आज के इस कार्यक्रम में हम भागलपुर, बिहार की नाजनी हसन तमन्ना हसन, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के चुनिलाल मासूम मिदनापुर, पश्चिम बंगाल के डा. एस एस भट्टाचार्य कोआथ, बिहार के एम एच निर्दोष और कोआथ रोहतास बिहार के सुनिल केशरी, सीताराम केशरी, डी डी साहिबा, प्रियांका केशरी और विजयवाड़ा आंध्रप्रदेश की सुश्री रहमतुन्निसा के पत्र शामिल कर रहे हैं।
अब आयें मिदनापुर, पश्चिम बंगाल के डा. एस एस भट्टाचार्य के पत्र की ओर। उन्होंने पूछा है चीन में साल में कितनी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
मित्रो, चीनी सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2003 में चीन में यातायात दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों की संख्या विश्व में सबसे ऊपर रही। इस वर्ष विश्व भर में हुई यातायात दुर्घटनाओं में कुल 5 लाख व्यक्ति मारे गए, जिन में से 1 लाख 8 हजार चीनी थे। इस दौरान ऐसी दुर्घटनओं में भारत में 86 हजार, अमेरिका में 40 हजार और रूस में 26 हजार व्यक्तियों की मृत्यु हुई।
गत वर्ष चीन की यातायात स्थिति में सुधार आया। इस वर्ष कुल 5 लाख 60 हजार यातायात दुर्घटनाएं हुईं। इन में 99217 व्यक्ति मारे गए औऱ अन्य 4 लाख 50 घायल हुए। इसके साथ ही इनसे हुआ माली नुकसान 2 अरब 77 करोड़ य्वान रहा।
कोआथ, बिहार के एम एच निर्दोष सी आर आई की हिंदी सेवा के नये श्रोता है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है, मैं आप के सभी प्रोग्राम नियमित रूप से सुनता हूं। सवाल-जवाब प्रोग्राम मेरा पसंदीदा प्रोग्राम है।इस से मेरा काफी ज्ञानवर्धन होता है। इस बार मैं भी कुछ सवाल कर रहा हूं, जवाब देने की कृपा करें।
उन का सवाल है, चीन सरकार गरीबी उन्मूलन अभियान पर हर वर्ष कितनी धनराशि खर्च करती है।
चीनी राज्य परिषद के निर्धनता उन्मूलन कार्यालय ने 17 अक्टूबर 2004 को जानकारी दी कि चीन के ग्रामीण क्षेत्र में निर्धनों की संख्या वर्ष 1978 की 25 करोड़ से घट कर वर्ष 2003 के अंत में 2 करोड़ 90 लाख तक जा पहुंची थी। इसके साथ ग्रामीण क्षेत्र की आबादी में निर्धनों का अनुपात पहले के 30.7 प्रतिशत से घट कर 3 प्रतिशत तक जा पहुंचा। इसे चीन में ही नहीं, सारी दुनिया में एक सराहनीय बात माना गया।
इस कार्यालय के निदेशक श्री ल्यू च्येन के अनुसार इस वर्ष चीन सरकार ने निर्धनता उन्मूलन के लिए 12 अरब, 20 करोड़ य्वान का अनुदान किया , जो 20 वर्ष पहले की तुलना में दस गुना अधिक रहा। चीन सरकार द्वारा निर्धनता उन्मूलन में किया गया अनुदान अब तक 1 खरब य्वान को पार कर चुका है। चीन सरकार ने योजना बनाई है कि वर्ष 2010 तक चीन निर्धनता उन्मूलन अभियान पूरा कर ले और 2020 तक सारी चीनी जनता संपन्न हो जाये।
श्रोताओ, कोआथ, रोहतास बिहार के सुनिल केशरी सीताराम केशरी, डी डी साहिबा, प्रियांका केशरी ने इस बार पूछा है कि चीन का कुल भू भाग कितना बड़ा है।
दोस्तो, चीन का कुल भूभाग लगभग 96 लाख वर्गकिलोमीटर है। एशिया में चीन का भूभाग सब से बड़ा है। रूस और कनाडा के बाद यह विश्व में तीसरे स्थान पर आता है।
चीन का भूभाग विश्व के थलीय क्षेत्र का 1 बटे 15 है और एशिया का एक चौथाई।
चीन में मैदान और बेसिन का क्षेत्रफल उसके कुल भूभाग का एक तिहाई है और पहाड़ी क्षेत्र उसका 2 बटे 3। चीन के कुल भूभाग के 74 प्रतिशत का प्रयोग कृषि, वन, पशुपालन, मछुआगिरी आदि उद्यमों में किया जाता है।
और अब आज के कार्यक्रम के अंत में विजयवाड़ा आंध्रप्रदेश की सुश्री रहमतुन्निसा का पत्र लें। उन्होंने पूछा है, चीनी किसानों का जीन संवर्धित फसलों को उगाने के बारे में क्या विचार है। वे इन फसलों को उगाने के लिए राजी हैं या नहीं।
चीन में जीन संवर्धित फसलों की उगाई प्रचलन में है। इस क्षेत्र में अमेरिका, अर्जेंटीना और कनाडा के बाद चीन विश्व में चौथे स्थान पर है। पर चीन में जो जीन संवर्धित फसलें उगाई जाती हैं, उन में कीटाणु निरोधक तंबाकू और कपास ही प्रमुख हैं जीन संवर्धित खाद्यान्नों की फसलों का इस उगाई में अनुपात बहुत कम है।
चीन सरकार का जीन संवर्धित फसलों के अनुसंधान पर पूरा ध्यान है। सरकार ने इसके लिए जो अनुदान दिया है वह विकासशील देशों द्वारा किए गए कुल अनुदान का आधा है।
चीनी वैज्ञानिक 50 से अधिक फसलों और 120 से अधिक जीनों के अनुसंधान में जुटे हुए हैं। इन में धान, आलू, मूंगफली शामिल हैं।
विश्व के जिन चंद देशों में जीन की सुरक्षा पर कड़ा नियंत्रण है उन में चीन भी शामिल है। चीन सरकार जीन संवर्धित फसलों के उत्पादन और उनकी उपजों पर सख्त नियंत्रण रखे हुए है। जीन संवर्धित फसलों और उनसे जुड़े उत्पादों पर नियंत्रण के लिए चीन के विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय, कृषि मंत्रालय जैसे सरकारी विभागों ने अनेक नियम या प्रस्ताव जारी किए हैं।
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