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आज के इस कार्यक्रम में हम बालघाट, मध्यप्रदेश के डॉ प्रदीप मिश्र, रायपुर, छत्तीसगढ की सुश्री फुलमाला बैइन,बौंका, बिहार के कुमोद सिंह और मऊ उत्तरप्रदेश के निजाम अंसारी के पत्र शामिल कर रहे हैं।
पहले हम बालघाट, मध्यप्रदेश के डॉ प्रदीप मिश्र का पत्र लें। उन्होंने पूछा है कि तिब्बत प्रदेश में कितने विश्विद्यालय है व क्या तिब्बत में चिकित्सा विश्विद्यालय भी है।
प्रदीप मिश्र भाई, चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में इस समय चार उच्च शिक्षा संस्थान हैं। वे हैं, तिब्बत विश्विद्यालय, तिब्बती परम्परागत उपचार पद्धति एवं औषधि इंस्टिट्यूट, तिब्बत जातीय संस्थान और तिब्बत पुलिस अधिकारी कॉलेज।
तिब्बत विश्वविद्यालय तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की एकमात्र मल्टीवर्सिटी है। इस की स्थापना जुलाई 1985 में एक नॉर्मल कॉलेज के आधार पर की गई। इस नॉर्मल कॉलेज की स्थापना वर्ष 1951 में हुई थी। इस विश्वविद्यालय में तिब्बती शास्त्र विभाग, तिब्बती भाषा एवं साहित्य विभाग, विज्ञान कॉलेज, आर्थिक संचालन कॉलेज, कला विभाग, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, कनटिन्यूंग एड्यूकेशन क़ॉलेज, अंतरराष्ट्रीय छात्र विभाग और नॉर्मल कॉलेज शामिल हैं। विश्वविद्यालय के परिसर का क्षेत्रफल 300000 वर्गमीटर है। विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों समेत 4410 छात्र पढ़ते हैं और प्राध्यापकों व कर्मचारियों की संख्या करीब 800 है।
तिब्बत विश्वविद्यालय में मेडिकल इंस्टिट्यूट भी है। इस की स्थापना 1978 में स्वायत्त प्रदेश के मेडिकल स्कूल व नर्स स्कूल के आधार पर की गई। 2001 में यह मेडिकल इंस्टिट्यूट तिब्बत विश्वविद्यालय का अंग बना। इंस्टिट्यूट में 500 से अधिक छात्र पढ़ते हैं और प्राध्यापकों व कर्मचारियों की संख्या 100 से अधिक है।
मेडिकल इंस्टिट्यूट के अलावा स्वायत्त प्रदेश में एक तिब्बती परम्परागत उपचार पद्धति एवं औषधि इंस्टिट्यूट भी है। यह पहले तिब्बत विश्वविद्यालय का एक कॉलेज था। 1993 में यह विश्वविद्यालय से अलग हुआ। इस के छात्र तिब्बत स्वायत्त प्रदेश, छिंगहाई, कांसू, सछ्वान, युन्नान जैसे प्रांतों, और सिंच्यांग उइगुर स्वायत प्रदेश व भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश से आते हैं। इस के स्नातकों की संख्या करीब एक हजार है।
इंस्टिट्यूट के परिसर का क्षेत्रफल 80 हजार वर्गमीटर से अधिक है। प्राध्यापकों व कर्मचारियों की संख्या करीब डेढ़ सौ है और इसमें 300 छात्र पढ़ते हैं।
तिब्बत की प्रगति के लिए सुयोग्य व्यक्तियों को प्रशिक्षण देने के लिए सितंबर 1958 में शेनशी प्रांत के शानयांग शहर में तिब्बती कॉलेज की स्थापना की गई। 1965 में क़ॉलेज को तिब्बती जातीय इंस्टिट्यूट नाम दिया गया। इंस्टिट्यूट के परिसर का क्षेत्रफल 4 लाख वर्गमीटर है। इसमें पढ़ने वाले छात्रों की संख्या कोई 1500 है और इन में से अधिकांश छात्र तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के हैं।
अब तक इस के स्नातकों की संख्या 12 हजार को पार कर चुकी है। इन में से अनेक आज स्वायत्त प्रदेश की विभिन्न स्तरीय सरकारों के प्रभारी हैं।
1980 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में एक पुलिस स्कूल की स्थापना की गई। अप्रैल 2003 में इस के आधार पर तिब्बत पुलिस अफसर कॉलेज की स्थापना की गई। इस के स्नातक 1800 से अधिक हैं। और इसमें 300 से अधिक छात्र पढ़ते हैं।
अब रायपुर, छत्तीसगढ़ की सुश्री फुलमाला बैइन का पत्र लें। उन्होंने लिखा है, मेरा नाम फुलमाला बैइन है और मैं गृहस्वामिनी हूं और शार्ट वेव रेडियो की नियमित श्रोता। हमारा एक श्रोता संघ भी है, जिस के सदस्यों की संख्या 136 है। मैंने यह पत्र इसलिए लिखा, क्योंकि हम सी आर आई और आप के देश के बारे में और ज्यादा जानकारी पाना चाहते हैं। समाचारो के लिए रेडियो हमारा एकमात्र स्रोत है। कुछ समय पहले हिंद महासागर के सूनामी संकट से भारत के तमिलनाडु और अंडमान व निकोबार को भारी क्षति पहुंची, उस वक्त रेडियो से ही हमें सूनामी की खबरें मिलीं।
सुश्री फुलमाला बैइन ने सी आर आई के बारे में कुछ प्रश्न पूछे हैं। उन्होंने पूछा है कि सी आर आई के निदेशक कौन हैं, सी आर आई में कितने कर्मचारी हैं और गत वर्ष सी आर आई को श्रोताओं से कितने पत्र मिले।
बहन, हम सी आर आई के बारे में आप की जिज्ञासा शांत करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। इस समय सी आर आई के निदेशक श्री वांग कंग-न्येन हैं। उन का जन्म वर्ष 1956 में उत्तरी चीन के हपेई प्रांत के तामिंग जिले में हुआ। वर्ष 1978 में वे पेइचिंग विश्वविद्यालय से स्नातक हुए। स्नातक होने के बाद वे चाइना रेडियो इंटरनैशनल के संवाददाता बने। वर्ष 1990 में वे सी आर आई के हांगकांग ब्यूरो के प्रधान बने। वर्ष 1991 में वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय कमेटी के सचिवालय की अध्ययनशाला में कार्यरत रहे। 1996 में वे राजकीय रेडियो, फिल्म एवं टीवी प्रशासन के फिल्म ब्यूरो के उप निदेशक बने। वर्ष 2001 में चीनी राजकीय टीवी के उप निदेशक बने और 2004 के अंत में सी आर आई के निदेशक।
इस समय सी आर आई में कुल 1700 से अधिक व्यक्ति कार्यरत हैं। इन में से ज्यादातर युवा हैं और सभी देश के मशहूर विश्वविद्यालयों के स्नातक हैं। चीनी कर्मचारियों के अतिरिक्त सी आर आई में विदेशी भी का म करते हैं। इन की संख्या बीस से अधिक है और वे भारत, पाकिस्तान, नेपाल, ब्रिटेन, अमेरिका जैसे देशों से हैं।
गत वर्ष सी आर आई को एशिया, अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप और ओशिनिया के देशों से श्रोताओं के 15 लाख पत्र मिलेष इस बीच हमारी हिंदी सेवा को भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश जैसे देशों के श्रोताओं के एक लाख से अधिक पत्र प्राप्त हुए।
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