• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2005-03-30 13:56:19    
खाई फूंग राजभवन में साहसिक हस्ती पाऔ कुंग से मुलाकात

cri

प्रिय मित्रो , चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आपको खाई फूंग राजभवन और उस की विशेष वास्तुशैली का परिचय दे चुके हैं। खाई फूंग राजभवन के दौरे में पर्यटक चीन के इतिहास और अनेक प्रसिद्ध हस्तियों की जानकारी भी पा सकते हैं। चीन के कर्तव्यपरायण व स्वच्छ शासक पाऔ कुंग भी ऐसी एक प्रमुख हस्ती रहे हैं।

स्वच्छ शासक पाऔ कुंग का नाम आम चीनी नागरिकों की जुबान पर आज भी है। कोई हजार वर्ष पहले सुंग राजवंश के एक अधिकारी की हैसियत से पाऔ कुंग ने कानूनों के कड़े पालन के कारण चीनी भूपतियों के बीच बड़ा सम्मान प्राप्त किया। चीनी लोग उन्हें आज भी प्यार से पाऔ कुंग कह कर पुकारते हैं। पाऔ कुंग इंसाफ के लिए राजा के दामाद और अपने भतीजे को मृत्युदंड देने में भी नहीं हिचके। आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आपको चीन के इस निस्वार्थ शासक के दर्शन ही नहीं करायेंगे, तत्कालीन राजा के दामाद को मृत्युदंड दिये जाने के स्थल पर भी ले चलेंगे। इससे आप महसूस कर सकेंगे कि चीनी लोगों में पाऔ कुंग के प्रति इतना आदर भाव व प्यार क्यों व्याप्त है। आइये पहले करें पाऔ कुंग के दर्शन।

मित्रो , चीन का एक बहुचर्चित पेइचिंग औपेरा पाऔकुंग द्वारा राजा के दामाद छन श मई को मृत्युदंड दी जाने वाली कहानी से विख्यात है । इस लोकप्रिय औपेरा में कोई हजार वर्ष पहले सुंग राजवंश में हुए एक शिक्षित युवक की कहानी कही गई है। इस युवक का नाम था छन श मई , वह अपने माँ-बाप, पत्नी व दो बच्चों के साथ रहता था। एक साल वह सरकारी पद की परीक्षा देने के लिए उन्हें छोड़कर राजधानी खाई फूंग पहुंचा। वहां उसने परीक्षा उत्तीर्ण ही नहीं की उसमें प्रथम स्थान प्राप्त कर एक बड़ा सरकारी पद भी संभाला। इसके बाद राजा ने उसे अपनी बेटी के साथ शादी करने की आज्ञा दी। इस प्रकार वह राजा का दामाद बन बैठा और राजमहल में रहने लगा। कुछ साल बाद उस के माँ-बाप दुनिया से चल बसे। घर में सिर्फ उसकी पत्नी व दो छोटे बच्चे रह गये जिनका जीवन दूभर होता गया। मजबूर होकर उसकी पत्नी अपने दो बच्चों को साथ लेकर उस से मिलने राजधानी खाईफूंग की ओर चल पड़ी। खाई फूंग पहुंचने पर उसे मालूम हुआ कि उस का पति छन श मई राजमहल में बड़ा अधिकारी बन गया है। वह अपने दोनों बच्चों के साथ राजमहल में पति छन श मई से मिलने गयी। पर दुर्भाग्य कि छन श मई ने उसे अस्वीकार कर राजमहल से बाहर निकलवा दिया, यही नहीं, उन तीनों को मार डालने के लिए एक व्यक्ति को भी भेजा। जब पत्नी को इस बात की सचाई मालूम हुई तो उसने पति पर अभियोग लगाती याचिका पाऔकुंग के सामने पेश की। पाऔ कुंग ने इस मामले की सुनवाई के बाद कानून के अनुसार राजा के दामाद छन श मई को मौत की सजा देने का फैसला लिया। यह औपेरा इसलिये आज तक चीनी लोगों के बीच प्रचलित है, क्योंकि यह पाऔकुंग की निस्वार्थ भावना, वीरता , स्वच्छ शासन और असाधारण कारनामे का गुणगान करता है।

खाई फूंग राजभवन में कदम रखते ही पश्चिम व पूर्व दोनों तरफ दो बड़े शिलालेख दिखायी देते हैं। इन में पूर्वी तरफ के शिलालेख पर उत्तरी सुंग राजवंश काल में इस भवन में कार्यरत रहे सभी अधिकारियों के नाम व उनकी कार्यावधि अंकित है। इस काले रंग के शिलालेख पर सूक्ष्म अक्षरों में सैकड़ों अधिकारियों के नाम तराशे गये हैं। मैं इतने सारे नामों के बीच पाऔ कुंग का नाम कई बार ढूंढने पर भी नहीं पा सकी। मेरे मन में यह प्रश्न उठा ही था कि विधिवत तैयार इस शिलालेख पर पाऔ कुंग का नाम मुझे क्यों नहीं दिखा कि मेरे बगल में खड़ी गाइड सुश्री ल्यू छिंग ने मुस्करा दी। फिर उस ने शिलालेख के बीचोंबीच की जगह की ओर इशारा करते हुए कहा कि पाऔ कुंग का नाम पहले इस जगह पर अंकित था। पर शिलालेख से सिर्फ उन्हीं का नाम कैसे गायब हो गया, जब मैंने यह सवाल रखा तो सुश्री ल्यू ने कहा कि पाऔकुंग स्वच्छ शासकों के प्रतिनिधि हैं। इसलिये जब भी यहां पर्यटक आये सबने पाऔ कुंग का नाम दिखने पर उसे अपने हाथ से छूना चाहा। इससे धीरे-धीरे पाऔ कुंग का नाम लुप्त हो गया और उसकी जगह एक छेद उभर आया। इस मजबूत शिलालेख पर उभरे इस छिद्र को निहारते हुए मुझे बड़ा सुखद आश्चर्य हुआ और मन में पाऔ कुंग के प्रति आदर और बढ़ गया। शिलालेख देखने के बाद हम खाई फूंग राजभवन के सब से भव्य प्रमुख कक्ष आ पहुंचे।