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(GMT+08:00) 2005-07-11 13:19:38    
कलात्मक सौंदर्य के आधार पर सांस्कृतिक आदान प्रदान की मज़बूति

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चीनी संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कला उत्सव "पेइचिंग मिलन " हर वर्ष के वसंत ऋतु में चीन में आयोजित होता है । पांचवें "पेइचिंग मिलन"उत्सव इस वर्ष के मेई माह में पेइचिंग में हुआ । 30 से ज्यादा देशों के हजारों कलाकार प्रदर्शन व अभिनय करने के लिए पेइचिंग आए ।

वर्ष 2000 से ही अब तक"पेइचिंग मिलन"समारोह चार बार सफलतापूर्वक आयोजित किया गया, जिस ने कोई लाखों दर्शकों को आकर्षित किया । चीनी राष्ट्र स्तरीय कला उत्सव और एशिया में सब से बड़े वसंतकालीन उत्सव के रूप में "पेइचिंग मिलन" अब एक प्रभावकारी समारोह बन गया, और देशी विदेशी कला जगतों की मान्यता भी हासिल कर चुका है । मौजूदा "पेइचिंग मिलन"समारोह का मकसद चीनी जातीय संस्कृति के प्रसार प्रचार , विदेशी कला की श्रेष्ठता के ग्रहण और अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक आदान प्रदान की मजबूती के जरिये विविधतापूर्ण कलात्मक तरीकों से भिन्न भिन्न संस्कृतियों की आवाजाही व मेल मिलाप का प्रदर्शन करना है ।

क्यूबाई लोस पापिनेस संगीत मंडली के सदस्य जेसुस अबरेऊ ने गाते हुए कहा

आवाज़----

"आज इस समारोह का प्रथम दिन है । लोग इस उत्सव का आनंद उठा रहे हैं । हम ने अभी मंच पर रुम्बा संगीत प्रस्तुत किया है , आशा है कि दर्शकों को पसंद आयेगा।" श्री अबरेऊ ने गाया कि सुन्दर चीन, सुन्दर क्यूबा ।

आवाज़----

इस समय आप जो सुन रहे है , वह न्यूज़िलैंड के सेन्ट मरी महीला संगीत दल द्वारा प्रस्तुत मेहमान का स्वागत नामक गाने का एक अंश है ।

हमारे साथ साक्षात्कार में इस संगीत दल की निदेशक सुश्री पाट्रिवा गोदार्द ने भावविभोर होकर कहा

"मुझे लगता है कि "पेइचिंग मिलन"कलात्मक समारोह से हमारे बीच विशेष कर युवाओं के बीच दोस्ती को बढ़ाया गया । चीनी लोग बहुत खुले स्वभाव के ही नहीं, मेहमाननवाज़ भी है । मुझे इस पर बहुत प्रसन्नता हुई ।"

"नयी धारा--पोम्पिडो केंद्र द्वारा आयोजित आधुनिक फ़्रांसीसी कला प्रदर्शनी" मौजूदा "पेइचिंग मिलन"समारोह की गतिविधियों में सब से ध्यानाकर्षक मानी जाती है । इस प्रदर्शन में प्रदर्शित सभी रचनाएं फ्रांस के पोम्पिडो केंद्र से जुटायी गयी हैं । फ्रांस के पोम्पिडो केंद्र विश्वविख्यात सांस्कृतिक संस्था ही नहीं, फ्रांस यहां तक कि पश्चिमी देशों के आधुनिक कलाओं का प्रतीक भी माना जाता है । "नयी धारा" गत शताब्दी के 60 वाले दशक में फ्रांस में शुरू फिल्मी आंदोलन था , वह जवानी, औजस्वी शक्ति, प्रकृति और वास्तविकता का प्रतीक ही नहीं , नये सृजनों व खोज की कलात्मक धारा का प्रतिनिधि भी है।

इस कला प्रदर्शनी के रचयिता, फ्रांस के पोम्पिडो कला केंद्र के राष्ट्रीय आधुनिक कला भवन की अनुसंधानकर्ता सुश्री कामिली मोरिनेयू ने जानकारी देते हुए कहा कि चीन में लगी इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित कलात्मक क़ृतियां फ्रांसीसी आधुनिक कला के निचोड़ का प्रतिनिधि हैं । इन का चयन उन्होंने बड़ी तफसील से कर लिया है , बहुत अच्छी हैं और देखने योग्य भी । सुश्री कामिली मोरिनेयू ने कहा

"मैं ने चीन में बहुत ही जगहों की यात्रा की । मुझे विश्वास है कि यह प्रदर्शनी अवश्य ही चीनी कलाकारों को आकृष्त कर लेगी । इस प्रदर्शनी में मुख्य तौर पर स्थाई चित्रों और परिवर्तनीय चित्रों के बीच संबंधों को दिखाया गया । मसलन टी.वी., विज्ञापन और फिल्म आदि कलात्मक तरीकों के बीच का संबंध । मेरा विचार है कि चीनी दर्शक इसी प्रदर्शनी को देखने के दौरान मज़ा ले सकेंगे ।"

पांचवें"पेइचिंग मिलन"समारोह में क्लासिकल और पोप , परम्परागत और आधुनिक गीत संगीत प्रस्तुत किये गये हैं । मिसाल के लिये लातिन अमरीका की विशेष शैली युक्त गीत संगीत , ओशिनिया के तेज़स्वी धुन, उत्तर अमरीका के आधुनिक संगीत और योरोप व एशिया की प्राचीन कथाएं प्रस्तुत की गयी है , जिस से पेइचिंग वासियों को विभिन्न देशों की सांस्कृतिक विविधताओं का अनुभव हुआ है ।