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(GMT+08:00) 2005-06-23 08:47:27    
तिब्बती संस्कृति के अनुसंधान में जोरदार समर्थन दिया जा रहा है

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हाल ही में पेइचिंग में चीनी तिब्बतशास्त्र कार्य का समन्व्य सम्मेलन आयोजित हुआ। सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में तिब्बतशास्त्र के अनुसंधान ने न सिर्फ़ तिब्बती जाति की श्रेष्ठ परंपरागत संस्कृति के संरक्षण और उसे विरासत में ग्रहण करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है, तिब्बती आधुनिकीकरण का वैज्ञानिक आधार प्रदान किया है। चीन के तिब्बती मुख्यतः दक्षिण-पश्चिमी चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में रहते हैं ।तिब्बतशास्त्र तिब्बती जाति के के अनुसंधान के सर्वतोमुखी विषय इतिहास,धर्म,संस्कृति,अर्थतंत्र,राजनीति आदि विभिन्न क्षेत्र हैं। चीनी तिब्बतशास्त्र अनुसंधान केंद्र एक राजकीय अकादमिक संस्था है। केंद्र के महानिदेशक श्री रापापिनज़ो ने बताया कि हाल के कुछ वर्षों में चीनी विद्वानों ने जाति, मानव, धर्म. सामाजिक विज्ञान समेत आधुनिक बौद्धिक जानकारियों व उपायों से तिब्बती जाति के अर्थतंत्र व जीवन आदि सभी क्षेत्रों का अनुसंधान किया और भारी उपलब्धियां हासिल कीं। पिछले पचास वर्षों में चीन ने तिब्बतशास्त्र के अनुसंधान की एक व्यापक व्यवस्था स्थापित की और प्रचुर उपलब्धियां प्राप्त कीं। इस शास्त्र के अनुसंधान में काफ़ी संख्या में जुटे उच्चस्तर के प्रौढ़ व युवा अनुसंधानकर्ता तेज़ी से बढ़ रहे हैं । देश भर में तिब्बतशास्त्र के अनुसंधान,प्रकाशन संबंधी दसियों संस्थाएं कायम हो चुकी हैं। खबर है कि वर्तमान में चीन में करीब दो हजार लोग तिब्बतशास्त्र के अनुसंधान में लगे हुए हैं। इनमें तिब्बती विद्वानों के अलावा ह्वे व अन्य जातियों के विद्वान भी शामिल हैं। पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने इस शास्त्र संबंधी कुल तीन हज़ार पुस्तकों व तीस हज़ार से अधिक निबंधों का प्रकाशन किया। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सामाजिक विज्ञान अकादमी के प्रधान व तिब्बतशास्त्र के विद्वान श्री स्वांगचुनमे ने कहा कि तिब्बतशास्त्र अनुसंधान संस्था ने इस जाति की श्रेष्ठ व परंपरागत संस्कृति के विकास के साथ तिब्बत के विकास की ज़रूरतों को ध्यान में ऱखते हुए स्थानीय आर्थिक व सामाजिक विकास की निर्णयाक नीतियां पेश कीं। तिब्बती सामाजिक विज्ञान अकादमी ने स्थानीय आर्थिक व सामाजिक विकास की जरूरतों के अनुसार ग्रामीण अर्थतंत्र अनुसंधान केंद्र ,आर्थिक रणनीति अनुसंधान प्रतिष्ठान आदि स्थापित किये और तिब्बत के आधुनिकीकरण के लिए ल्हासा में तिब्बत के लघु शहरों व कस्बों के निर्माण व पारिस्थितिकी के अनुसंधान की उपलब्धियां प्रस्तुत कीं इसने स्थानीय सरकारों को वैज्ञानिक निर्णायक नीति अपनाने के लिए वैज्ञानिक आधार प्रदान किया। उन्होंने कहा कि शहर और ग्राम के बीच भिन्नता दूर करने के लिए अकादमी ने लघु शहरों व कस्बों के विकास की कल्पना पेश की । स्वायत्त प्रदेश की सरकार ने इस सुझाव पर अमल किया ।इस से इन लघु शहरों व कस्बों का अब तेज़ी से विकास हो रहा है। इस के अलावा चीन के तिब्बतशास्त्र जगत ने दस से अधिक देशों व क्षेत्रों के संबंधित क्षेत्रों के साथ नियमित समय पर आदान-प्रदान व सहयोग कर भी अनेक अनुसंधान संस्थाएं कायम की हैं। नीचे आप पढ़ पाते हैं तिब्बती युवकों की कहानी । चार मई को चीन लोक गणराज्य का युवा दिवस है। हर वर्ष इस दिवस की चीन भर में खुशी मनायी जाती है। इस बार इस उपलक्ष्य में तैयार अपने आज का तिब्बत कार्यक्रम में हम आप को कुछ तिब्बती युवाओं से मिलवायेंगे।इन में एक तिब्बती युवती पेमाचोखा भी हैं। इस तिब्बती युवती की सबसे बड़ी अभिलाषा क्या है यह आप आज के कार्यक्रम में जान पायेंगे। पेमाचोखा थोड़ी देर में खुद बतायेंगी अपनी अभिलाषा आपको। हम पेमाचोखा की अभिलाषा पूरी होने की कामना एक मधुर गीत के साथ कर रहे हैं। गीत का नाम है हमारा तिब्बत। गीत की प्रस्तुति तिब्बती गायिका केसानछूचन की है। केसानछूचन बड़ी लोकप्रिय हैं। वे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की ल्हासा नृत्य-गीत मंडली की सदस्य हैं। हाल ही में हमारी संवाददाता ने पेइचिंग के तिब्बती मिडिल स्कूल के एक मिलन समारोह में तिब्बती युवती पेमाचोखा के साथ बातचीत की। पेइचिंग स्थित तिब्बती मिडिल स्कूल एक बहुत सुन्दर स्कूल है । मित्रो अभी आप ने सुनी पेइचिंग के तिब्बती मिडिल स्कूल के छात्रों की आवाज। वे एक स्वर में आप को नमस्कार कर रहे थे। गत नौ फरवरी को वसंत दिवस की खुशी मनाने के लिए तिब्बती मिडिल स्कूल में एक शानदार मिलन समारोह आयोजित किया गया, जिस में तिब्बती छात्रों ने कई सुन्दर कार्यक्रम प्रस्तुत किये । हमारी संवाददाता सुश्री ल्यू हवी ने भी इस समारोह में भाग लिया। वहां उन की मुलाकात तिब्बती युवती पेमाचोखा से हुई। स्कूली पोशाक में पेमाचोखा बहुत सुन्दर लग रही थीं । हमारी संवाददाता ने उन से पूछा कि वे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के किस स्थान की निवासी हैं तो पेमाचोखा ने कि वे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लोका प्रिफेक्चर की रहनेवाली हैं। पेमाचोखा ने बताया कि वे एक तिब्बती किसान की बेटी हैं और उन के परिवार में 4 सदस्य हैं। परिवार में माता-पिता के अलावा उन की एक छोटी बहन भी है। पेमाचोखा के अनुसार उन की छोटी बहन भी उन की तरह स्कूल में पढ़ती है पर वह पेइचिंग के तिब्बती मिडिल स्कूल में नहीं तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा के खेल स्कूल है। उन की छोटी बहन खिलाड़िन बनना चाहती है और वर्ष दो हजार आठ के पेइचिंग ओलिंपियाड में भाग लेने की कोशिश कर रही है।पेमाचोखा ने यह भी बताया कि नौ फरवरी को वसंत दिवस सुबह-सुबह उन्होंने अपने परिवार को शुभकामना देने के लिए पेइचिंग से फोन किया। पेमाचोखा का कहना है कि उन्होंने फोन पर अपने मां व पिता और बहन को नये साल की शुभकामना दी और उन के परिवार ने भी उन्हें नव वर्ष की शुभकामना दी। इस से उन सब की खुशी का ठिकाना न रहा। तिब्बती युवती पेमाचोखा का कहना है कि उन्हें पहली बार पेइचिंग में वसंत दिवस की खुशी मनाने का जो मौका पाकर बहुत खुशी हुई। पेमाचोखा के अनुसार पेइचिंग आने से पहले वे पूर्वी चीन के च्यांसू प्रांत के छांचो शहर के तिब्बती मिडिल स्कूल में तीन वर्षों तक पढ़ती रहीं। वर्ष हो हजार चार में उन्हें पेइचिंग के तिब्बती मिडिल स्कूल में पढ़ाई करने का मौका मिला। इससे वे बहुत खुश हुईं । यहां बता दें कि चीन सरकार ने पेइचिंग, शांहाई समेत देश के छब्बीस शहरों में तिब्बती छात्रों के लिए विशेष स्कूल कायम किये हैं। पेमाचोखा का कहना है कि उन्हें पेइचिंग का तिब्बती मिडिल स्कूल बहुत पसंद है। स्कूल के अध्यापक बहुत अच्छे हैं। वे तिब्बती छात्रों से अपने बच्चों की ही तरह प्यार करते हैं और उन की बड़ी मदद करते हैं । हमारी संवाददाता ने तिब्बती युवती पेमाचोखा से पूछा कि बड़ी होने पर वे क्या करना चाहती हैं तो पेमाचोखा ने कहा कि उन की अभिलाषा डाक्टर बनने की है। सोलह वर्षीय पेमाचोखा का कहना है कि कि डाक्टर बन कर वे अनेक रोगियों की सेवा कर सकेंगी। पेमाचोखा का कहना है कि बचपन से ही डाक्टर बनने में उन की बड़ी रुचि रही है। हमें विश्वास है कि इस तिब्बती युवती की अभिलाषा पूरी होगी। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने तिब्बती युवकों व युवतियों की अभिलाषा पूरी होने की अच्छी स्थिति तैयार की है। अब बड़ी संख्या में प्रक्षिशित तिब्बती युवा तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास में अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं । इधर के कुछ वर्षों में ही पेइचिंग के तिब्बती मिडिल स्कूल के लगभग दस हजार छात्र स्नातक तिब्बत स्वायत्त प्रदेश वापस लौट कर सुन्दर तिब्बत के निर्माण की यथाशक्ति कोशिश कर रहे हैं।