भौगोलिक व सांस्कृतिक दृष्टि से चीन का तिब्बती बहुल क्षेत्र खांग बा, वेई ज्यांग और एन दो तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है। इन में खांग बा संस्कृति विभिन्न जातियों की संस्कृतियों को जोड़ने वाली तिब्बती संस्कृति है। आज के इस कार्यक्रम में हम आप को तिब्बती जाति की इस प्रमुख संस्कृति का परिचय देंगे।
चीन का खांग बा क्षेत्र चीन के 20 लाख वर्गमीटर वाले तिब्बती बहुल क्षेत्र का बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इस विस्तृत भूमि में चीन के सी छ्वेन प्रांत का गेन जी प्रिफेक्चर, तिब्बत का छांग दु क्षेत्र, व्यन नान का दी छिंग प्रिफेक्चर, छिंग हाई का व्यू शू और सी छ्वेन प्रांत के आबा प्रिफेक्चर का एक छोटा भाग शामिल है। खांग बा क्षेत्र हंग द्वेई पहाड़ी पर स्थित हैष वहां हर जगह ऊंचे-ऊंचे पहाड़ हैं , जो उस के जटिल मौसम व भौगोलिक दृश्य को दर्शाते हैं। इतिहास में वह चीन के भीतरी इलाके व तिब्बत को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण रास्ता रहा है। गेन जी प्रिफेक्चर के प्रचार मंत्री श्री वांग ह्वेई लिन कहते हैं, प्रकृति की दृष्टि से देखें तो, खांग बा क्षेत्र एक प्राकृतिक संग्रहालय है। सांस्कृतिक दृष्टिकोण से, वह इतिहास में जातीय संस्कृति का गलियारा माना जाता रहा है। इसे चीन के दक्षिण-पश्चिमी भाग की अनेक अल्पसंख्यक जातियों, ई , नाशी, रोंग, तिब्बती और खांग बा तिब्बती जातियों के रहने की एक महत्वपूर्ण जगह कहा जा सकता है । विभिन्न जातियां इस गलियारे में एक-दूसरे के साथ मेलजोल से रहती आई हैं और एक-दूसरे से घनिष्ठ संपर्क में रही हैं।
खांग बा क्षेत्र को पुराने समय से ही जातीय गलियारा माना जाता रहा है। यह संस्कृति की विविधता को प्रतिबिंबित करता है। खांग बा एक जटिल संस्कृति है। इस ने तिब्बती और हान जाति की संस्कृति को तो स्वीकार किया ही, साथ ही साथ आसपास की नाशी, ई, मंगोल और मेन जैसी अन्य जातियों की विशेषताएं भी अपनाई। खांग बा हमेशा एक अपेक्षाकृत खुला क्षेत्र रहा।
तिब्बती भाषा में खांग बा का मतलब है सीमांत क्षेत्र में रहने वाले लोग। खांग बा संस्कृति का अनुसंधान करने वाले श्री क्वो फिंग छांग बताते हैं, तिब्बती भाषा में खांग का मतलब सीमांत क्षेत्र है। यहां के लोग ल्हासा को केंद्र मानते हैं और उन की समझ में खांग बा तिब्बती क्षेत्र का सीमांत है। यों भीतरी चीन की ओर से देखा जाए, तो कांग बा क्षेत्र हान संस्कृति का सीमांत भी माना जा सकता है। इसलिए, खांग बा क्षेत्र में रहने वाले लोग खांग बा कहलाते हैं।
श्री क्वो फिंग छांग के अनुसार तिब्बत में एक कहावत प्रचलित है- एन दो का घोड़ा, जांग वेई के बुद्ध और खांग बा के लोग। तिब्बत की स्थानीय सरकारों के अनेक राजनीतिक, संस्कृति विशेषज्ञ, भिक्षु और जाने माने व्यक्ति खांग बा के निवासी थे। केवल सी छ्वेन प्रांत के गेन जी प्रिफेक्चर से चार दलाई लामा और सात या आठ प्रांत स्तरीय कर्मचारी उभरे। यहां के लोग अनेक अल्पसंख्यक जातियों की श्रेष्ठताओं को एकत्र कर बुद्धिमान और खूबसूरत दिखते हैं। गेन जी के महासचिव ल्यू दाओ फिंग कहते हैं, यहां के लोग बहुत खूबसूरत हैं। लड़कियां बहुत सुन्दर हैं और लड़के भी काफी ऊंचे कद के हैं। यहां के लोग जन्म से ही कलाकार हैं। बचपन से ही दूध और शराब पी सकते हैं , पैदल चलते हुए ही नाच सकते हैं, और बोलना सीखते ही गाना गाना शुरू कर देते हैं। ये बहुत स्वतंत्र व खुले लोग हैं।
खांग बा क्षेत्र के लोग क्यों इतने श्रेष्ठ हैं , क्वो छांग फिंग ने इसके कई कारण बताते हैं। उन के अनुसार, भौगोलिक, सांस्कृतिक व जातीय तीनों कारणों से खांग बा के लोग श्रेष्ठ हैं। खांग बा क्षेत्र छिंग हाई तिब्बत पठार के पूर्वी सीमांत में हंग द्वेई पहाड़ों के बीच सी छ्वेन घाटी में स्थित है, जो तिब्बत व हान जातियों को जोड़ता है। वह एक सामरिक स्थल भी है। यहां विभिन्न जातियां अक्सर लड़ाई लड़ती रहीं। अब तक चीन के सी छ्वेन के गेनजी प्रिफेक्चर की देन बा काउंटी में कई पुराने पत्थर के किले यहां की पुरानी युद्ध संस्कृति को प्रतिबिंबित करते हैं। लोग इन किलों में रहकर आसानी से अपनी रक्षा कर सकते थे और युद्ध की सूचना भी ले-दे सकते थे।
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