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(GMT+08:00) 2005-05-31 14:51:41    
दी छिंग में संस्कृति का बहुध्रुवीकरण

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   तिब्बती क्षेत्र में पहुंचने पर आप जगह-जगह मठ, लामा औऱ मणि पत्थरों के अलावा सफेद स्तंभों और पहाड़ों पर प्रार्थना अंकित पताकाएं देख सकते हैं। दी छिंग में अनेक बौद्ध मठ हैं। इन में सब से प्रसिद्ध मठ ग देन सुंग ज्येन लिन मठ और ग देन तुंग च्वु लिन मठ हैं। छोटे मठ तो दी छिंग में हर जगह दिखायी देते हैं।

  सुंग ज्येन लिन मठ को छोटा पोताला महल भी कहा जाता है। कहते हैं कि इसे पांचवें दलाई लामा ने खुद चुना। मठ के द्वार पर खड़े होने पर आप पायेंगे कि पहाड़ पर नीचे से ऊपर छोटे-बड़े कई महल फैले हैं और बीच में न जाने कितनी सीढ़ियां हैं। ऐसा लगता है जैसे यह पृथ्वी से स्वर्ग तक जाने वाला रास्ता हो। इस रास्ते पर आप लाल रंग की पोशाक पहने लामाओं को देख पायेंगे। सुंग ज्येन लिन मठ में अनेक रंगीन चित्र व मूर्तियां हैं। इस मठ को लेकर अनेक कथाएं भी प्रचलित हैं।

मठ के प्रमुख कक्ष में 1600 लोग एक साथ निल कर पूजा कर सकते हैं। तिब्बती अगरबत्ती की खुशबू के बीच कक्ष की चारों दीवारों पर अंकित बौद्ध चित्र धुंधली रोशनी में कहानी सुनाते लगते हैं।

मठ के प्रमुख कक्ष के पास मेरी मुलाकात सुंग ज्येन लिन मठ के एक जीवित बुद्ध से हुई। उन्होंने मुझे एक लाल पट्टी देते हुए कहा कि यह पट्टी मेरी रक्षा करेगी।

दी छिंग शिल्टन द्वारा वर्णित शंगरीला है या नहीं, यह तो हम बता नहीं सकते, लेकिन,इतना जरूर कह सकते हैं कि यहां का बर्फीला पहाड़ मई ली, विशाल घाटी और सुंग ज्येन लिन मठ उनकी पुस्तक में वर्णित शंगरीला को साकार करते हैं। वर्ष 1992 में, व्यन नान प्रांत ने दी छिंग तिब्बती प्रिफेक्चर के शंगरीला होने का विचार प्रस्तुत कर वहां विशेष शंगरीला पारिस्थितिकी पर्यटन शुरू किया।

दी छिंग प्रिफेक्चर के सचिव श्री जांग कहते हैं,"अनेक वर्षों की तैयारी और लगभग दस वर्षों के प्रयासों से आखिरकर वर्ष 2002 के नवम्बर माह में चीनी राज्य परिषद की पुष्टि से व्यन नान के दी छिंग प्रिफेक्चर ने अपनी शंगरीला वाली छवि प्राप्त की। इस तरह दी छिंग की राजधानी जुंग द्येन काउंटी ने भी शंगरीला काउंटी का रूप लिया।

दी छिंग लगभग आधी सदी से लोगों के सपने का स्वर्ग बना हुआ है। अपने अनोखेपन से वह अनेक पर्यटकों को आकर्षित करता आया है।

हाल में चीन के तीन प्रांतों व्यन नान, सी छ्वान, और तिब्बत ने एक साथ मिलकर दी छिंग को को विश्व का सब से बड़ा पारिस्थितिकी क्षेत्र बनाने का निर्णय लिया। वे शंगरीला की उसकी छाप और विशेष भौगोलिक व सांस्कृतिक संसाधनों से पारिस्थितिकी पर्यटन व्यवसाय का विकास करना चाहते हैं।

दी छिंग तिब्ब्ती प्रिफेक्चर के सचिव श्री जांग बताते हैं,"हम सब साथ मिलकर व्यन नान, सी छ्वान और तिब्बत में एक विशाल शंगरीला पारिस्थितिकी पर्यटन क्षेत्र की स्थापना करना चाहते हैं और शंगरीला की छाप को और विकसित करेंगे। हम इसे विश्व का शंगरीला और चिरस्थायी शंगरीला बनाना चाहते हैं। हम दी छिंग तिब्बती प्रिफेक्चर को चीन के तिब्बती बहुल क्षेत्रों में बेहतरीन बनाना चाहते हैं।

हमें विश्वास है कि केंद्रीय सरकार के सही नेतृत्व में, समाज के विभिन्न तबकों की मदद से हमारा लक्ष्य अवश्य साकार होगा।