दोस्तो , हम पश्चिमी चीन के कानसू प्रांत के कान नान क्षेत्र में तीर भेंट पर्त के बारे में जानकारी दी थी । आप को पता है कि वहां के स्थानीय लोग पर्वत देव को पूजा में हर वर्ष तीर भेंट करने की परम्परा आज तक भी खूब प्रचलित है । जिस से आप को मालूम हुआ होगा कि स्थानीय लोग इस पर्व को धूमधाम के साथ मनाने की तैयारी किस तरह करते हैं । इस के लिए सब से पहले करीब एक मीटर गहरा गड्ढा खोदा जाता है जिसमें विभिन्न प्रकार के अनाज, छुरी व तीर आदि हथियार दबा दिये जाते हैं। इस गट्ढे के ऊपर ही एक मीटर ऊंचा तीर-मंच बनाया जाता है। वई सान की रस्म शुरू होने पर जीवित बुद्ध व भिक्षु शांति की प्राप्ति के लिए बौद्ध सूत्रों का पाठ करते हैं, जबकि लोग तीर-मंच पर तीर व प्रसाद सामग्री रख कर लुंगते बार-बार आकाश की ओर फेंकते हैं और सुखमय जीवन की आशा से पर्वत देव का गुणगान करते हैं। इस वक्त चारों ओर उल्लास का वातावरण व्याप्त रहता है।
लोसांताचे ने बताया कि हर वर्ष तीर-भेंट पर्व पर लगभग सभी पर्वतों पर बड़े-बड़े तीर मंच बनाये जाते हैं। ऐसे कुछ मंच सौ साल से भी अधिक पुराने हैं। तीर-मंच के चारों कोनों पर लकड़ी के मोटे खंभे गाड़े जाते हैं और मंच के बीचोंबीच एक बहुत लम्बा लकड़ी का खंभा खड़ा किया जाता है जिस पर शेर, ड्रैगन, हाथी और बाघ जैसे जानवरों की आकृतियां चित्रित होती हैं। इस पर देवदार की डालें, हाते आदि शकुन की चीजें भी बांधी जाती हैं। तीर-मंच के चारों ओर लोग हाथों में रंगीन तीर उठाये खड़े होते हैं। 42 वर्षीय छुनता हर वर्ष तीर-भेंट पर्व मनाने कान नान आते हैं। उन्हों ने बताया कि हर कोई अपनी आमदनी के हिसाब से बड़ा या छोटा रंगीन तीर ला सकता है। उन्होंने कहा कि तीर का आकार-प्रकार व्यक्ति की आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है। यदि आप धनी परिवार से हैं, तो बहुत बड़ा रंगीन तीर बना सकते हैं और यदि आप के पास ज्यादा पैसे नहीं है, तो भी आप अपना मनपसंद तीर बनाने की यथासंभव कोशिश करेंगे ही। इस वर्ष मैं ने खुद काफी बड़ा रंगीन तीर बनाया। इस पर्व को मनाने के लिए मैं सपरिवार सुबह साढ़े तीन बजे घर से निकला और खुद तीर को पर्वत की चोटी तक ले गया।
परम्परानुसार तीर-भेंट पर्व की गतिविधियां विधिवत रूप से सूर्योदय के बाद शुरू होती हैं। लोग नरम धूप में चारों तरफ से तीर-मंच की ओर उमड़ते हैं और साथ लाये देवदार की शाखाओं, दूध, फलों, चाय व विभिन्न पकवानों के प्रसाद को तीर-मंच पर भभकती वई सान की आंच पर चढ़ाते हैं। धुंएं, हर्षध्वनि और पटाखों की आवाज के बीच वे पर्वत देव का नाम जपते हुए प्रार्थना करते हैं और रंग-बिरंगे बेशुमार लुंगते आकाश की ओर फेंकने की होड़ सी करते हैं। क्षण भर में ही ढेर सारे लुंगते बर्फीले पर्वत को रंगीन बना डालते हैं।
काननान क्षेत्र में तीर-भेंट जैसे अनगिनत परम्परागत पर्व हैं। काननान तिब्बती जातीय स्वायत्त प्रिफेक्चर के पर्यटन ब्यूरो के एक अधिकारी वांग चिंग फू ने बताया कि काननान में साल भर विविध धार्मिक गतिविधियां आयोजित रहती हैं और रंग-बिरंगे परम्परागत त्यौहार खुशी के साथ मनाये जाते हैं। चीनी पंचांग के प्रथम, सातवें व नवें माह में यहां भव्य पूजा समारोह होते हैं। तीर-भेंट पर्व, सुगंधित लहर पर्व, नृत्य-गान उत्सव और दीप उत्सव आदि स्थानीय परम्परागत त्यौहारों ने क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बना ली है। यों युग परिवर्तन के साथ इन स्थानीय विशेषता वाले समारोहों में घुड़दौड़, तीरंदाजी, निशानेबाजी आदि मनोरंजक खेल भी जुड़ गये है। श्री वांग चिंग फू ने बताया कि काननान की सी सांस्कृतिक परम्पराएं देश के अन्य क्षेत्रों में देखने को नहीं मिलतीं। पर्यटकों को यहां एक अकल्पनीय माहौल का आभास होता है।
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