आज के इस कार्यक्रम में हम बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के चुन्नीलाल कैवर्त, कलेर बिहार के मोहममद आशिफ़ खान, बेगम निकहत परवीन, सदफ आरजू, अजफर अकेला, तहमीना मशकुर और बांका, बिहार के कुमोद सिंह के पत्र शामिल कर रहे हैं।
पहले बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के चुन्नीलाल कैवर्त का पत्र लें। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि बांडुंग सम्मेलन की स्वर्ण जयन्ती के शुभ अवसर पर सी आर आई द्वारा प्रसारित विभिन्न आलेख, इंटरव्यू तथा जकार्ता शिखर सम्मेलन की सामयिक रिपोर्ट ज्ञानवर्धक एवं सार्थक लगी। बांडुंग सम्मेलन एवं पंचशील के सिद्धांतों को प्रतिपादित करने वाले देश चीन व भारत के योगदान को आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी। सी आर आई द्वारा प्रसारित समाचार, सामयिक रिपोर्ट, समीक्षा आदि निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं बेबाक होते हैं, जिन के लिए सी आर आई परिवार की जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम होगी।
उन्होंने पूछा है कि चीन की जनसंख्या नीति क्या है, चीन में जनसंख्या वृद्धि पर किस प्रकार नियंत्रण किया गया है। चीन की अल्पसंख्यक जातियों के लिए जनसंख्या नीति किस प्रकार की है।
चुन्नीलाल कैवर्त भाई, चीनी राजकीय जनसंख्या एवं परिवार नियोजन आयोग की उप निदेशक सुश्री चाओ पाई-कह ने 16 मई को पेइचिंग में कहा कि पश्चिमी देशों को चीन के परिवार नियोजन के बारे में गलतफहमी है। उन के विचार में परिवार नियोजन का मतलब हर परिवार का एक बच्चा पैदा करना मात्र है।
सुश्री चाओ ने कहा कि चीन में परिवार नियोजन की नीति और इकलौते बच्चे की नीति अलग-अलग बातें हैं। परिवार नियोजन में भिन्न-भिन्न स्थिति में विभिन्न नीति अपनायी जाती है। वर्तमान में चीन में प्रति परिवार में औसतन 1.8 बच्चे हैं।
परिवार नियोजन के तहत शहरी इलाकों में हर परिवार एक बच्चा पैदा करता है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में हर परिवार को दो बच्चे पैदा करने दिया जाता है। पश्चिमी चीन के अविकसित अल्पसंख्यक जाति बहुल इलाके में यह नीति और ढीली है, जहां हर परिवार अनेक बच्चे पैदा कर सकता है। उदाहरण के लिए, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में बच्चों की संख्या पर कोई पाबंदी नहीं है।
पिछले बीसेक सालों में परिवार नियोजन से चीन के सामाजिक श्रम व संसाधनों के बंटवारे और आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए बेहतर स्थिति तैयार हुई।
सुश्री चाओ ने यह भी स्वीकारा कि इस नीति से एक हद तक नर-नारी में संतुलन भी हुआ। अधिकांश लोग बेटा चाहते हैं। इस स्थिति को बदलने के लिए सरकार ने नर-नारी की समानता की गारंटी करने, किशोरियों के स्कूल जाने की गारंटी करने और सामाजिक प्रतिभूति जैसे कदम भी उठाए।
चीन एक बहुत बड़ी जनसंख्या वाल देश है, परिवार नियोजन चीन की मूल नीति है।
चीन में परिवार नियोजन कानून 29 दिसंबर 2001 को नौवीं राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई समिति के 25 वें अधिवेशन में पारित हुआ।
यह कानून जनसंख्या व अर्थतंत्र, समाज, संसाधन और पर्यावरण के संतुलित विकास, परिवार नियोजन के प्रसार, लोगों के कानूनी अधिकारों की हिफाजत, परिवार कल्याण और राष्ट्रीय समृद्धि व समाज की प्रगति के लिए बनाया गया।
जनसंख्या पर नियंत्रण करने और नागरिकों की गुणवत्ता को उन्नत करने के लिए सरकार ने चतुर्मुखी कदम उठाये और उसे इसके लिए विज्ञान व तकनीक की प्रगति, सेवा पुरस्कार व सामाजिक प्रतिभूति व्यवस्था पर भरोसा है।
परिवार नियोजन का प्रसार करने के साथ सरकार महिलाओं को शिक्षा व रोजगार के मौके देती है और महिलाओं के स्वास्थ्य व स्थान को भी उन्नत कर रही है।
कानून के तहत हर दंपत्ति को एक बच्चा पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। खास मामलों में दूसरा बच्चा पैदा करने की भी इजाजत दी जाती है।
अल्पसंख्यक जाति बहुल क्षेत्र में भी परिवार नियोजन का प्रसार किया जाता है।
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