 1990 वाले दशक में ई शिंग की स्थानीय सरकार ने भारी पूंजी लगाकर श्यू पेइ हुंग स्मृति भवन, ई शिंग ललित कला भवन , इन शाओ श कला भवन, चीनी मिट्टी बर्तन संग्रहालय जैसे अनेक बड़े सांस्कृतिक स्थल स्थापित किये। इतना ही नहीं, शहर के उपनगरीय कस्बों व गांवों में भी लिपिकार-चित्रकार संघ या इन कलाओं के शौकीनों के दल कायम हुए। अब उन की गतिविधियों के भी शहर में विशेष स्थल हैं। इस से समूचे ई शिंग में लिपि व चित्र कलाओं का बाजार फलता-फूलता नजर आता है।
चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम अब तक चीन के अनेक प्रसिद्ध प्राकृतिक व सांस्कृतिक पर्यटन स्थलों का दौरा कर चुके हैं। आज हम आप को ले जा रहे हैं विशेष लिपिकला व चित्रकला वाले एक छोटे सांस्कृतिक शहर ई शिंग के दौरे पर।
प्रिय मित्रो , पहले हम आप को यह बता दिया है कि ई शिंग पूर्वी चीन में स्थित च्यांगसू प्रांत का एक छोटा सा शहर है , वह अपने असाधारण प्राकृतिक दृश्यों और विख्यात ऐतिहासिक विभूतियों के लिए जाना जाता है। बहुत से पर्यटकों ने ई शिंग शहर के बारे में अपने अनुभव बताते हुए कहा है कि वे उस के हजारों बार के दौरे के बाद भी शायद न ऊबें।
पर्यटन नामक पत्रिका के प्रधान संपादक ली फिंग का मानना है कि ई शिंग का विशेष सांस्कृतिक पर्यावरण वाला मानवीय दृश्य पर्यटकों को अपनी ओर बरबस खींच लेता है। उन का कहना है कि ई शिंग की आधुनिक लिपिकला व चित्रकला ने उल्लेखनीय उपलब्धि अनेक वर्षों की सांस्कृतिक परम्परा के आधार पर पायी।
पर्यटन नामक पत्रिका के प्रधान संपादक श्री ली फिंग ने कहा कि 1990 वाले दशक में ई शिंग की स्थानीय सरकार ने भारी पूंजी लगाकर श्यू पेइ हुंग स्मृति भवन, ई शिंग ललित कला भवन , इन शाओ श कला भवन, चीनी मिट्टी बर्तन संग्रहालय जैसे अनेक बड़े सांस्कृतिक स्थल स्थापित किये। इतना ही नहीं, शहर के उपनगरीय कस्बों व गांवों में भी लिपिकार-चित्रकार संघ या इन कलाओं के शौकीनों के दल कायम हुए। अब उन की गतिविधियों के भी शहर में विशेष स्थल हैं। इस से समूचे ई शिंग में लिपि व चित्र कलाओं का बाजार फलता-फूलता नजर आता है।
अब इस शहर में व्यक्तिगत चित्रकला कक्षों व लिपि व चित्र कलाओं की श्रृंखलाएं उभर आयी हैं।ऊ मन चित्र कक्ष, हानखांग चित्र कक्ष, छिन य्वान चित्र कक्ष आदि पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।
ई शिंग में बड़ी तादाद में प्राचीन सांस्कृतिक अवशेषों के अतिरिक्त सौ से अधिक अनोखी मशहूर कास्ट गुफाएं भी हैं। इन गुफाओं का शहर के संस्कृतिकर्मियों के साथ वास्ता था। 1934 में पर्यटकों के लिए खुली शान च्वान गुफा उन में से एक है। भूतत्वशास्त्रियों के अनुसार शान च्वान गुफा दस लाख साल पुरानी है। पर शान च्वान गुफा को यह नाम एक कवि से मिला। कहा जाता है कि कोई चार हजार वर्ष पहले शान च्वान नामक एक कवि इसी गुफा में रहता थे। इसलिए इस गुफा को शान च्वान नाम दे दिया गया। शान च्वान गुफा ई शिंग से 25 किलोमीटर दूर है। शानच्वान पर्यटन स्थल के अधिकारी छन पाओ मिंग ने बताया कि शानच्वान गुफा का पहला भाग एक पार्क है, इसके मध्य में एक क्रीड़ा स्थल है और इस का पिछला भाग बगीचेनुमा एक बड़ा स्थल है। इन तीनों भागों को मिला कर एक विशाल पर्यटन क्षेत्र का रूप दिया गया है। जब पर्यटक ई शिंग घूमने आते हैं, तो वे इस मनोहर पर्यटन स्थल का दौरा करना नहीं भूलते।
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