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(GMT+08:00) 2005-03-24 14:15:25    
चीन सरकार तिब्बती छात्रों को प्रशिक्षित करने पर बड़ा महत्व देती है

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मित्रो, तिब्बती प्रोफेसर शीरोनिमा के अनुसार चीन की केंद्र सरकार तिब्बती समेत अनेक अल्यसंख्यक जातीय छात्रों को प्रशिक्षित करने पर बड़ा महत्व देती है । आज चीन भर में विशेष कर तिब्बती समेत विभिन्न अल्पसंख्यक जातीय छात्रों के लिए लगभग बीस कालेज व विश्वविद्यालय कायम हैं । ताजा आंकड़ों के अनुसार वर्तमान चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में स्कूली छात्रों की संख्या चार लाख पचास हजार तक पहुंच गयी है जो तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की कुल जन संख्या का एक बटे छै बनती है ।

मित्रो हाल ही में हमारी संवाददाता सुश्री ल्यू हवी ने पेइचिग में तिब्बती प्रोफेसर श्री शीरोनिमा के साथ बातचीत की ।तिब्बती प्रोफेसर शीरोनिमा पेइचिंग स्थित चीनी केंद्रीय जातीय विश्वविद्यालय के उप प्रधान हैं। उन्हें इस नेतृत्वकारी पद पर काम करते हुए अनेक वर्ष हो चुके हैं । बातचीत में श्री शीरोनिमा ने बताया कि चीन की केंद्र सरकार तिब्बती समेत अनेक अल्यसंख्यक जातीय छात्रों को प्रशिक्षित करने पर बड़ा महत्व देती है । आज चीन भर में विशेष कर तिब्बती समेत विभिन्न अल्पसंख्यक जातीय छात्रों के लिए लगभग बीस कालेज व विश्वविद्यालय कायम हैं । मित्रो, ताजा आंकड़ों के अनुसार वर्तमान चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की 27 लाख की आबादी में स्कूली छात्रों की संख्या चार लाख, 50 हजार तक पहुंच गयी है जो तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की कुल जन संख्या का एक बटे छै बनती है ।इधर के वर्षों में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का खासा आर्थिक व सामाजिक विकास हुआ है और इस के चलते तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में उच्च शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी प्रगति हुई है। वर्ष 1995 से ले कर अब तक चीन की केंद्र सरकार ने चीन के भीतरी इलाकों के प्रांतों व शहरों में तिब्बती छात्रों के लिए विशेष स्कूल या कक्षाएं खोल कर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लिए जो करीब दस हजार स्नातक तैयार किये हैं, वे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास में अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं । मिसाल के लिए में चीन की राजधानी पेइचिंग में तिब्बती छात्रों के लिए एक मिडिल स्कूल कायम किया गया। तब से अब तक इस स्कूल के बहुत से छात्रों ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश वापस लौट कर स्वायत्त प्रदेश के विकास में योगदान किया है । वे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का गौरव हैं।

मित्रो, हाल ही में तिब्बतशास्त्र के चीनी विद्वानों व जीवित बुद्धों के प्रतिनिधिमंडल ने अमरीका की सफल यात्रा की। तिब्बती प्रोफेसर शीरोनिमा इस प्रतिनिधि मंडल के नेता थे । बातचीत में श्री शीरोनिमा ने अपने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का परिचय देते हुए कहा कि उसमें तिब्बती प्रोफेसर खाचानछेतान और तिब्बती प्रोफेसर तेनचन शामिल थे । इस के अलावा इस प्रतिनिधिमंडल में दो तिब्बती जीवित बुद्ध भी शामिल थे । उन में से एक चीन की तग कांउंटी के थाकुन मठ के जीवित बुद्ध त्वेजीचाशी थे और एक अन्य जीवित बुद्ध थे थूतानछिवान । जीवित बुद्ध थूतानछिवान का संबंध तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिखाचे प्रिफेक्चर के पूतो मठ से है ।अमरीका की यात्रा के दौरान वे जहां भी गये वहां उन का स्वागत किया गया ।अमरीका की यात्रा के दौरान उन्हों ने तरह-तरह की संगोष्ठियों में भाग लिया और बहुत से विद्वानों के साथ विचारों का आदान-प्रदान भी किया ।उन्हों ने अनेक कालेजों व विश्वविद्यालयों का भी दौरा किया । अमरीका के कैलीफोर्निया राज्य की यात्रा के दौरान चीन के तिब्बतशास्त्र के विद्वानों व जीवित बुद्धों के प्रतिनिधिमंडल ने वहां के एक विश्वविद्यालय का दौरा किया और उस के अधिकारियों व शिक्षकों के साथ बातचीत की । दोनों पक्षों ने भविष्य में आपस में अकादमिक आदान-प्रदान व सहयोग करने का विचार प्रकट किया ।

मित्रो अगर आप तिब्बती प्रोफेसर खाचानछेतान और तानचन तथा तिब्बती जीवित बुद्ध थूतानछिवान की कहानी सुनना चाहते हैं तो आगे भी हमारा नियमित कार्यक्रम आज का तिब्बत सुनना न भूलें। हमारी संवाददाता सुश्री ल्यू हवी के साथ बातचीत में तिब्बती प्रोफेसर तानचन ने आप श्रोता दोस्तों को तिब्बत चलें शीर्षक तिब्बती गीत भी सुनवाने का अनुरोध किया। मित्रो अगर आप यह गीत सुना चाहते हों तो हमारे नियमित कार्यक्रम आज का तिब्बत सुनना न भूलें । हर हफ्ते मंगलवार व शनिवार को हमारी मुलाकात इस कार्यक्रम में होती है । आपका इस कार्यक्रम में हमेशा स्वागत है।