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(GMT+08:00) 2005-06-28 15:36:09    
तिब्बत व हान जातियों को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण स्थल खांग बा

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खांग बा क्षेत्र तिब्बत व हान जातियों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण स्थल है। पुराने समय में यह तिब्बत व हान संस्कृति के मेल व उनके बीच आवाजाही का एक आवश्यक रास्ता था। चीन के छिंग हाई तिब्बत पठार पर रहने वाली जनता रोज मांस खाती हैं। जबकि मनुष्य के शरीर में आहार का संतुलन होना चाहिए, इसलिए तिब्बती जनता मांस खाने के साथ चाय पीती है। उसे चाय की बड़ी जरूरत पड़ती है। इस तरह, खांग बा क्षेत्र में चाय व घोड़े का एक विनिमय बाजार स्थापित हुआ। धीरे-धीरे, इस बाजार में चाय व घोड़े के अलावा, रेशम और तिब्बती औषधि आदि का भी सौदा होने लगा। आज हम दक्षिण-पश्चिमी चीन के सी छ्वेन प्रांत के गेन जी प्रिफेक्चर के अनेक स्थलों में चाय व घोड़े के विनिमय बाजार की झलक देख सकते हैं। क्वो छांग फिंग बताते हैं, यह बाजार दक्षिणी सुंग राजवंश के दौरान, चीन की सरकार द्वारा स्थापित एक सरकारी संस्था था। उस वक्त छिंगहाई तिब्बत पठार और हान जाति के बीच होने वाले सभी सौदे सी छ्वेन प्रांत के खांग दींग क्षेत्र में होते थे। 1920 के दशक में चीन की नान चिंग सरकार द्वारा घोषित चीन के तीन प्रमुख वाणिज्य केंद्रों में शांग हाई और वू हाई के अलावा, खांग बा क्षेत्र की प्रमुख काउंटी खांग दींग भी थी। वर्ष 1949 में नये चीन की स्थापना के बाद, सी छ्वेन तिब्बत सड़क, छिंग हाई तिब्बत सड़क और व्यन नान तिब्बत सड़क ,और हवाई सेवा के खुलने के बाद, खांग दींग की वाणिज्य केंद्र की भूमिका खत्म होने लगी।

पुराने समय से चीन का खांग बा क्षेत्र चीन की विभिन्न जातियों के बीच आदान-प्रदान का गलियारा रहा। यहां फू क्वो, दुंग न्वू, जा ल्यांग आदि अनेक कबीलों के लोग ठहरते थे। खांग बा क्षेत्र मानव विज्ञान के अनुसंधान के लिए एक मूल्यवान जगह माना जाता है। क्वो छांग फिंग कहते हैं, मानव विज्ञान की दृष्टि से कहें तो, यहां विभिन्न जातियों के बीच बड़े पैमाने पर जुड़ाव रहा। पुराने शी श्या राजवंश के दौरान, उत्तरी शी श्या की संस्कृति दक्षिण की ओर स्थानांतरित हुई। खांग बा क्षेत्र शी श्या राजवंश के उत्तर से दक्षिण को स्थानांतरण का एक रास्ता था। आज तक लोग खांग बा में शी श्या संस्कृति की अनेक सांस्कृतिक धरोहर पा सकते हैं। तिब्बती राजा सुंग ज्येई गेन बू, मंगोल राजा छन जी स्हेन आदि ने इसका पुनरेकीकरण किया। चीन के सी छ्वेन प्रांत के गेजी प्रिफेक्चर की देन बा काउंटी में एक ऐसा छोटा सा गांव है, जिस के हर परिवार को पास अब भी चीन के मेन छिंग राजवंश द्वारा छोड़े गये घोड़े व लड़ाई की पोशाकें हैं।

क्वो छांग फिंग के अनुसार, देनबा में प्रति वर्ष तिब्बती जा रोंग उत्सव का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर गांव के हर एक परिवार के लोग अपने दादा-दादी द्वारा छोड़ी गयी वेषभूषा पहनते हैं। वर्ष 1935 में चीनी लाल सेना लांग मार्च के दौरान खांग बा से गुजरी। उस के अनेक गंभीर रूप से घायल सैनिकों को यहां ठहरना पड़ा था। अनेक जातियों के मेल मिलाप के बाद खांग बा क्षेत्र के लोग अपेक्षाकृत श्रेष्ठ बन गये।

भौगोलिक दृष्टि से खांग बा क्षेत्र हान जाति केस नजदीक है, इसलिए, उसका हान संस्कृति के साथ आदान-प्रदान भी अपेक्षाकृत घनिष्ठ रहा है। यों इस क्षेत्र पर नाशी, मंगोल और मध्य चीन की संस्कृति आदि का भी प्रभाव है।

गेनजी के प्रचार मंत्री वांग ह्वेई लिन कहते हैं, आज के सी छ्वान प्रांत के या च्यांग से दाओ फू तक की बड़ी घाटी, मातृसत्तात्मक समाज द्वारा छोड़ी गयी संस्कृति है। यहां चरवाहों की कबाइली संस्कृति का भी अच्छा रखरखाव है।

खांग बा क्षेत्र की विभिन्न स्थानीय सरकारें यहां के प्रचुर प्राकृतिक दृश्यों का प्रयोग पर्यटन के जोरदार विकास के लिए कर रही हैं। चीन के मशहूर प्रेम गीत खांग दींग के गीत की राजधानी खांग दींग, विश्व की सब से लम्बी कविता के कवि केसर का जन्मस्थान दे ग और तिब्बती जाति का संस्कृति भंडार दे ग बौद्धसूत्र प्रेस इनमें शामिल हैं।

खांग बा की संस्कृति व अर्थतंत्र के संपर्क को घनिष्ठ बनाने के लिए, चीन के सी छ्वेन , व्यन नान व छिंगहाई प्रांतों ने संयुक्त रूप से एक बड़े शांगरीला पर्यटन क्षेत्र की स्थापना की है। वर्ष 2000 में छिंगहाई प्रांत के व्यू शू में प्रथम खांग बा कला उत्सव का आयोजन किया गया, जिस से बड़े पैमाने पर खांग बा क्षेत्र के पर्यटन विकास को बढ़ावा मिला। वर्ष 2004 में जनवरी से जुलाई तक, इस क्षेत्र का पर्यटन करने वालों की संख्या 9 लाख रही, जो वर्ष 2003 की तुलना में लगभग 2 लाख अधिक थी। खांग बा क्षेत्र में विविध लोककथाएं, लोकगीत और रंग-बिरंगे नृत्य क्वो च्वांग, थी था, र बा एवं तिब्बती नाटक मौजूद हैं। हर कोई पर्यटक यहां आकर इसके नृत्य व गान के सागर में फंस जाता है।