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(GMT+08:00) 2005-05-12 14:35:09    
सराबोर तिब्बती युवती खुसांरामू

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हाल ही में हमारी संवाददाता सुश्री ल्यू हवी की मुलाकात तिब्बती युवती खुसारामू से हुई । खुसारामू ने बताया कि इस वर्ष की पहली जुलाई से उसने पेइचिंग स्थित चीन के तिब्बत सूचना केन्द्र की वेब साइट के तिब्बती संस्करण में काम करना शुरू किया है। इस से वह बड़ी खुश भी है।हमारी संवाददाता के साथ बातचीत के दौरान इस तिब्बती युवती ने यह भी कहा चीन के तिब्बत सूचना केन्द्र की वेब साइट पर तिब्बती भाषा में काम करने पर उसे बहुत गर्व महसूस होता है। खुसारामू के अनुसार हर रोज देश-विदेश के लगभग तीस लाख लोग इस वेब साइट पर आते हैं और यह चीन की एक मशहूर वेब साइट बन गयी है । खुसारामू ने बताया कि कालेज से स्नातक होने के तुरंत बाद उसे यह खासी अच्छी नौकरी मिली तो उसके बहुत से जानने वालों ने यही कहा है कि उसकी किस्मत बहुत अच्छी है। खुसारामू की कहानी हम आप को सुना चुके हैं। शायद यह आप को याद भी होगी ।खुसारामू का जन्मस्थान चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का अली प्रिफेक्चर है । अली इस स्वायत्त प्रदेश के सात प्रिफेक्चरों में से एक है । कुछ लोग अली को विश्व की छत की भी छत कहते हैं ।उनके ऐसा कहने का कारण है अली का समुद्र की सतह से कोई पांच हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित होना।ध्यान रहे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा की समुद्र की सतह से ऊंचाई तीन हजार मीटर है । लोग तिब्बत को विश्व की छत पर स्थित मानते हैं । इस तरह उसका अली प्रिफेक्चर विश्व की छत की छत हुआ।अली का प्राकृतिक दृश्य बहुत सुन्दर है। वहां दूर-दूर तक पहाड़ ही पहाड़ दिखते हैं और आकाश में सफेद बादल उड़ते रहते हैं। खुसारामू का कहना है कि उस का जन्मस्थान अली प्रिफेक्चर किसी बगीचे की ही तरह सुन्दर है। खुसारामू एक तिब्बती चरवाहे की बेटी है। बचपन से ही गीत गाने में उस की बड़ी रुचि रही है । वर्ष उन्नीस सौ तिरानवे में बारह वर्ष की आयु में खुसारामू को पेइचिंग के तिब्बती मिजिल स्कूल में पढ़ने का मौका मिला। इस पर उस के परिवार की खुशी का ठिकाना न रहा । उसके गांववासियों ने उसे इसकी बधाई किसी त्यौहार की सी खुशी मना कर दी। वे दिन -रात गाते और नाचते रहे। पेइचिंग के तिब्बती मिडिल स्कूल की स्थापना वर्ष उन्नीस सौ सत्तासी में की गयी जिस में अब आठ सौ तिब्बती छात्र पढ़ रहे हैं। वे सभी तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से चुने गये हैं। इस स्कूल ने छात्रों के शौक के अनुरूप कक्षा के बाद उन के लिए तरह-तरह के दल भी कायम किये हैं। मिसाल के लिए कुछ छात्रों की फोटो खींचने में बड़ी रुचि है और कुछ को चित्र बनाने में तो उन के लिए ऐसे विशेष दल कायम हैं। इन दलों में उन्हें इन विषयों की अच्छी शिक्षा प्राप्त होती है ।गीतों की शौकीन खुंसारामू संगीत दल में शामिल रही और अपने संगीत अध्यापक श्री चान की मदद से उस ने धीरे-धीरे गाने की जरूरी जानकारी हासिल की। पेइचिंग में हुई अनेक गायन प्रतियोगिताओं में खुंसारामू को पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया। खुसारामू का कहना है कि इस का श्रेय पेइचिंग के तिब्बती मिडिल स्कूल और स्कूल के संगीत अध्यापक श्री चान को जाता है। नीचे आप पढ़ पाते हैं तिब्बत के बारे में कुछ खुशीजनक खबरें । इधर के वर्ष चीन के तिब्बत स्वायत प्रदेश का विकास हुआ है। चालू वर्ष चीन की केन्द्र सरकार तिब्बत स्वायत प्रदेश की दर्जनों अहम परियोजनाओं के निर्माण को समर्थन देने के लिए छै अरब चालिस करोड़ य्वान का अनुदान करेगी। खबर के अनुसार इस वर्ष चीन फिर एक बार चूमूलांमा चोटी की ऊंचाई नापने की कार्यवाही करेगा। खबर है इन परियोजनाएं कृषि, उद्योग, यातायात, स्वास्थ्य व म्यूनिसिपल निर्माण से संबंधित हैं। जिन में घासमैदान का निर्माण व संरक्षण, ग्रामीण क्षेत्र व चरागाहों में पेय जल की परियोजना, राजकीय मार्ग, विद्युत जाल और स्कूल शामिल हैं। इन परियोजनाओं से पांच लाख से अधिक लोगों को पेय जल की सुविधा मिलेगी और चार लाख लोगों को बिजली की सुविधा मिलेगी। यहां बता दें कि उत्तर पश्चिमी चीन का छिंगहाई-तिब्बत पठार चीन की तीन बड़ी नद नदियों पीली नदी, यांत्सी नदी और लानछांग नदी का उद्गम स्थान है। यहां की पारिस्थितिकी के संरक्षण के लिए चीन सरकार आगामी छै सालों के अंदर सात अरब पचास करोड़ य्वान का अनुदान करेगी। खबर है कि इस वर्ष से चीन सरकार ने इस क्षेत्र में चरागाह को घासमैदान के रूप में बनाने, दलदल का संरक्षण करने, घासमैदान को सुव्यवस्थित करने और वहां के निवासियों का स्थानांतरण करने की योजना बनाई। इस योजना के तहत पांच साल बाद वहां की पारिस्थितिकी में सुधार आएगा, पिछड़े उत्दापन तरीके को बदलेगा। यहां बता दें कि चीनी राजकीय नक्शा ब्यूरो से मिली खबर के अनुसार इस वर्ष के पूर्वार्द्ध में चीन फिर एक बार विश्व की सर्वोच्च ऊंची चोटी---चूमूलांमा चोटी की ऊंचाई नापने की कार्यवाही करेगा।और नापने के आधार पर इस बार नापने की संख्या तय करेगा तथा उसे जारी करेगा। यह पहली बार है कि इस वर्ष चीनी सर्वेक्षणकर्ता और पर्वतारोही-व्यक्ति चूमूलांमा चोटी की ऊंचाई नापने के लिये इस चोटी के शिखर पर चढ़ कर सर्वेक्षण करेंगे।