बिजापुर कर्नाटक के दरसिंह नामदेव चावन का पत्र । वे लिखते हैं कि मैं आप का एक नया श्रोता हूं । सी .आर .आई के हिन्दी सेवा प्रस्तुत करने वाले सभी लोगों को मेरा नमस्कार । मैं आप के सभी कार्यक्रम बड़ी रोचक सुनता हूं । आप के कार्यक्रम बहुत ही मनमोहक लगते हैं । मुझे आप की पसंद , चीन का भ्रमण , समाचार , गीत संगीत , तिब्बत का परिचय आदि सभी कार्यक्रम अच्छे लगते हैं ।
मैं आप के कार्यक्रम पांच मार्च 2003 से नियमित रूप से सुनता आ रहा हूं । मैं एक बंजारा श्रोता हूं और शारीरिक दृष्टि से पीड़ित हूं । मेरे पास इतने पैसे तो रहते , ताकि मैं सी .आर .आई को खत लिखूं । हर रोज कार्यक्रम सुनने के बावजूद भी आप का पता चीन में ही है . इसलिए मैं ने सोचा कि क्यों ना हम भी बिहार , उत्तर प्रदेश , छत्तीसगढ़ और नेपाल के श्रोताओं की तरह रहेंगे , हम कर्नाटक के श्रोता क्यों पीछे रहें , इसलिए मैं खत लिख रहा हूं ।
दरसिंह नामदेव चावन जी , हम बड़े हार्दिक रूप से आप का हमारे नए श्रोता के रूप में स्वागत करते हैं , आप का पत्र पढ़ कर हम बहुत प्रभावित हुए हैं कि अहिन्दी भाषी कर्नाटक के श्रोता भी बिहार और उत्तर प्रदेश के श्रोताओं से पीछे नहीं रहे हैं । हमें पक्का विश्वास है कि आप हमारे सी .आर .आई हिन्दी सेवा के सक्रिय श्रोता बन जाएं।
ढोली सकरा बिहार के दीपक कुमार दास ने हमें लिख कर सी .आर .आई के हिन्दी कार्यक्रमों पर टिप्पणी करुते हुए कहा कि दिनांक 22 सितम्बर 2004 को सामायिक वार्ता के अन्तर्गत चीन के बौधिक समता अधिकार पर रिपोर्ट स्टीक और सार्थक है । बौधिक समता अधिकार के क्षेत्र में चीन विश्व में अग्रणी पंक्ति में है । चीन सरकार बौद्धिक समता की जांच बड़ी दूरगामी से कर रहा है, चीन और अमरीका इस क्षेत्र में सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं ।
चाओह्वा दीदी द्वारा श्री महेश्वरी जी से लिया गया भेंटवार्ता में भारत चीन मैत्री पर वार्तालाप सुना , बेहद अच्छा लगा । चाओहवा दीदी द्वारा वार्तालाप में श्री महेश्वरी से पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में श्री महेश्वरी ने जो जानकारीपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किया , वह काफी महत्वपूर्ण है । भारत और चीन का सांस्कृतिक आदान प्रदान हजारों वर्ष प्राचीन है , दोनों देशों की भाषा भिन्न होते हुए भी रहस सहन और रीति रिवाज एक जैसा है । आज चीन भारत सीमा विवाद को कांग्रेस सरकार बड़ी मित्रता से हल करने की भरपूर कोशिश कर रही है । भारत के उद्यमी अपना उद्योग चीन में लगा रहे हैं , जिस से दोनों देशों की मैत्री काफी विकसित हुआ है ।
दिनांक 24 सितम्बर 2004 को जीवन और समाज के अन्तर्गत चीन के दक्षिण पश्चिम के गांव में दींग शांग का जन्म स्थान और उस के घर की चर्चा दिलचस्प एवं सार्थक थी । दींग शांग का 17 कमरों वाला घर बहुत खूबसूरत है , किसानों का नया घर चीन सरकार से एक अच्छा कार्य किया गया है ।
श्री दीपक कुमार दास ने अपने पत्र में आगे लिखा कि सी .आर .आई के हिन्दी प्रसारण विश्व भर की विभिन्न स्थिति को स्टीक रूप से प्रसारित करता है । सी .आर .आई के उद्घोषक और उद्घोषिका चीनी भाषा भाषी होते हुए भी स्टीक हिन्दी का उच्चारण करते हैं । उन के स्वर में मिठास है । मैं आप को एक सच्ची जानकारी देता हूं कि मैं दक्षिण बंगाल के मुर्शिदाबाद और मालदा का श्रोता संपर्क योजना की ओर से तीन अगस्त से 20 अगस्त तक भ्रमण किया , वहां गांव गांव में हजारों श्रोता हैं । एक रात नाव की सैर किया , देखा कि बहुत से मछुवाले अपने नाव पर आप का बंगाली और हिन्दी प्रसारण सुनते हैं। मैं गंगा नदी पर सैर कर रहा था , चांदनी रात थी , रात्रि नौ बजे थे , आप का सी .आर .आई से हिन्दी प्रसारण चल रहा था , उस बाया में बहुत से श्रोता उस नाव पर सवार थे । दूसरे दिन की रात को आप का साढ़े आठ बजे अल्पसंख्यक जाति और सांस्कृतिक जीवन सुना , काफी मजा आया । रात्रि 11 बजे हम ने भोजन सी .आर .आई के नाम से खाया , उस वक्त आप लोगों की काफी याद आ रही है , काश आप भी होते , बंगला देश में चंद्रिमा और चाओह्वा दीदी की चर्चा थी ।
दीपक कुमार दास को हम लाखों धन्यावाद देते हैं । आप ने इतना अच्छी और दिलचस्प जानकारी लिख कर दी है । आप की वह सफर बड़ी अच्छी हुई और सी .आर .आई के वहां लोकप्रिय होने की खबर हमें पहुंचायी , जिस से हमें काफी प्रेरणा मिली । उम्मीद है कि आप हमें ऐसी ही खुशखबरी देते रहेंगे , हमें आप की भी याद आएगी ।
सुलतानपुर उत्तर प्रदेश के अनिल कुमार द्विवेदी ने हमें लिखे पत्र में कहा कि आप का प्रसारण साफ सुन्दर सुनायी पड़ रहा है ।
चीन के पेइचिंग में आयोजित कम्युनिस्ट पार्टियों के तीसरे महाधिवेशन में 35 देशों के तीन सौ पचास प्रतिनिधियों ने भाग लिया ,यह एक प्रकार से अलग तरह का आयोजन था । हमें उस के सफल आयोजन पर अपार खुशी की अनुभूति हुई ।

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