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(GMT+08:00) 2005-06-17 17:03:30    
चीन में उच्च तकनीक की विशेष बस व्यवस्था का विकास

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शहरों में जब किसी बस स्टाप पर हम बस का इन्तजार करते हैं, तो हमें कभी-कभी यह महसूस होता है कि हम खासे लम्बे समय तक बेकार खड़े हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बस स्टाप पर हमारी बस कब आयेगी, यह हमें मालूम नहीं होता। इस समस्या के समाधान के लिए इधर चीनी राजधानी पेइचिंग में एक विशेष बस व्यवस्था लागू की गयी है। यह बस व्यवस्था अभी पेइचिंग के कुछ बस मार्गों पर ही उपलब्ध है। इसमें बसयात्री बस स्टेशन पर रखे इलेक्ट्रोनिक बोर्ड से अगली बस आने का समय पता कर सकते हैं। बेशक इस व्यवस्था से नागरिकों को बड़ी सुविधा मिलती है। लोग इस से बस आने का ठीक वक्त जानकर बस स्टाप पर बेकार खड़े रहने से बच सकते हैं।

अब पेइचिंग शहर के अनेक बस स्टेशनों पर ऐसे नये इलेक्ट्रोनिक बोर्ड लगा दिये गए हैं। यात्रियों ने इस व्यवस्था से मिली सुविधा पर बहुत संतोष जताया है। इस इलेक्ट्रोनिक बोर्ड पर बसों के आने-जाने की सूचना के अतिरिक्त महत्वपूर्ण समाचार, सरकारी सूचनाएं, मौसम का पूर्वानुमान आदि भी प्रदर्शित किया जाता है। रात को ये बोर्ड रोशनी में चमकते हैं। इस तरह यात्री बस स्टेशन पर ही बहुत सी जानकारी पा सकते हैं। इस सब के अतिरिक्त इस विशेष बस व्यवस्था से नेत्रहीनों की सेवा भी की जायेगी। चीनी तकनीशयनों ने नेत्रहीनों के लिए एक विशेष मशीन का अनुसंधान करने में सफलता हासिल की है, जो उनके हाथ में लगाई जायेगी। नेत्रहीन अपने हाथ में लगी इस मशीन से बस के आने-जाने की सूचना पा सकेंगे। अगर कोई आपात स्थिति हुई तो वे इस मशीन के जरिये मदद भी मांग सकेंगे।

पता चला है कि इस विशेष बस व्यवस्था से इंटरनेट, टीवी और बस पास के नवीकरण आदि की सेवाएं भी जोड़ी जाएंगी। पेइचिंग में वर्ष 2008 के ओलंपियाड के आयोजन से पहले सभी बसों को इस बस व्यवस्था में शामिल करने का काम चल रहा है और चीन के दूसरा बड़ा शहर शांघाई भी इस योजना पर काम कर रहा है। इससे जुड़ी यह खबर भी है कि इधर के वर्षों चीनी शहरों में यातायात की स्थिति बहुत सुधरी है । सड़कें चौड़ी हुई हैं तो साथ ही गाड़ियों की संख्या भी बड़ी वृद्धि हुई है । इस से बड़े शहरों में कभी कभी यातायात ठप हो जाती है। इस स्थिति को बदलने के लिये चीन सरकार ने विकसित देशों की उन्नतिशील तकनीक से सीख लेकर यातायात नियंत्रण की आई टी एस व्यवस्था , या स्वचालित यातायात प्रबंध व्यवस्था का प्रयोग शुरू किया है ।

इधर के वर्षों में आम चीनियों का जीवन स्तर बहुत उन्नत हुआ है । पहले चीनी लोग मुख्य तौर पर साइकिल का सहारा लेते थे , पर अब उन में बहुत से लोग साइकिल छोड़कर मोटर गाड़ी या मोटर साइकिलों की सवारी करने लगे हैं । अन्य कुछ लोग , जो पहले मुख्यतः बस लेते थे , अब ज्यादा से टैक्सि ले रहे हैं । इन का यह परिणाम हो गया है कि चीनी शहरों के सड़कों पर ज्यादा से ज्यादा मोटर गाड़ियां तौड़ती रहती हैं । अभी तक चीन के कुल एक करोड़ सत्तर लाख मोटर गाड़ियां हैं , और उन का कम से कम आधा भाग निजी हैं ।

गाड़ियों की संख्या में हुई तेज़ वृद्धि ने सड़कों के निर्माण की जरूरत भी तेज़ की है । गत वर्ष चीन सरकार ने यातायात के विकास में कुल 2 खरब 60 करोड़ युवान की पूंजी डालकर कुल तैंतीस हजार किलोमीटर लम्बी सड़कों का निर्माण किया , जिस का दस प्रतिशत भाग एक्सप्रेस मार्ग है । लेकिन सवाल यह है कि चीन में सड़क निर्माण की वार्षिक वृद्धि दर तीन प्रतिशत है , जबकि गाड़ियों की संख्या की वृद्धि दर पंद्रह प्रतिशत । इस तरह गाड़ियों की बड़ी संख्या ने सड़कों का अभाव तेज़ कर दिया है । इस के अतिरिक्त, चीन में यातायात प्रबंध का स्तर भी बहुत ऊंचा नहीं है , यातायात उपकरणों के व्यावहारिक इस्तेमाल न हो पाने से सड़कों पर यातायात ठप होने की स्थिति और गंभीर बन गयी है । इन सवालों के समाधान के लिये चीन सरकार ने आई टी एस व्यवस्था का विकास करने पर सोचने लगी । चीनी विज्ञान व तकनीक मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा , आई टी एस व्यवस्था का इस्तेमाल हमारी कार्यसूची में है । हम शहरों में सड़कों के ज्यादा प्रयोग तथा ट्रैफिक जाम व प्रदूषण में कमी लाने के लिये यातायात प्रबंधन में सूचना तकनीकों का अधिक प्रयोग करना चाहते हैं ।

आई टी एस व्यवस्था का मतलब यही है कि यातायात प्रबंध में उन्नतिशील सूचना तकनीक

, इलेक्ट्रोनिक नियंत्रण तकनीक और कम्प्यूटर तकनीक का इस्तेमाल हो । यह विचार बीस साल पहले विकसित देशों से चीन में प्रविष्ट हो गया था । तब चीनी विज्ञान व तकनीक मंत्रालय तथा चीनी यातायात मंत्रालय ने संयुक्त तौर पर आई टी एस तकनीक निर्देशक दल स्थापित किया , जो देश भर में

 

 आई टी एस तकनीक के प्रचार प्रसारण का जिम्मेदार है । चीन की आबादी दुनिया में सब से अधिक है । इस समय चीन के डेढ़ सौ बड़े शहरों में से प्रत्येक की आबादी दस लाख से अधिक है । इन शहरों में गाड़ियों की संख्या बहुत बढ़ी है ।

कुछ शहरों में साइकिल और मोटर साइकिल भी बहुत हैं । इस तरह इन शहरों में एक ही सड़क पर पैदल चलते लोग , साइकिल , मोटर साइकिल और मोटर गाड़ी सब दौड़ती नजर आते हैं । जाहिर है कि चीनी शहरों में यातायात समस्याओं का समाधआन अन्य देशों से भी मुश्किल है । चीनी स्वाचलित यातायात

प्रबंध दल के एक सदस्य ने हमारे संवाददाता के साथ इस सवाल की चर्चा करते हुए कहा , चीन को अपनी विशेषता के अनुसार स्वचलित यातायात व्यवस्था का विकास करना चाहिये । क्योंकि चीन का विकास इतिहास दूसरे देशों से अलग है , चीन का समाज , संस्कृति तथा प्रबंध व्यवस्था भी सब से अलग है । इसलिये चीन में स्वचलित यातायात व्यवस्था को भी अलग रास्ते पर चलना चाहिये । हमें अपनी विशेषता के मुताबिक चीन का स्वचलित यातायात व्यवस्था का विकास करना चाहिये ।

चीनी विशेषता वाली स्वचलित यातायात व्यवस्था का विकास करने के लिये , इधर के सालों में चीन की विभिन्न स्तरीय सरकारों ने यातायात नियंत्रण व प्रबंध , सड़क सूचना व्यवस्था तथा पर्यावरण संरक्षण आदि के क्षेत्र में सौ से अधिक अनुसंधान विषयों का समर्थन किया । अनुसंधान में प्राप्त कुछ तकनीकों को अमल में लाया जा चुका है । इस समय चीन के सौ से अधिक बड़े शहरों में स्वाचलित यातायात प्रबंध व्यवस्था लागू की गयी है । राजधानी पेइजिंग के प्रमुख चौराहों पर स्वाचलित वीडियो रखे हैं , जिन से पुलिस , सड़कों की पूरी स्थिति की जांच कर सकती है , और यातायात दुर्घटनाओं को निपटाते समय सबूत भी पेश कर सकते हैं । पेइजिंग के सड़कों के दोनों ओर इलेक्ट्रनिक बोर्ड भी रखे हुए हैं , जिन से ड्राइवर आगे सड़कों की स्थितियों का पता कर सकते हैं । इस के अलावा , पेइजिंग यातायात रेडियो स्टेशन भी हर समय सूचनाएं प्रसारित करता रहता है । पुलिसमन इस की सूचना के अनुसार 2 मिनटों के भीतर घटना स्थल पर पहुंच सकते हैं ।

चीन के शहरों में सार्वजनिक यातायात को प्राथमिकता प्राप्त है । सार्वजनिक बसों पर ग्राहकों की सुविधा के लिये उन्नतिशील तकनीकी यंत्र रखे गये है। उदाहरण के लिये दक्षिणी चीन के शनचेन शहर में , बस स्टेशनों पर ऐसे इलेक्ट्रोनिक बोर्ड रखे हैं , जिन से बसों के नम्बर के जरिये उन के आगमन की बात जाहिर है । चीन के क्वांगचाओ जैसे बड़े शहरों में लोग बस के टिकट खरीदने के बजाये आई सी कार्ड का प्रयोग करने लगे हैं । और पेइजिंग व शांघाई आदि शहरों की बसों में जी पी एस यानी भूस्थैतिक उपग्रह व्यवस्था लागू की गयी है , जिस से प्रबंध विभाग बसों के प्रबंधन में मदद मिलती है । हालांकि चीन , यातायात प्रबंधन में खासी प्रगति प्राप्त कर चुका है , फिर भी देश के विकास की जरूरत के मुकाबले हमारी तकनीक सीमित है । इसलिये चीन को इस संदर्भ में अंतर्राष्टीय सहयोग को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है । चीनी विज्ञान व तकनीक मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा , चीनी यातायात प्रबंध कार्य को आगे बढ़ाने के लिये हमें विदेशों के लिये अपने द्वार और अधिक खोलकर अंतर्राष्टीय सहयोग व आवाजाही को बढ़ावा देना चाहिये । अब चीन विश्व व्यापार संगठन का सदस्य भी बन गया है । हम इस मौके का लाभ उठाकर विदेशी सरकारों , विदेशी विज्ञानी संस्थापनों तथा कालेजों के साथ साथ अधिक सहयोग कर सकते हैं ।