चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता श्री ल्यू च्येन शाओ ने 16 तारीख को पेइचिंग में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बलपूर्वक कहा कि विकासमान देशों के अपने विचार रखने के अधिकार का विस्तार करना संयुक्त राष्ट्र संघ के रूपांतरण का आधार व दिशा है।
श्री ल्यू ने कहा कि किसी भी प्रस्ताव को सर्वप्रथम विकास की समस्या पर विचार करना चाहिए। अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक विकासमान देशों का प्रतिनिधित्व बहुत सीमित है, इसलिए, अंतरराष्ट्रीय मामलों पर विकासमान देशों के विचार रखने के अधिकार के विस्तार को संयुक्त राष्ट्र संघ के रूपांतरण का आधार व दिशा होना चाहिए। चीन इस सिद्धांत का उल्लंघन करने वाले किसी भी रूपांतरण के परिणाम को स्वीकार नहीं कर सकेगा।
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