फिफा परम्परागत चीनी वाद्यों में से एक है । इस लेख में आप पा सकेंगे चीनी संगीतकार यांग चिंग और उन के द्वारा परम्परागत चीनी वाद्य फीफा पर बजाई गई धुनें।
संगीत---"जंगली हंस"
यह है, चीनी संगीतकार यांग चिंग द्वारा फीफे पर पेश की गयी धुन "जंगली हंस"। इस धुन में जंगली हंस की आकाश में उड़ान को अभिव्यक्त किया गया है। जंगली हंस कभी उड़ते हैं तो कभी आकाश से नीचे उतर कर आराम करते हैं । इस धुन से श्रोताओं को कभी शांति का एहसास होता है तो कभी क्रियाशील होने का।
फीफा चीन का एक परम्परागत वाद्य है। इस की आवाज़ बहुत विस्तार लिये होती है और मीठी भी। चीनी जातीय वाद्यों में फीफा बहुत महत्वपूर्ण है। फीफे पर जोशीली धुनें भी बजायी जा सकती हैं और कोमल धुनें भी। अभी आप ने सुनी इस पर बजाई गई एक कोमल धुन। अब सुनिए यांग चिंग द्वरा बजायी गयी "वीर राजा का हथियार डालना" ।
संगीत---"वीर राजा का हथियार डालना"
इस धुन में "रानी से राजा की बिदाई" नामक कहानी कही गयी है। ईसा पूर्व 202 में चीन में छू और हान दोनों राज्यों के बीच युद्ध हुआ। छू राज्य का राजा श्यांग यू था और हान राज्य का ल्यू बांग। श्यांग यू बहुत शक्तिशाली था और ल्यू बांग थोड़ा कमज़ोर।लेकिन युद्ध में शक्तिशाली श्यांग यू को अपने घमंड के कारण हार खानी पड़ी। "वीर राजा का हथियार डालना" नामक धुन में विफल होने पर हथियार छोड़ने वाले श्यांग यू की जटिल भावना व्यक्त की गयी है। हम अपने एक पिछले कार्यक्रम में "रानी से राजा की बिदाई" नामक धुन भी पेश कर चुके हैं, जो चीन में बहुत मशहूर है। "वीर राजा का हथियार डालना" भी चीन में बहुत प्रसिद्ध है। यांग चिंग की फीफा धुन वीर राजा श्यांग यू के प्रति लोगों की सहानुभूति जगाने के साथ उसकी प्रशंसा भी करती है।
संगीतकार यांग चिंग चीन के मशहूर फीफा वादक हैं। वे यह वाद्य बजाने में बहुत निपुण हैं। धुनों में यांग चिंग प्रकृति की सुन्दरता की खोज करती हैं। फीफा बजाने के समय वे संगीत पर गहरा सोच-विचार करती हैं। इसलिए उनकी धुनें आम तौर पर बहुत कलात्मक होती हैं और उन्हें दर्शकों-श्रोताओं की सराहना हासिल हुई है। अब सुनिए यांग चिंग की एक और फीफा धुन , नाम है "यी जाती की नृत्य धुन"।
संगीत---"यी जाती की नृत्य धुन"
"यी जाती की नृत्य धुन" दक्षिणी चीन के यून नान प्रांत की अल्पसंख्यक जाती यी के लोक संगीत के आधार पर रची गयी है। यह बहुत मधुर है। इस में एक सुन्दर रात में यी जाती के लोगों के मशाल के गिर्द नाचने-गाने का वर्णन किया गया है। इस धुन को इसकी गहरी जातीय विशेषता के कारण चीनी संगीत प्रेमियों ने बहुत पसंद किया है ।
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