आज के इस कार्यक्रम में हम बालघाट, मध्यप्रदेश के डॉ प्रदीप मिश्र, रायपुर, छत्तीसगढ की सुश्री फुलमाला बैइन,बौंका, बिहार के कुमोद सिंह और मऊ उत्तरप्रदेश के निजाम अंसारी के पत्र शामिल कर रहे हैं।
अब बौंका, बिहार के कुमोद सिंह का पत्र देखें। उन्होंने अपने पत्र में यह मजेदार सवाल पूछा है कि भारत, बांगलादेश और पाकिस्तान के लोगों के रंग-रूप में समानता है। इसके कुछ कारण भौगोलिक है, कुछ वंश संबंधी। क्या ऐसी ही कुछ बात है, कि तिब्बतियों सहित पूरे चीनियों एवं जापानियों का चेहरा मिलता-जुलता है। इस का कारण भौगोलिक हो सकता है, पर क्या पूर्व में वे एक ही वंश से ताल्लुक रखते थे। बताने की कृपा करें।
कुमोद सिंह भाई, विश्व में मानव जाति तीन समूहों में विभाजित है, कौकेशसी, मंगोल और अश्वेत।
मंगोल लोगों को पीत वर्ण या एशियाई भी कहते हैं।
मंगोल लोग मुख्यतः पूर्वी एशिया के चीन, मंगोलिया, कोरिया, दक्षिण कोरिया, जापान, भूटान, दक्षिण-पूर्वी एशिया के म्यांमार, थाईलैंड, लाओस, वियतनाम, कंबोडिया, मलयेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, ब्रुनेई, फिलिपींस और पूर्वी तिमोर में बसे हुए हैं।
इस के अतिरिक्त रूस, नेपाल, भारत और अमेरिकी महाद्वीप में भी बड़ी मात्रा में मंगोलों का पता लगा है।
कहा जा सकता है कि तिब्बती समेत चीनी लोगों का वंश एक ही था। इसलिए इन लोगों का चेहरा बहुत मिलता-जुलता है।
अन्त में लेते हैं मऊ, उत्तरप्रदेश के निजाम अंसारी का पत्र। उन्होंने पत्र में पहले शिकायत की है कि सवाल-जवाब का एक ही कार्यक्रम कई सप्ताह प्रसारित किया जाता है। एक ही कार्यक्रम को कई बार प्रसारित करना उचित नहीं है। इस कार्यक्रम को हम बहुत ध्यान से सुनते हैं और इससे ज्ञान भी प्राप्त करते हैं। अंसारी भाई, आप की राय ठीक है, हम इस के लिए आपका आभार प्रकट करते हैं।
अंसारी भाई ने पूछा है कि चीन में कितने शहर और कितने गांव हैं। क्या देहात में अधिक खेती होती है, क्या शहरों और देहात को बराबर बिजली मिलती है।
अंसारी भाई, वर्ष 2003 के अंत तक, चीन में कुल 660 शहर थे। इन में 4 केन्द्रशासित शहर शामिल हैं। इनमें 40 लाख से अधिक जनसंख्या के 8, 20 से 40 लाख की जनसंख्या वाले 17, 10 से 20 लाख की जनसंख्या वालो 141, 5 से 10 लाख की जनसंख्या वाले 279, 2 से 5 लाख की जनसंख्या वाले 180 और 2 लाख से कम जनसंख्या वाले 37 शहर हैं। चीन में जिलों की कुल संख्या 1642 है और नगरों व कस्बों की कुल संख्या करीब 40 हजार है। इस के अतिरिक्त चीन में जिलों या टाउनशिपों की संख्या 38290 है।
चीन में खेतों की कुल मात्रा 12 करोड़ 40 लाख हैक्टर है, ताजा आंकड़ों के अनुसार चीन की कुल जनसंख्या 1 अरब 30 करोड़ है, इसलिए चीन में प्रति व्यक्ति के पास औसतन 0.1 हैक्टर खेत हैं।
वर्ष 1998 से चीन सरकार ने ग्रामीण इलाके में बिजली के जाल में सुधार लाने की परियोजना शुरू की। वर्ष 2002 के अंत तक चीन के 99.95 प्रतिशत देहातों तक बिजली पहुंच चुकी थी। बिजली का किराया घटने के कारण हर वर्ष ग्रामीण इलाके में बिजली पर खर्च 40 अरब य्वान घटा।
वर्ष 1998 के पहले, चीन के ग्रामीण इलाके में बिजली का दाम शहरी इलाके का दुगना था। मध्य चीन के हनान प्रांत की मिसाल लें। वर्ष 1997 के अंत तक, शहरी इलाके में प्रति किलोवाट घंटा बिजली का दाम 0.35 से 0.4 य्वान के बीच था, जबकि ग्रामीण इलाके में 0. 7 य्वान।
शानतुंग प्रांत के ग्रामीण इलाके में बिजली के जाल में सुधार आने के बाद बिजली की आपूर्ति में 21.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इससो वहां विद्युत उपकरण के प्रयोग में भी बड़ा इजाफा हुआ। पिछले 5 सालों में इस प्रांत में 23 लाख 87 हजार रंगीन टीवी सेट, 31 लाख 40 हजार बिजली के पंखे, 6 लाख 60 हजार धुलाई मशीनें, 6 लाख 60 हजार फ्रिज और 18 लाख अन्य विद्युत उपकरण खरीदे गये। प्रांत के 89 गांवों के विद्युतीकरण का लक्ष्य भी साकार हुआ।

|