सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ऊरूमुची तीनों ओर पहाड़ों से घिरा एक सुन्दर शहर है । खास कर शहर के पूर्वी भाग में फैला विशाल हरित भूभाग अत्यन्त ध्यानाकर्षक है । हरे भरे पेड़ों से आच्छादित इस विशाल भूभाग का नाम श्वी मोको है । दरअसल श्वी मोको की हरियाली प्राकृतिक नहीं है , वह कृत्रिम है । पहले यह स्थान एक बंजर पहाड़ी वादी था , उसे हरित करने के लिए ऊरूमुची के निवासियों ने लगातार दर्जनों साल तक परिश्रम किया , जिस का आज का हरित रंग आया , आगे प्रस्तुत है ऊरूमुची के निवासियों द्वारा अपने शहर को हराभरा करने के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षरोपन की कहानी पर इस से पहले आप इस कहानी के लिए रखा गया सवाल याद करें , सवाल है कि सिन्चांग की राजधानी ऊरूमुची शहर के पूर्वी भाग में कृत्रिम निर्मित हरित भूभाग का नाम क्या है ।
यह उरूमुची शहर में लोकप्रिय एक लोकगीत है , जिस का नाम श्वी मोको का गुणगान । गीत के भावार्थ इस प्रकारः एक प्राचीन लोक गीत , जो ऊरूमुची के पूर्वी भाग तक जा पहुंचा , यहां स्वच्छ पानी का चश्मा है , वह कलकल बहता हुआ पन चक्का को घूमाता रहा , चश्मे के पानी से सदियों से चली आई रेतीली भूमि हटायी गई , पहाड़ों पर हरियाली छायी हुई , और श्वी मोको वादी देव लोक से भी ज्यादा सुन्दर पड़ी ।
गीत के बोल के वर्णन की भांति श्वी मोको की आज की हरियाली आसानी से नहीं आयी है , वह बीस सालों के कठोर परिश्रम से सदियों से जमा हुए रेत पत्थरों पर विजय पाने तथा वृक्षरोपन किया जाने का सुफल है । आज से बीस से अधिक साल पहले श्वी मोको एक बंजर वादी था , श्वी मो नदी के किनारों पर चंद कुछ पेड़ों को छोड़ कर वहां गंजा पहाड़ ही पहाड़ था , लोगों का कहावत था कि श्वी मोको में पत्थर हवा की झोंके के साथ लुढ़कता दौड़ता है , घास पौधा बमुश्किल देखने को मिलता है ।
चीन में धरती को हरा भरा करने के लिए हर जगह बड़े पैमाने वाला अभियान पिछले दशकों से बेरोकटोक चलता आ रहा है ,चीन सरकार के आहवान में आए करोड़ों लोग हर साल वृक्षरोपन के काम में लगे रहते हैं , जिस से देश की बहुत सी बंजर भूमि पर हरियाली छायी गई । गंजा श्वी मोको वादी को हरित करने के लिए पिछली शताब्दी के अस्सी वाले दशक से ऊरूमुची के निवासियों ने हर वसंत में वहां पेड़ लगाने का अभियान चलाया । शहर के छात्र , मजदूर, कर्मचारी , पुलिस , सैनिक अफसर व जवान तथा आम लोग सभी इस अभियान में सक्रिय रहे ।
पिछले बीस से ज्यादा सालों में ऊरूमुची के निवासियों ने श्वी मोको का काया पलट करने के लिए कठोर परिश्रम किये , उन की मेहनती पसीनों से इस परती भूमि को सिंचित किया गया । श्री चांग छाओ इस वृक्षरोपन अभियान में एक सक्रिय व्यक्ति है , वे हर साल वहां बड़ी संख्या में पेड़ लगाने आते हैं । श्वी मोको की भूमि सख्त और मजबूत है , उस पर गढ्ढा खोदने के लिए श्री चांग ने अच्छा अनुभव भी निचोड़ा है । वे कहते हैः
जहां भूमि कड़ी है और चट्टान ज्यादा है , वहां पेड़ लगाने के लिए गढ्ढा खोदने में प्रबल श्रम शक्तियों से छेनि व हथोड़ा दल गठित किया जाता है , वे बलिष्ट नौजवान सख्त मिट्टी और चट्टानों को टुकड़ा टुकड़ा करके हटाते हैं । उन की कड़ी मेहनत के जरिए पहले सख्त भूमि पर नहर खोदा जाता है , फिर नहर के अन्दर गढ्ढा बनाये जाते हैं और पहाड़ की तलहटी से नीचे से अच्छी मिट्टी को ऊपर खोदी हुई नहर में ढो लाद कर पहुंचाया जाता है । इस से लगाया गया पौधा जीवित हो जाता है ।
हां , श्वी मोको में पेड़ पौधों के जीवित होने की समस्या बहुत महत्वपूर्ण है , लोग इस पर बड़ ध्यान भी देते हैं । वन्य क्वारी बगीचे में 16 साल की उम्र में ही कार्यरत आई सुश्री च्वो श्योचिंग पेड़ पौधों के देखभाल में बहुत अनूभवी हो गई है । उस के मन में पेड़ पौधा बच्चे की तरह महत्वपूर्ण है । वर्षों से ही वे हर पेड़ पौधे की लगन से देखभाल करती आयी है । वे कहती हैः
सिन्चांग में रेतीली तूफान खूब चलता है , इसलिए पेड़ पौधों की देखभाल बहुत मुश्किल है , हम अपने बच्चों की भांति पेड़ पौधों की देखभाल करते हैं , पेड़ का पौधा जब लगाया गया , उस वक्त वह केवल अंगूठा जितना मोटा था , जिस पर महज कई पत्ते थे । कभी पौधों पर कीड़ा भी लगता , तो हम तुरंत उस पर कीटनाशक दवा छिड़क देते हैं । देर से ऐसा काम करने के कारण दोपहर को जब खाना खाते हैं , तो सिर में दर्द और पेट में उल्टी आती है, खाना हजब नहीं होता है , फिर भी खाना खाने के बाद हम दवा छिड़कने पर कायम रहते हैं ।
पिछले बीस से ज्यादा सालों में ऊरूमुची के कुल 11 लाख लोगों ने वृक्षरोपन में भाग लिया और कुल 15 लाख पेड़ लगाए , जिन में 90 प्रतिशत के पेड़ जिवित हो गए और कुल एक हजार हैक्टर भूमि पर हरियाली छायी गई ।
वर्ष 1999 से ऊरूमुची म्युनिसिपल सरकार ने आम लोगों की स्वयंसेवा प्रेरित करने के अलावा निजी कारोबोरों और ईकाइयों को या व्यक्तिगत रूप से वृक्षरोपन का अनुबंध करने का प्रोत्साहन किया , अब तक 12 निजी कारोबारों ने सरकार के साथ वृक्षरोपन पर अनुबंध किए । इन कारोबारों ने बंजर पहाड़ों पर पेड़ लगाने के अलावा गोल्फ मैदान जैसे खेल मनोरंजन संस्थापनों का निर्माण भी किया , जिस से श्वीमोको के पर्यटन उद्योग के विकास को भी बढ़ावा मिला । श्वी मोको क्षेत्र के उप प्रधान ली चुंगशान ने कहाः
वृक्षरोपण के परिणामस्लरूप यहां की पारिस्थितिकी स्थिति बहुत सुधर गई , साथ ही यहां के पर्यटन उद्योग के विकास को भी बल मिला और हमारे क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बहुत ही विकसित किया गया । अब यहां की वार्षिक वित्तीय आय बीस प्रतिशत की दर से बढ़ती जा रही है । यहां के आवासी मकानों का दाम भी लगातार बढ़ता गया है और अन्य प्रकारों के कारोबारों का भी विकास हुआ है । अब बहुत से लोग यहां रहना पसंद करते हैं । यहां आवास , जीवन और व्यापार का अच्छा वातावरण संपन्न हुआ है ।
अच्छे आर्थिक विकास से जीवन के वातावरण की मांग भी बढ़ती गई । पिछली शताब्दी के नब्बे वाले दशक के अंत से श्वी मोको इलाके में बड़े पैमाने पर शहरी क्षेत्रों में हरियाली बिछाने का काम आरंभ किया गया . सड़कों , बस्तियों तथा कारोबारों व संस्थाओं के परिसरों में पेड़ पौधों के रोपन के अलावा शहर के सार्वजनिक स्थानों के हरित निर्माण पर भी जोर लगाया गया , जिस से वहां की आवास स्थिति बेहद सुधर गई और जीवन की क्वालिटी अभूतपूर्व उन्नत हुई । बीस सालों से वन्य बगीचे में काम कर रहे बागकला इंजिनियर श्री वांग फेशिन ने कहाः
शहरी इलाकों में वृक्षरोपन के लिए जिन पेड़ों की किस्मों की आवश्यकता है , वह बंजर पहाड़ों पर लगाए गए पेड़ों से भिन्न है , चुंकि सड़कों तथा बस्तियों में लगाए गए पेड़ों के सुव्यवस्थित प्रबंधन की मांग होती है , उन के सुन्दरता पर महत्व दिया जाता है , इस केलिए वृक्षों , झाड़ियों तथा फुलों का तालमेल होना चाहिए । हम उत्तरी चीन के मौसम से अनुकूल किस्मों के ऐसे पेड़ चुनते हैं , जो देखने में सुन्दर भी लगते हो ।
दशकों से वृक्षरोपन पर कायम रहने के फलस्वरूप ऊरूमुची की परती विरान भूमि को अब नख्लिस्थान का रूप दिया गया है , इस सफलता के लिए ऊरूमुची के निवासियों ने ढेर सारे काम किए हैं और असीम पसीना बहाया है । वे आगे भी वृक्षरोपन का अभियान चलाने के कटिबंद्ध हैं , ताकि अपने शहर को हरित प्राकृतिक सौंदर्य से भरिपूर्ण बनाएंगे ।
|