चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता श्री छीन कांग ने 14 तारीख को पेइचिंग में एक संवाददाता सम्मेलन में दोहराया कि चीन को आशा है कि चीन व जापान के बीच पूर्वी समुद्र के जल क्षेत्र को लेकर मौजूद विवाद का समाधान सलाह-मशविरे के माध्यम से किया जा सकेगा। चीन ने जापान को विवाद छोड़ कर समान विकास करने का सुझाव पेश किया है और उसे आशा है कि जापान इस में सक्रियता के साथ सामने आएगा।
इससे पूर्व जापानी समाचार माध्यमों की रिपोर्टों में कहा गया था कि जापान सरकार ने इस दिन गैरसरकारी उद्यमों से पूर्वी समुद्र के जल क्षेत्र में तेल व प्राकृतिक गैस के सर्वेक्षण की निविदा दर्ज करवाना शुरू कर दिया है। श्री छीन ने संवाददाताओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह बात कही।
श्री छीन ने बताया कि पूर्वी समुद्र के जिस जल क्षेत्र में चीन तेल व प्राकृतिक गैस का सर्वेक्षण करता आया है, वह विवादास्पद नहीं है, चीन वहां अपनी प्रभुसत्ता का सामान्य इस्तेमाल करता है। लेकिन
जापान सरकार ने गैरसरकारी उद्यमों के पूर्वी समुद्र के जल क्षेत्र में मध्य रेखा के पूर्व में तेल व प्राकृतिक गैस की प्रायोगिक निकासी के लिए निविदा दर्ज करने की जो स्वीकृति दी है,वह चीन के अधिकारों व हितों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मापदंड को उत्तेजित करने वाली घटना है।
श्री छीन कांग ने कहा कि पूर्वी समुद्र की महाद्वीपीय पट्टी पर चीन और जापान के बीच विवाद है। चीन का पक्ष है कि इस विवाद का समाधान राजनयिक वार्ता के माध्यम से किया जाए। पर जापान चीन के इस रुख को नजरअंदाज कर एकतरफा तौर पर चीन से कथित मध्य रेखा को जबरन मनवाना चाहता है। चीन ने कभी भी इस कथित मध्य रेखा को स्वीकार नहीं किया और न ही करेगा। जापान का यह कदम चीन के अधिकारों व हितों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मापदंड को उत्तेजित करने वाली घटना है। चीन ने इसे लेकर जापान के प्रति विरोध व्यक्त किया है और आगे भी इस पर प्रतिक्रिया कर सकता है।
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