• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2005-04-28 13:38:35    
विकास की राह पर चीन का तिब्बत

cri
हाल ही में हमें चीनके तिब्बत स्वायत प्रदेश से एक के बाद एक अनेक खबर मिले हैं । मिसाल के लिये हमें सुना है कि रेल की पटरी तिब्बत स्वायत प्रदेश की राजधानी ल्हासा शहर पहुंची ।वर्ष 2006 से इसके औपचारिक रूप से इस्तेमाल में आने की संभावना है।  

यहां पता दें कि चीन के छिंगहाए-तिब्बत रेलमार्ग का निर्माण सुगमता से जारी है। 3 अप्रैल को इस मार्ग की पटरी तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के ल्हासा शहर की शुंग काउंटी की सीमा तक बिछाई जा चुकी थी।

छिंगहाए-तिब्बत रेलमार्ग छिंगहाए प्रांत की राजधानी सीनिंग से शुरू होकर तिब्बत की राजधानी ल्हासा पहुंच कर समाप्त होगा। इसके सिनिंग से छिंगहाए के कारमु तक के भाग को 1984 से यातायात में प्रयोग में लाया जा रहा है। कारमु से ल्हासा तक का 1142 किलोमीटर के रेलमार्ग का निर्माण वर्ष 2001 में शुरू हुआ। योजनानुसार छिंगहाए-तिब्बत रेलमार्ग पर पटरी बिछाने का काम इस साल पूरा होगा । वर्ष 2006 से इसके औपचारिक रूप से इस्तेमाल में आने की संभावना है।

चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के यातायात ब्यूरो और नेपाल के यातायात व परिवहन प्रबंध ब्यूरो ने 27 मार्च को नेपाल के काठमांडू से तिब्बत के ल्हासा तक जाने वाली बस सेवा खोलने पर सहमति संपन्न की । प्रथम बस आगामी 1 मई को शुरू हो जाएगी ।

ल्हासा से काठमांडू तक जाने वाली बस सेवा की लम्बाई 955 किलोमीटर है । वार्ता के परिणाम के अनुसार दोनों पक्षों ने बस सेवा के समय , टिकट दाम , वाहन के आकार प्रकार तथा परिवहन की लाइसेंस आदि सवालों पर सहमति संपन्न की है । दोनों पक्षों ने संबंधित दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किये ।

चीन के तिब्बत स्वायत प्रदेश के वन प्रशासन ने जानकारी दी कि वर्तमान में स्वायत प्रदेश में 7 राष्ट्रीय वन पार्क स्थापित हुए। खबर है कि इन राष्ट्रीय वन पार्कों में चीन का सब से बड़ा आदिम वन, हिमनद, पक्षी द्वीप, झीलें और मठ शामिल हैं, इन का कुल क्षेत्रफल 71 लाख 7 हजार हैक्टर है।

यहां बता दें कि हाल ही में चीन के तिब्बत स्वयात्त प्रदेश के संबंधित विभागों से मिली खबर के अनुसार, तिब्बत स्वयात्त प्रदेश में बिजली जनरेटिंग क्षमता करीब 5 लाख किलोवाट और वार्षिक बिजली उत्पादन मात्रा 1 अरब 20 करोड़ किलोवाट घंटा तक जा पहुंची है, वर्तमान तिब्बत स्वयात्त प्रदेश में बुनियादी तौर से हरेक काउंटी में बिजली की सप्लाई की जा सकती है।

सूत्रों के अनुसार, पिछले 40 वर्षों में चीन की केन्द्रीय सरकार ने कुल 8 अरब 80 करोड़ य्वेन की पूंजी डाल कर तिब्बत के प्रचुर जल उर्जा, भूमिगत उर्जा व सौर उर्जा जैसे उर्जा संसाधनों का विकास किया है और यांग पा चिंग भूमिगत ताप बिजली घर जैसे अनेक बिजली घरों की स्थापना की हैं, फिलहाल तिब्बत में बुनियादी तौर से मुख्यतः पन बिजली समेत भूमिगत ताप व सौर उर्जा जैसे अनेक उर्जा से सम्मिलित एक पूर्ण बिजली जाल कायम किया गया है।

हाल ही में चीन के तिब्बत स्वयात्त प्रदेश के संबंधित विभागों से मिली खबर के अनुसार, तिब्बत स्वयात्त प्रदेश में बिजली जनरेटिंग क्षमता करीब 5 लाख किलोवाट और वार्षिक बिजली उत्पादन मात्रा 1 अरब 20 करोड़ किलोवाट घंटा तक जा पहुंची है, वर्तमान तिब्बत स्वयात्त प्रदेश में बुनियादी तौर से हरेक काउंटी में बिजली की सप्लाई की जा सकती है।

यहां बता दें कि अगर आप चीन के तिब्बत स्वायत प्रदेश के विकास के बारे में अधिकाधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो आप जरूर नियमित समय पर हमारे नियमित कार्यक्रम आज का तिब्बत सुनने की कोशिश करेंगे । हम ने आप के लिये सुन्दर कार्यक्रम तैयार किये हैं ।मिसाल के लिये हम आप को अनेक तिब्बती नौजवानों से मिलवायेंगे औप वे खुद ही आप को तिब्बत स्वायत प्रदेश के विकास के बारे में जानकारी देने के साथ साथ आप को अपनी अपनी अभिलाषा भी बतायेंगे । अब वे अपनी अभिलाषा पूरी करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं । मित्रो जैसे कि एक तिब्बती गीत के बोल हैं कि सूर्य और चांद एक परिवार के हैं , उन की मां का नाम है रोशनी

तिब्बती और हान दोनों जातियां भी एक परिवार की हैं

चीन उन की मां है , उन की मां चीन है

आप को इस तिब्बती गीत से तिब्बती जाति और हांन जाति के बीच की एकता की झलक प्राप्त है ।यहां बता दें कि तिब्बती और हांन दोनों जातियों के बीच की एकता तिब्बत स्वायत प्रदेश के विकास की रहस्य है । अब तिब्बत स्वायत प्रदेश में तिब्बती और हांन दोनों जातियों के बीच की एकता अभूतपूर्व मजबूत और सुदृढ़ है ।

यहां बता दें कि हाल ही में हम ने आप को हमारे नियमित कार्यक्रम आज का तिब्बत में तिब्बती जीवित बुद्ध नाछन से एक बार फिर मिलवायेंगे ।तिब्बती जीवित बुद्ध नाछन का कहना है कि मुझे पेइचिग के तिब्बती मिडिल स्कूल , पेइचिग म्युनिसिपलटी समेत बहुत से इकाइयों व मित्रों की मदद मिली है। मैं अपने जन्मस्थान के स्थानीय वासियों की ओर से उन से धन्यवाद कहना चाहता हूं ।हम उन के आभारी हूं ।तिब्बती जीवित बुद्ध नाछन खुद ही आप को इस के पीछे की कहानी सुनानेंगे ।तिब्बती जीवित बुद्ध नाछन की कहानी सुन कर आप को खुद ही मालूम होगा कि तिब्बती जीवित बुद्ध नाछन ने क्या एसा कहा कि मुझे पेइचिग के तिब्बती मिडिल स्कूल , पेइचिग म्युनिसिपलटी समेत बहुत से इकाइयों व मित्रों की मदद मिली है। मैं अपने जन्मस्थान के स्थानीय वासियों की ओर से उन से धन्यवाद कहना चाहता हूं ।हम उन के आभारी हूं ।