खाद्य पदार्थों की सुरक्षा लोगों के ध्यान में रहने वाली बात ही है । चीन भी कानून व तकनीक आदि के माध्यम से खाद्य पदार्थों की सुरक्षा की गारंटी कर रही है । इस संदर्भ में कुछ जानकारी पाने की बहुत आवश्यकता है ।
चीन सरकार खाद्य पदार्थों की सुरक्षा को बहुत महत्व देती है । चीन का खाद्य पदार्थ सुरक्षा कानून भी इस संदर्भ में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है । इस के अलावा चीन सरकार ने खाद्य पदार्थों की सुरक्षा से संबंधित छै सौ से अधिक नियम भी जारी किये हैं , और खाद्य पदार्थों की गुणवता , उन की पैकिंग तथा खाद्य में प्रयुक्त सामग्री आदि को कानूनी रूप दिया है । चीनी चिकित्सा मंत्रालय के एक पदाधिकारी का कहना है कि चीन सरकार ने खाद्य पदार्थों की सुरक्षा के अनुसंधान कार्य को बहुत महत्व दिया है । उन्नीस सौ पचास से ही हम ने खाद्य पदार्थों के प्रदूषण तथा मानव स्वास्थ्य के बीच संबंधों पर अनुसंधान शुरू कर दिया था । चीनी वैज्ञानिकों द्वारा प्राप्त अनुसंधान परिणामों का विश्व स्वास्थ्य संगठन में तक इस्तेमाल किया जाता है ।
इधर के सालों में मैड गाय रोग जैसी बीमारियों से मानव को गंभीर खतरा पैदा हुआ और विश्व का ध्यान एक बार फिर खाद्य पदार्थों की सुरक्षा पर केंद्रित हो गया । चीनी नागरिक भी खाद्य पदार्थों की सुरक्षा को अधिकाधिक महत्व दे रहे हैं । इस साल मार्च में आयोजित चीनी राष्टीय जन प्रतिनिधि सभा के सालाना अधिवेशन में भी खाद्य पदार्थों की सुरक्षा प्रतिनिधियों की बहस का केंद्र बनी । आज चीनी नागरिक खाद्य पदार्थों की सुरक्षा पर कृषि उपयोगी दवा , कुछ हानिकर रासायनिक चीज़ों तथा कलोनिंग तकनीक जैसी नयी तकनीकों के प्रभाव पर बहुत ध्यान रखते हैं ।
चीनी विज्ञान व तकनीक मंत्रालय के एक अफसर श्री ली के अनुसार खाद्य पदार्थों की सुरक्षा से संबंधित अनेक कानूनों के अमल में आने के बावजूद इस क्षेत्र में जांच व्यवस्था पिछड़ी है , क्योंकि खाद्य पदार्थों की तकनीकों का भी बड़ी तेजी से विकास हो रहा है । श्री ली ने खाद्य पदार्थों की जांच पड़ताल की नयी तकनीकों की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे अनुसंधान का मूल उद्देश्य , वैज्ञानिक प्रगति के जरिये खाद्य पदार्थों की सुरक्षा की गारंटी करना है । श्री ली ने कहा कि खाद्य पदार्थों की सुरक्षा को अब देश में कृषि के विकास तथा ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग संरचनाओं के सुधार के साथ भी जोड़ा गया है । और विश्व व्यापार संगठन में भाग लेने के बाद चीनी खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता दुनिया के अन्य क्षेत्रों पर भी प्रभाव पड़ेगा । इसलिये चीनी विज्ञान व तकनीक मंत्रालय ने खाद्य पदार्थों की सुरक्षा की गारंटी को भावी 5 सालों में तकनालाजीकल प्रगति योजना में शामिल करा दिया है और इस विषय पर 15 करोड़ युवान की पूंजी लगाएगा । और चीन के स्थानीय सरकारें तथा नागरिक उद्योगधंधे भी इस में पूंजी लगाएंगे ।
इस समय चीन के विज्ञान व तकनीक मंत्रालय , चिकित्सा मंत्रालय तथा कृषि मंत्रालय आदि के विशेषज्ञों से गठित एक अनुसंधान दल खाद्य पदार्थों की सुरक्षा से संबंधित तकनीकों का अनुसंधान कर रहा है । उन का लक्ष्य है कि वे पांच सालों के अंतरगत खाद्य पदार्थों की सुरक्षा उपयोगी तकनीकों के अनुसंधान में स्पष्ट प्रगतियां प्राप्त करेंगे । इन विशेषज्ञों के अनुसार खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता मिट्टी की स्थिति , बोने की तकनीक , खाद्य पदार्थों के परिवाहन , भंडार , प्रोसेसिंग , पैकिंग और कूकिंग आदि सब से संबंधित है । इस समय चीनी विशेषज्ञों ने अपनी शक्तियों को खाद्य पदार्थों की जांच तकनीकों के अनुसंधान पर केंद्रित किया है । चीनी बीमारी विरोधी केंद्र के एक प्रोफेसर श्री चेन जो चीनी विज्ञान व तकनीक मंत्रालय के तहत खाद्य पदार्थों की सुरक्षा अनुसंधानशाले के जिम्मेदार हैं , ने कहा कि खाद्य पदार्थों में हानिकर चीज़ें भी मौजूद है । हमारे अनुसंधान कार्य का केंद्र इन हानिकर चीज़ों की जांच पड़ताल करना और इन्हें खाद्य पदार्थों में से निकाल देना है। प्रोफेसर चेन कहा कि चीनी प्रवासियों के अपने विशेष खाद्य पदार्थ तथा खाने पीने के ढ़ंग हैं । इसलिये हमारे अनुसंधान को भी इन विशेषताओं से आधारित होना पड़ेगा । और खाद्य पदार्थों की जांच तकनीकों के प्रयोग से खाद्य पदार्थों की सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा । कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि खाद्य पदार्थों की सुरक्षा की गारंटी के लिये सफाई आदत भी बनायी रखनी चाहिये । उदाहरण के लिये किसी भी फलों या सब्जियों को खाने से पहले साफ पानी से धोना चाहिये और सेव नाश्पाती आदि फलों का छिलका खाने से पहले उतारना चाहिये । हाल ही में चीनी उप स्वास्थ्य मंत्री वांग लोंग तह ने कहा कि चीनी नागरिकों की पोष्टिकता व स्वास्थ्य स्थिति की जांच से प्राप्त नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार,इधर के दसियों वर्षों में चीनी नागरिकों के आहार तथा पौष्टिकता स्थिति उल्लेखनीय सुधर गयी । लेकिन इस के साथ ही मोटापन तथा उच्च रक्त चाप आदि लम्बी बीमारियो की दर तेज़ी से बढ़ती गयी । इस लिए नागरिकों की पौष्टिकता व स्वास्थ्य के सवालों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता ।
नागरिकों की पौष्टिकता व स्वास्थ्य स्थिति किसी एक देश या क्षेत्र के आर्थिक व सामाजिक विकास, स्वास्थ्य स्तर और जनता की गुणवत्ता को प्रतिबिंबित करने का महत्वपूर्ण लक्ष्य है । चीनी नागरिकों की पौष्टिकता व स्वास्थ्य स्थिति की जांच करने और सरकार के संबंधित नीति व विकसित योजना बनाने में मदद देने के लिए चीनी स्वास्थ्य मंत्रालय समेत बीस से ज्यादा विभागों ने वर्ष वर्ष दो हजार दो में संयुक्त रूप से देश भर में संबंधित जांच शूरू की ।
चीनी उप स्वास्थ्य मंत्री वांग लोंग तह ने बारह तारीख को एक न्यज़ ब्रिफ़िंग में जानकारी दी कि जांच से पता चला कि इधर के दसियों वर्षों में चीनी नागरिकों के खान-पान व पौष्टिकता स्थिति उल्लेखनीय सुधर गयी , पौष्टिकता के अभाव से उत्पन्न संबंधित रोग लगातार कम होती रही । उन्होंने कहा कि आम तौर पर कहा जाए तो चीनी नागरिकों के आहार की गुणवत्ता उन्नत हुई , शहरों व दहातों के लोगों के मांस व अंडा और पालतू पक्षों के उपभोग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है , श्रेष्ठ प्रोटीन का अनुपात बढ़ गया है बाल बच्चे और किशोर स्वस्थ रूप से परवान हो रहे हैं हैं ।
उन्हों ने बताया कि लंबी बीमारियों के फैलाव में तेजी आने का मुख्य कारण यही है कि आम लोग उचित पोषण पर पर्याप्त ध्यान नहीं देते और इस संदर्भ में लोगों में ज्यादा जानकारी के अभाव है ।इस के अलावा सरकार ने इस पक्ष में पर्याप्त निर्देशन भी नहीं दिया ।उन का कहना है कि चीन सरकार ने इस सवाल पर ध्यान दिया है और संबंधित कदम उठाना शुरू किया है । इधर दस सालों में चीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने अलग अलग तौर पर हाइपर्टेशन व हृदय बीमारी समेत कुछ लंबी बीमारियों की रोकथाम की योजना बनायी है और सिलसिलेवार कदम भी उठाये हैं ।हम इस बार के पोषण व स्वास्थ्य के पडताल के परिणाम के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ इन बीमारियों की रोकथाम के लिए एक नयी योजना बनाएंगे और कदम ब कदम सरकार की पूंजी बढाएगी ताकि जन स्वास्थ्य की मजबूती दी जाए । सूत्रों के अनुसार विभिन्न स्तरों वाले चीनी स्वास्थ्य विभाग मीडिया व सामाजिक ग्रुपों के साथ आम नागरिकों के बीच स्वास्थ्य की जानकारियों का प्रचार करेंगे ताकि उन में उचित व वैज्ञानिक पोषण की आदत बन सके ।
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