छिन-हान काल में संस्कृति अत्यधिक पल्लवित-पुष्पित हुई। सिमा छ्येन (145-90 ई. पू.) ने "शि ची"(ऐतिहासिक अभिलेख) नामक ग्रन्थ लिखते समय जीवनी लेखन की शैली अपनाकर इतिहास लिखने में अग्रता प्राप्त की। पान कू(32-92 ई.) चीन के पहले इतिहासकार थे, जिन्होंने राजवंश के आधार पर"हान राजवंश का इतिहास"लिखा था।
इतिहास लेखन की इन दो शैलियों को बाद के लगभग दो हजार वर्षों तक "औपचारिक इतिहास"लिखने वाले इतिहासकारों द्वारा अपना नमूना माना जाता रहा। साहित्य के क्षेत्र में, सिमा श्याङरू (179-118 ई. पू.) और च्या ई (200-168 ई. पू.) द्वारा लिखे गए"फ़ू"का प्रादुर्भाव हुआ, जो अपने पूर्वकालीन"छू छि"(एक प्रकार का गीत) का विकसित पद्यात्मक रूप था।
दर्शनशास्त्र के क्षेत्र में, भौतिकवादी विचारक वाङ छुङ (27 –लगभग 97 ई.) ने"लुन हङ"(नपे-तुले विचार) लिखकर शासकों द्वारा गढ़े गए अंधविश्वासों का साहस के साथ खण्डन किया था। हान राजवंश के काल की पत्थर तराशी व ईंट-तराशी की अनेक कलाकृतियों तथा कब्र की ईंटों और लैकर की वस्तुओं पर बनाए गए चित्रों का चीनी कला के इतिहास में काफ़ी महत्वपूर्ण स्थान है।
विज्ञान के क्षेत्र में, इसी काल की एक सुप्रसिद्ध रचना"गणित के नौ अध्याय"में भिन्नों की चार बुनियादी क्रियाएं, धन संख्या और ऋण संख्या की क्रियाएं तथा दशमलव भिन्नों की धारणा जैसी नई धारणाएं पहली बार प्रस्तुत की गई थीं, जो अपने जमाने में काफ़ी उन्नत मानी जाती थीं।
चाङ हङ ने एक जलशक्ति चालित खगोलीय ढांचे का आविष्कार किया, जो खगोलीय पिंडों की गति को स्वचालित रूप से और सही तौर पर प्रदर्शित कर सकता था। उन्होंने भूकम्पसूचक यंत्र और वायुदिशासूचक यंत्र का भी आविष्कार किया था।
छाए लुन ने मेहनतकश जनता के अनुभवों का निचोड़ निकालकर कागज़ बनाने की विधि में सुधार किया। उन्होंने कागज़ बनाने के लिए पेड़ की छाल, पटसन के रेशे, कपड़े के चिथड़े और खराब व बेकार जाल जैसी चीजों का पहलेपहल इस्तेमाल किया था। कहने की आवश्यकता नहीं, कागज़ का आविष्कार विश्वसंस्कृति के विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की वृद्धि में निश्चित रूप से एक महान योगदान है।
चिकित्सा के क्षेत्र में, चाङ चुङचिङ के ग्रन्थ"शाङ हान चा पिन लुन"(बुखारों व अन्य रोगों के बारे में) का प्राचीन चिकित्सा पर गहरा प्रभाव पड़ा था।
उन्हें अपने समय में चिकित्सक सन्त के रूप में अत्यधिक सम्मान व गौरव प्राप्त हुआ। उनके जमाने के एक अन्य ख्यातिप्राप्त चिकित्सक ह्वा थ्वो चिकित्सा विज्ञान की बहुमुखी प्रतिभा रखने के साथ साथ एक्यूपंक्चर और शल्य चिकित्सा में विशेष रूप से निपुण थे। उन्होंने दुनिया में सबसे पहले आपरेशन में मरीज को संवेदनाशून्य करने की विधि अपनाई थी।
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