनी शिक्षा मंत्रालय आदि सरकारी विभागों ने देश के पश्चिमी और अन्य क्षेत्रों के 24 प्रांतों व प्रशासनिक शहरों की सरकारों से गरीब छात्रों को आर्थिक मदद देने की अपील की।

एक मिडिल स्कूल के प्रधान रहे , श्री ली पूरी कड़ाई से अपना काम करते हैं और उन की अपने स्कूल को एक उच्च स्तर का स्कूल बनाने की कोशिश रही। श्री ली का कहना है, चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के सदस्य होने के नाते, मुझे देश की विभिन्न जगहों से सभा में भाग लेने आये प्रतिनिधियों से मिलने और विचारों का आदान-प्रदान करने का मौका मिलता है। इसलिए, सभा में भागीदारी का एक मकसद मेरे निकट अपनी जानकारी बढ़ाना भी है। यह मुझे अपनी कार्य क्षमता के उन्नत करने के लिए अत्यन्त लाभदायक जान पड़ता है।