चीन का भ्रमण कार्यक्रम में आप सभी मित्रों का हार्दिक स्वागत। इस कार्यक्रम में हम अब तक चीन के अनेक प्रसिद्ध प्राकृतिक व सांस्कृतिक पर्यटन स्थलों का दौरा कर चुके हैं। आज हम आप को ले जा रहे हैं विशेष लिपिकला व चित्रकला वाले एक छोटे सांस्कृतिक शहर ई शिंग के दौरे पर।
ई शिंग पूर्वी चीन में स्थित च्यांगसू प्रांत का एक छोटा सा शहर है , वह सुप्रसिद्ध शांगहाई शहर से इतना नजदीक है कि कार से वहां पहुंचने में केवल दो घंटे लगते हैं। ई शिंग अपने असाधारण प्राकृतिक दृश्यों और विख्यात ऐतिहासिक विभूतियों के लिए जाना जाता है। इस शहर के एक ओर पर्वतों की श्रृंखलाएं हैं , जबकि दूसरी तरफ बड़ी मशहूर थाई हू झील स्थित है। इतना ही नहीं, यहां एक गहरा सांस्कृतिक पर्यावरण भी व्याप्त है। बहुत से पर्यटकों ने ई शिंग शहर के बारे में अपने अनुभव बताते हुए कहा है कि वे उसके हजारों बार के दौरे के बाद भी शायद न ऊबें।
लंबे इतिहास और प्राचीन संस्कृति ने ई शिंग में बेशुमार ऐतिहासिक व सांस्कृतिक अवशेष छोड़े। वहां ईसा की पहली शताब्दी के तीन राज्यकाल में निर्मित क्वो शान शिलालेख, सातवीं शताब्दी के थांग राजवंश काल की चीनी मिट्टी बर्तन बनाने वाली कू लुंग भट्टी और उत्तरी सुंग राजवंश काल के मशहूर लेखक सू तुंग पो की स्मृति में निर्मित तुंग पो पुस्तकालय आदि दर्शनीय हैं। आज से कोई पांच हजार वर्ष पहले नव पाषाण युग काल में ही इस शहर के निवासियों ने चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने की तकनीक आविष्कृत कर ली थी। बाद में ई शिंग के चीनी मिट्टी के बर्तन चीन में बहुत लोकप्रिय हुए। इन में बैगनी रंग वाले चीनी मिट्टी के बर्तन सब से मशहूर रहे, क्यों कि इन बर्तनों को बनाने की कला सूक्ष्म ही नहीं थी, उन की क्वालिटी भी बहुत बढ़िया थे और आकार-प्रकार भी बहुत सुंदर। ई शिंग का अनेक बार दौरा कर चुके पर्यटक श्री न्ये चुंग य्वान को यह छोटा शहर बहुत पसंद है । उन्होंने हमें बताया ई शिंग छोटा तो है , पर इस का नाम इसके अनोखे प्राकृतिक दृश्यों व असाधारण मानवीय व सांस्कृतिक संपदाओं से है। इसके हरे-भरे पर्तव, साफ पानी और अनोखी गुफाएं देश-विदेश में विख्यात हैं। यहां के मशहूर चीनी मिट्टी के बर्तनों के अलावा मुझे यहां की सुंदर लिपिकला व चित्रकला बहुत अच्छी लगती है। चीनी लिपिकला व चित्रकला के शौकीनों के लिए ई शिंग का दौरा बहुत जरूरी है।
जी हां , श्री न्ये चुंग य्वान का कहना एकदम सही है। इसी छोटे शहर में चीन के श्यू पेइ हुंग, ऊ ता यू , इन शाओ श और उ क्वान चुंग जैसे अत्यंत प्रसिद्ध चित्रकारों का जन्म हुआ , जिन की दुर्लभ चित्रकृतियां और चीन की कला निधि मानी जाती हैं। इधर ई शिंग में लिपिकारों व चित्रकारों की एक नई पीढ़ी प्रकाश में आयी है और उस की कलाकृतियां भी प्रशंसनीय हैं। ई शिंग की संकरी गलियों या बड़ी सड़कों पर अक्सर विभिन्न प्रकार की लिपिकला व चित्रकला प्रदर्शनियां देखने को मिलती हैं। पर्यटन नामक पत्रिका के प्रधान संपादक ली फिंग का मानना है कि ई शिंग का विशेष सांस्कृतिक पर्यावरण वाला मानवीय दृश्य पर्यटकों को अपनी ओर बरबस खींच लेता है। उन का कहना है कि ई शिंग की आधुनिक लिपिकला व चित्रकला ने उल्लेखनीय उपलब्धि अनेक वर्षों की सांस्कृतिक परम्परा के आधार पर पायी। ई शिंग ललित कला भवन ने पूरे चीन के बहुत से चित्रकारों के साथ दोस्ती कायम की, जो चीन में बहुत कम देखने को मिलता है। सिर्फ गत वर्ष यहां प्रभावशाली लिपि व चित्र कला कृतियों की 28 प्रदर्शनियां लगीं। इस प्रकार का सांस्कृतिक पर्यावरण देशी-विदेशी पर्यटकों को अनिवार्य रूप से आकर्षित करता है।
|