तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिकाजे प्रिफेक्चर की ऊपजाउ भूमि पर स्थित च्यांगची काऊंटी शिकाजे क्षेत्र का अनाज उत्पादन केन्द्र माना जाता है । यालुचांगबु नदी की प्रमुख शाखा न्यानछु नदी के ऊपरी भाग की घाटी में बसी च्यांगची काऊंटी अपने अच्छे आर्थिक सुधार के फलस्वरूप तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के आर्दश जिले के नाम से सुप्रसिद्ध है ।
इधर के सालों में च्यांगची जिला सरकार ने परम्परागत कृषि निर्माण पर जोर लगाते हुए आर्थिक विकास के नए क्षेत्रों की भी खोज की । च्यांगची काऊंटी की सरकार किसानों का जीवन स्तर उन्नत करने के लिए सिलसिलेवार कदम उठाया , जिन में च्यांगची काऊंटी के किसानों को लहसुन की खेती को व्यपाक विकास से भारत व नेपाल में निर्यात की सहायता देना सब से उल्लेखनीय है ।
न्यान्छु नदी के किनारे पर नुखांग गांव बसा था , वर्ष 2000 में नदी में भयंकर बाढ़ आने के कारण पूरा गांव जलंमग्न हो गया और पूरी तरह बर्बाद हुआ था । शिकाजे प्रिफेक्चर की सरकार के समर्थन में च्य़ांगची जिला सरकार ने शांगहाई शहर से आए सहायता कार्य दल की मदद पाकर बाढ़ से ग्रस्त गांव वासियों को स्थानांतरित किया ।
तिब्बती किसानों की परम्परागत प्रथा के अनुसार अतीत में मनुष्य और उन के पालतू पशु एक ही मकान में रहते थे, जिस से सफाई की स्थिति बेहद खरीब थी और मनुष्य के स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचता था । नव निर्मित नुखांग गांव में यह परम्परागत हालत बदली गई , किसानों के मकानों से अलग कुछ दूर पशु बाड़े बनाए गए। गांव की प्रमुख सड़क के दोनों ओर पंक्ति में सुअर बाड़े निर्मित हुए हैं , जिन में सुअर आराम से खाना खा रहे हैं तथा आसपास मेमनों की आवाज सुनाई देती है।
नए नुखांग गांव में गांव वासी बड़ा सुखद जीवन बिताते हैं, अवकाश सयम वे घर में टीवी देखते है, गपशप मारते हैं, गांव वासी कमेटी का सभ्य मनोरंजन केन्द्र भी है, गांववासियों की अवकाशकालीन मनोरंजन गतिविधि की जाती है । 53 वर्षीय गांववासी जासिछिरन रेश्वो प्राइमरी स्कूल के तिब्ब्ती भाषा के अध्यापक थे, परिवार के सात सदस्यों में उन का एक पुत्र च्यांगची में दरी का व्यापार करता है , शेष कृषि का काम करते हैं । स्कूल से रिटायर होने के बाद उसे हर माह दो हजार य्वान का पेशन मिलता है , पूरे परिवार को साल में 40 हजार य्वान की आय मिलती है । रिटायर होने के बाद जासिछिरन पोते की देखभाल में मस्त रहे हैं , जो गांव के नए जीवन पर अत्यन्त संतुष्ट हैं । नव निर्मित नुखांग गांव की चर्चा छिड़ते ही उन्हों ने कहाः
"वर्ष 2000 में यहां भारी बाढ़ आयी , उपरी स्तर के सरकारी विभाग ने गांव के पुनवास पर खासा ध्यान दिया , उन्हों ने गांववासियों के स्थानांतरण में मदद दी और नई जगह पर मकान बनाने में सहायता की , यहां तैनात सैन्य टुकड़ी के जवानों और स्थानीय सरकारी संस्थाओं ने भी हाथ बटाया , हमें कपड़े , खाना व तंबू मुहैया किए , रहन सहन में गांववासियों की निस्वार्थ मदद की । हमारा नय़ा गांव क्षेत्र का आर्दश गांव बन गया , घर घर में टीवी व तेलीफोन की सुविधा है , पूरी तरह पेय जल की सप्लाई होती है । हमारे नुखांग वासी पार्टी व सरकार के इस एहसान को कभी नहीं भूलेंगे ।"
जासिछिरन की भांति नुखांग वासियों को यह समान अनुभूति है कि पार्टी व सरकार के ख्याल और सहायता से गांववासियों का आज का सुखद जीवन हो सका है । च्यांगची काऊंटी के प्रचार विभाग के प्रभारी श्री चुंग क्वांग लिन ने मुझे बताया कि भविषय में च्यांगची काऊंटी खुशहाली जीवन के निर्माण में तेज़ी लाएगी , और नुखांग गांव को आदर्श बनाकर कृषि सुधार को च्यांगची भर में फैला देगी । उन्होंने कहा
" च्यांगची आने वाले एक वर्ष के भीतर पूरे जिला में खुशहाली वाला जीवन का लक्ष्य पाने केलिए कोशिश करेगा और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में पहले खुशहाली वाला जीवन का लक्ष्य प्राप्त करेगा ।"
उन की बातों से प्रभावित हो कर हमारी हार्दिक कामना है कि च्यांगची की जनता का जीवन उत्तरोतर खुशहाल होता जाएगा तथा और अधिक संख्या में नुखांग जैसे आधुनिक ढंग के गांव प्रकाश में आएंगे ।
सुर्यास्त का समय था, हम ने नव निर्माण गांव नुखांग गांव से बिदा ले ली । गांव के प्रमुख सड़क के दोनों तटों पर स्थित दुमंजिला मकान वहां खड़े हुए हैं , मानो चुपचाप से हमें बिदाई दे रहे हो । गांव का मुखिया तोचीछिरन ने हमारे हाथ पकड़ते पकड़ते गांव के द्वार पर छोड़ दिया । गांव में कभी कभार बच्चों की हंसती आवाज़ सुनाई पड़ी । हमारे मन ही मन में आशा है कि च्यांगची जनता का जीवन ज्यादा बेहतर होगा, और ज्यादा से ज्यादा नुखांग गांव जैसे खुशहाली गांव च्यांगची काऊंटी में ही नहीं, सारे तिब्बत में निकलेगा ।
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