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(GMT+08:00) 2005-05-30 15:42:01    
फिनलैंड की परीकथाओं को चीन लाये वृद्ध राजनीतिज्ञ दू चुंग ईंग

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गत वर्ष की एक रात, चीन स्थित फिनलैंड के दूतावास में एक विशेष भोज का आयोजन किया गया। इस में चीन स्थित फिनलैंड के राजदूत बा शींग ने फिनलैंड के राष्ट्रपति की ओर से एक चीनी वृद्ध को एक विशेष पदक से सम्मानित किया। यह प्रथम घटना थी,जिसमें फिनलैंड के राष्ट्रपति ने एक चीनी को यह पदक प्रदान किया। यह पदक पाने वाले चीनी वृद्ध कौन थे और उन्होंने क्यों यह सम्मान प्राप्त किया? यह जानने के लिए आज के जीवन और समाज कार्यक्रम में मिलिए इस वृद्ध चीनी से।

इस वृद्ध चीनी का नाम है दू चुंग ईंग और इस वर्ष उम्र है 73 वर्ष। वे कभी फिनलैंड स्थित चीनी दूतावास में काम करते थे और वानुआतु तथा किरिबाती गणराज्यों में चीनी राजदूत भी रहे। उनका पूरा जीवन राजनय करने में बीता।

52 वर्ष पहले, 21 वर्षीय दू चुंग ईंग ने पेइचिंग विदेशी भाषा अकादमी से स्नातक होने के बाद चीनी विदेश मंत्रालय में काम करना शुरू किया। इस के बाद, उन्हें फिनलैंड स्थित चीनी दूतावास में काम करने के लिए भेजा गया और तब से, उन्होंने इस देश के साथ संपर्क बरकरार रखा।

आज हालांकि आधी से ज्यादा सदी पार हो गयी है, पर उन्हें फिनलैंड के अपने राजनयिक जीवन की एकदम साफ याद है। उनका कहना है फिनलैंड को देखकर उन्हें अपनी जन्मभूमि की याद आती रही। विदेश मंत्रालय पहुंचने के तुरंत बाद मुझे फिनलैंड भेजा गया। आप कल्पना नहीं कर सकते कि उस वक्त मैं कितना खुश था। फिनलैंड शब्द बहुत सुन्दर है और यह देश मुझे बहुत आकर्षित करता रहा है। मेरी समझ में फिनलैंड के चीनी समानार्थक का अर्थ सुहावना औछिद है, और औछिद मेरी जन्मभूमि का प्रिय फूल है। औछिद के प्रति मेरी विशेष भावना है।

श्री दू ने फिनलैंड से अपना राजनयिक जीवन शुरू किया और वहां पूरे 15 वर्ष बिताये। प्रथम बार फिनलैंड पहुंचने वाले 20 वर्षीय दू चुंग ईंग को इस सुन्दर देश को समझने की बड़ी इच्छा हुई। लेकिन, उस वक्त उन्हें अंग्रेजी ही आती थी। यह उन के कार्य में असुविधाजनक था। वहां अच्छी तरह काम करने के लिए दू चुंग ईंग एक अध्यापक की मदद से, फिनलैंड की भाषा सीखने लगे। उन्होंने फिनलैंड की परीकथाओं समेत सभी सांस्कृतिक ग्रंथों को पढ़ा। उन के अनुसार, मेरे अध्यापक ने मुझे कुछ पुस्तकों का परिचय दिया, जिन में अनेक परीकथाएं भी थीं। फिनलैंड की परीकथाओं की विशेषता है उनमें सुन्दर व कुरूप की साफ़ भिन्नता होना। अच्छा अच्छा है, और बुरा बुरा। यह बच्चों की शिक्षा के लिए बहुत मददगार है। मैंने सोचा कि यदि मेरे पास समय हुआ, तो मैं इन पुस्तकों का चीनी भाषा में अनुवाद कर उन्हें चीनी बच्चों को पढ़ाऊंगा।

राजनयिक कार्यों में व्यस्त रहने वाले दू चुंग ईंग तब अपनी इस इच्छा को पूरा नहीं कर पाये। फिनलैंड स्थित चीनी दूतावास में काम करने के अलावा, उन्होंने जेनेवा स्थित चीनी प्रतिनिधिमंडल में भी काम किया और वानुआतु तथा किरिबाती स्थित चीनी दूतावासों में राजदूत का पद संभाला। पर वर्ष 1994 में रिटायर होने के बाद, 64 वर्षीय दू चुंग ईंग को परीकथाओं के अनुवाद का समय मिला। फिनलैंड की परीकथाओं का अनुवाद करने के लिए, श्री दू चुंग ईंग ने सामाजिक मामले छोड़े और वे पूरे ध्यान से अपने परीराज्य में रम गये। इस दौरान, श्री दू की पत्नी सुश्री वू पाओ लू हमेशा उन के साथ रहीं। सुश्री वू ने बताया कि फिनलैंड की परीकथाओं का यथाशीघ्र अनुवाद पूरा करने के लिए श्री दू चुंग ईंग ने अनेक प्रयत्न किये। और पत्नी के रूप में उन्होंने अपने पति को मदद देने का हरसंभव प्रयास किया। उन्होंने कहा, वे यह काम बहुत लगन से करते थे। यदि वे किसी दिन किसी शब्द का अच्छी तरह अनुवाद नहीं कर पाते, तो रात को सपने में भी उस के बारे में सोचते रहते। अक्सर वे मेरे सुझाव भी स्वीकार करते। मैं उन की सचिव थी और मेरा प्रमुख कार्य उन के लिए टाइप करना था।

अपनी पत्नी के समर्थन से वे फिनलैंड की परीकथाओं के अपने अनुवाद को प्रकाशित कर पाये। यह चीन में अनुवादित फिनलैंड की परीकथाओं का पहला ग्रंथ था। इस पुस्तक को प्रकाशित होने के बाद, अनेक चीनी बच्चों ने पसंद किया। इस तरह श्री दू चुंग ईंग ने आखिरकर अपने युवावस्था की अभिलाषा पूरी की।

जब उन्होंने देखा कि उनके द्वारा अनुदित फिनलैंड की परीकथाएं चीनी बच्चों को शिक्षा देने में सहायक हैं, तो उन का मन खुशी से भर उठा। उन्होंने कहा, अनेक बच्चों को यह पुस्तक पसंद है। मेरे एक मित्र के पोते ने कुछ समय पहले, मुझसे फोन पर पूछा कि मैं कब और एक पुस्तक प्रकाशित करूंगा। उसने अपनी दादी से कहा कि मैंने अनेक परीकथाएं देखीं हैं, लेकिन, दादा दू द्वारा अनुदित परीकथा सब से दिलचस्प लगी। मुझे यह जान कर बहुत खुशी हुई।

फिनलैंड की परीकथाओं के अलावा, श्री दु चुंग ईंग वहां के कई दूसरे ग्रंथों का अनुवाद भी कर चुके हैं। इन में फिनलैंड के पूर्व राष्ट्रपति मार्दी अहदिसारी की पुस्तक बेल्ग्रैड मिशन तथा फिनलैंड की कहानियों का संग्रह भी शामिल है।

श्री दू चुंग ईंग के प्रयासों को चीन के पाठकों ने सराहा है और फिनलैंड की ओर से भी इसे पुष्टि मिली है। फिनलैंड व चीन के मैत्रीपूर्ण संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए उनके द्वारा किये गये प्रयासों के लिए ही वर्ष 2004 के सितम्बर माह में फिनलैंड के राष्ट्रपति श्री टार्जा हालोनन ने श्री दू चुंग ईंग एक विशेष पदक प्रदान किया। चीन स्थित फिनलैंड के राजदूत श्री बा शीन ने श्री दू का यह कह कर उच्च मूल्यांकन किया , श्री दू ने फिनलैंड के अनेक सांस्कृतिक ग्रंथों का अनुवाद किया है । यह चीनी जनता द्वारा फिनलैंड को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस क्षेत्र में अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान किया है।

हाल में श्री दू ने फिनलैंड की और परीकथाओं का अनुवाद का काम शुरू किया है। श्री दू ने बताया कि अनुवाद करना रिटायर होने के बाद उनके लिए सब से महत्वपूर्ण कार्य बन गया है। उन्होंने यथाशक्ति चीन और फिनलैंड की जनता की आपसी समझ व उनके बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने की कोशिश करने का संकल्प लिया है।