इधर के कुछ सालों में चीन की निरंतर तेज आर्थिक वृद्धि ने उसके संसाधनों और पर्यावरण पर भारी दबाव डाला है। इस के मद्देनजर, चीन सरकार ने संसाधनों के सदुपयोग व प्रदूषण नियंत्रण पर बल दिया है। पर्यावरण संरक्षण की भौतिक व तकनीकी सुनिश्चतता करने वाले कई चीनी उद्योग वर्तमान में सरकार के इस लक्ष्य को पूरा करने में जुटे हुए हैं। चीन कैसी सक्रियता से पर्यावरण संरक्षण उद्योग का विकास कर रहा है, प्रस्तुत है इस संबंध में एक आलेख।
चीन की पर्यावरण संरक्षण उद्योग परिषद की उप निदेशक सुश्री छन सान छिन के अनुसार चीन ने पर्यावरण संरक्षण उद्योग का विकास 1970 के दशक से करना शुरू किया औऱ पिछले 30 सालों में चीन के पर्यावरण संरक्षण उद्योग में लगे कारोबारों की संख्या 20 हजार से अधिक जा पहुंची है। पर्यावरण उद्योग का वार्षिक उत्पादन मूल्य 2 खरब, 30 अरब य्वेन से अधिक हो गया है जो 15 प्रतिशत की तेज वार्षिक दर से बढ़ रहा है। सुश्री छन सान छिन पर्यावरण संरक्षण उद्योग के तेज विकास के कारणों का विश्लेषण करती हुई कहती हैं चीन के पर्यावरण संरक्षण उद्योग के विकास में सरकार के निर्देशन, समर्थन व प्रोत्साहन की महत्वपूर्ण भूमिका को अलग करके नहीं देखा जा सकता। समाज की निरंतर तरक्की से जनता की पर्यावरण की गुणवत्ता की मांग भी लगातार ऊंची होती जा रही है, इसलिए पर्यावरण संरक्षण का बाजार भी बढ़ता जा रहा है।
सुश्री छन सान छिन ने बताया कि इधर के सालों में चीन सरकार ने अनेक प्रमुख शहरों व उनके जल क्षेत्रों के पर्यावरण में सुधार की परियोजना को मूर्त रूप देना शुरू किया। इस से पर्यावरण प्रदूषण की तेज वृद्धि को काबू में ही नहीं रखा जा सका, पर्यावरण संरक्षण के विकास का विशाल बाजार भी पैदा हुआ। इस तरह चीन को पहले की तरह मुख्य तौर पर सरकारी निवेश पर निर्भर रह कर पर्यावरण संरक्षण को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं रह गयी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण उद्योगों के बाजार द्वारा निवेशित पूंजी व विशेष अनुमोदन व्यवस्था आदि तरीकों की स्थापना से भी इस उद्योग को बाजार से जोड़ने की प्रक्रिया निरंतर उन्नत हो रही है। इस के अलावा, पर्यावरण संरक्षण उद्योग ने अपनी स्पर्धा शक्ति को उन्नत करने के लिए पूंजी, तकनीक व मशहूर ब्रांडों को एक सूत्र में बांध कर स्वयं का रणनीतिक पुनर्गठन किया। इस के साथ ही इस उद्योग के उज्ज्वल भविष्य को देखते हुए पूंजी व श्रेष्ठ तकनीक से युक्त कई कारोबारों ने अपने उद्योगों को इस क्षेत्र में शामिल करने का फैसला लिया।
छिंगहवा चीक्वांग पर्यावरण संरक्षण कम्पनी चीन की एक बड़ी पर्यवारण संरक्षण कंपनी है। वह मुख्य तौर पर प्रदूषण को कम करने व पर्यावरण संरक्षण पर परामर्श प्रदान करने और पर्यावरण संरक्षण वाणिज्य सहयोग में सक्रिय है। कम्पनी की संपत्ति कोई 1 अरब 10 करोड़ य्वेन है और वार्षिक आमदनी 10 करोड़ य्वेन। कम्पनी के महानिदेशक ली सिन वन के अनुसार कम्पनी ने अपनी स्थापना के तीन सालों में, चीन के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय छिंगहवा के अनेक प्रतिभाशाली व्यक्तियों व श्रेष्ठ तकनीशियनों की मदद से देश के जाने-माने शहरों के अनुसंधान प्रतिष्ठानों और मशहूर अन्तरराष्ट्रीय ब्रांडों के उद्योगों की तकनीकी व पूंजी से अनेक क्षेत्रों में सहयोग कायम किया। वर्तमान में यह कम्पनी पर्यावरण पर प्रभाव डालने वाली 600 से अधिक परियोजनाओं का आकलन करने के साथ पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम की 400 से अधिक परियोजनाओं को पूरा कर चुकी है। उन्होंने बताया कि अब यह कम्पनी संसाधनों को एकत्र कर एक नए पर्यावरण संरक्षण उद्योग के क्षेत्र में कदम बढ़ा रही है। पर्यावरण संरक्षण को गहराने के लिए केवल गन्दे पानी के सुधार, कूड़े-करकट के निपटारे जैसे छोटे पहलुओं पर ही नहीं टिका रहा जा सकता, बल्कि पारिस्थितिकी जैसे क्षेत्रों पर भी गौर किया जाना चाहिए। हमने पूर्वी चीन के छिंगताओ शहर की 330 हैक्टर से अधिक भूमि में एक पारिस्थितिकी औद्योगिक उद्यान का निर्माण कर विश्व की विभिन्न जगहों को पर्यावरण संरक्षण उद्योग का एक बढ़िया मंच प्रदान किया है। यहां हम एक साथ मिलकर चीन के पर्यावरण संरक्षण उद्योग के विकास के सुअवसर का आनंद उठा सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, इधर छिंगहवा चिक्वांग पर्यावरण संरक्षण जैसे उद्योगों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है और इन उद्योगों ने पर्यावरण संरक्षण को आर्थिक विकास का स्तंभ उद्योग निर्धारित किया है। इधर के सालों में चीन ने शहरी प्रदूषण, कूड़े-करकट के निपटारे तथा विमानों से निकलने वाले धुएं से उत्पन्न प्रदूषण को सुधारने तथा पर्यावरण संरक्षण परामर्श जैसे क्षेत्रों में अनेक देशों की संस्थाओं तथा पूंजी निवेशकों के साथ सहयोग किया है। इस के साथ ही सौ से अधिक विश्व प्रसिद्ध पर्यावरण संरक्षण उद्योगों ने चीन के पर्यावरण संरक्षण बाजार में प्रवेश किया है।
पर्यावरण संरक्षण उद्योग ने अपने बाजार का निरंतर विस्तार करने के साथ ग्राहकों को व्यावहारिक लाभ दिया है। मिसाल के लिए, पेइचिंग एक ऐसा शहर है जहां जल संसाधन की कमी है। इस शहर में प्रति व्यक्ति द्वारा प्रयुक्त औसत वार्षिक जल मात्रा 300 घन मीटर भी नहीं है जो विश्व के औसत स्तर का एक बटा तीस है। पानी की किफायत के लिए पेइचिंग ने पानी का दाम बढ़ाने का फैसला लिया। कार धोने व सार्वजनिक स्नानगृहों द्वारा पानी के दाम में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। पानी के दाम बढ़ने से कार धोने के धन्धे के मुनाफे को चोट पहुंची है। पर्यावरण संरक्षण से कार धोने का धन्धा करने वाले उद्योगों को जीने की राहत मिली है। पेइचिंग के कार धोने वाले एक उद्यम के मालिक ने बताया कि पहले उसकी दुकान हर महीने कार धोने के लिए 70 टन पानी इस्तेमाल करती थी, जबकि अब सस्ते पानी से कार धोने के चलते उनका धन्धा आगे बढ़ गया है। नल के शुद्ध पानी से कार धोना सचमुच बड़ा महंगा पड़ता है, इस लिए हमने तटस्थ पानी का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इस पानी का भाव 10 य्वेन प्रति टन है। हम एक महीने में 100 टन पानी की खपत करते हैं। शुद्ध पानी की किफायत होने के साथ हमे मुनाफा भी मिलने लगा है।
रोजमर्रा के काम में इस्तेमाल हुए पानी को साफ कर हासिल होने वाले उस पानी को जो सार्वजनिक सफाई, घास मैदान व वृक्षों की हरियाली व आग बुझाने में प्रयोग किया जाता है पानी कहा जाता है। इधर के कुछ महीनों में पेइचिंग की तटस्थ जल कम्पनी ने कई सौ कार धोने वाली दुकानों के साथ इस पानी की आपूर्ति के अनुबन्ध किए। इस तरह तटस्थ जल कम्पनी की आपूर्ति क्षमता में चार गुनी वृद्धि हुई।
तटस्थ जल आपूर्ति वर्तमान में तेजी से बढ़ता उद्योग बनता जा रहा है। केवल 2004 में चीन के पर्यावरण संरक्षण उद्योग ने तटस्थ जल की बिक्री के जरिए 1 खरब 50 अरब य्वेन मूल्य का मुनाफा कमाया। आगामी पांच सालों में चीन सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में 9 खरब य्वेन का निवेश करने की योजना बनाई है, इस से साबित होता है कि पर्यावरण संरक्षण उद्योग का भविष्य बहुत उज्ज्वल है और इसके आगे सुअवसर हाथ फैलाए खड़े हैं।
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