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(GMT+08:00) 2005-03-18 19:28:52    
जुदा हुआ परिवार पुनः मिला (क्रमशः) 

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अनाल्खान मुहासी और पुबि की बेटी है । उस का पत्र पा कर चिन्चांग जन प्रसारण स्टेशन ने उस की मदद करने के लिए तुरंत उस के रिश्तेदारों की तलाश करने की कोशिश शुरू की और इस काम के लिए अपने अनेक पत्रकार चारों ओर भेजे ।

46 साल पहले जुदा हुए रिश्तेदारों की खबर खोजने का काम बड़ा कठिन साबित हुआ । लेकिन सिन्चांग जन प्रसारण स्टेशन का अथक प्रयत्न जारी रहा । अनेक कठिनाइयों को दूर कर एक महीने के बाद उन्हें सिन्चांग की एक काऊंटी में मुहासी और पुबि के कुछ रिश्तेदारों का पता चला , जिन में मुहासी के भतीजा ,भतीजी और पुबि का बड़ा भाई शामिल है ।

रिश्तेदारों की खबर पाने के बाद सिन्चांग जन प्रसारण स्टेशन ने गिर्गिजस्तानी राष्ट्रीय प्रसारण व टेलीविजन कापरेशन की मदद ले कर गिर्गिस्तान में रह रहे मुहासी और पुबि के लिए पास पार्ट बनवाये और अपने पैसे से उन्हें हवाई टिकट खरीद कर दे दिया ।

पिछले साल के दिसम्बर के अंत के एक दिन , ये दोनों विशेष मेहमान लिए एक यात्री विमान गिर्गिजस्तान से चीन के सिन्चांग के ऊरूमुची अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा , गिर्गिजस्तान में बसे प्रवासी चीनी मुहासी और पुबि दंपति ने 46 साल बाद पुनः जन्म भूमि की धरती पर कदम रखे।

पुबि का बड़ा भाई मुताहली इस साल 81 वर्ष के हो गए हैं , गिर्गिजस्तान से लौटी अपनी छोटी बहन और बहनोई से मिलने पर वह बेहद भावविभोर हो उठा । अपनी अपार खुशी प्रकट करने के लिए उस ने तोंबुला वाद्य पर गरगजी का लोक गीत आप की याद की धुन बजायीः

गीत के बोल इस प्रकार हैः दूर दराज स्थान को उड़े राजहंस , परिजनों तक मेरा अभिवादन पहुंचाओ , उन की खबर जब मिली , तो मेरे परिजनों की जवाबी खबर मुझे ले आओ ।

पाहती मुहासी का भतीजा है , चाचा चाची से मिलने पर वह बहुत भाव प्रभावित हो गया । उस ने कहा कि उस की माता अपने जीवन समय में अकसर अपने बड़े भाई का जिक्र करती थी ।श्री पाहती ने कहाः

अपने जीवन समय में माता जी ने जब यह खबर पायी कि गिर्गिजस्तान से कोई आया , तो वह तुरंत इस के पास जाकर अपने बड़े भाई का हालचाल पूछने की कोशिश की थी , इस तरह 40 साल तक पूछताछ और तलाश जारी रही , वह अपने परिजनों की असीम याद करती थी और उस ने एक बार एक राजहंस की टांग पर पत्र बांध कर भेजा था , फिर भी बड़े खेद की बात है कि आज के इस भावोद्वेलित मौके से पहले ही वह चल बसी । इस बार दोनों देशों के संबंधित विभागों की मदद से हमारे परिवार के पुनःमिलन का सपना साकार हो सका है ।

उल्लेखनीय बात यह है कि 46 सालों से जुदे परिवारजनों के पुनःमिलन के लिए गिर्गिजस्तान के नेताओं ने रिश्तेदारों की तलाश के इस काम पर बड़ा ध्यान दिया । गिर्गिजस्तान की उप प्रधान मंत्री सुश्री अतिखयवा ने विशेष रूप से इस मामले पर भाषण देते हुए चीन के सिन्चांग रेडियो टेलीविजन विभाग के प्रति आभार व्यक्त किया । उन्हों ने कहाः

मैं सिन्चांग जन प्रसारण स्टेशन की इस असाधारण कार्यवाही का पूरा समर्थन करती हूं । मुहासी की बंधु होने के कारण मैं इस की सफलता पर अत्यन्त खुश हूं । रेडयो तरंग की मदद से आधी सदी से जुदे रिश्तेदारों का पुनः मिलन एक महत्वपूर्ण घटना है । इस से साबित हुआ है कि शांति के युग में हरेक देश और हरेक लोग मेलमिलाप और एकता के वातावरण में रहते हैं , महज ऐसे वातावरण में लोग एकजुट हो सकते हैं , शांति और विकास संभव हो सकते हैं और जनजीवन सुखचैन हो सकता है तथा देशों के बीच मैत्री बढ़ती है । गिर्गिजस्तान चीन के साथ मैत्रीपूर्वक रहना और कंधे से कंधे मिलाकर आगे बढ़ना चाहता है ।

गिर्गिजस्तानी प्रसारण टीवी कंपनी समूह के महा निदेशक मुशायव ने चिन्चांग प्रसारण टीवी ब्यूरो के नाम पत्र लिख कर कहा कि चीन के सिन्चांग के गरगजी भाषा में प्रसारित कार्यक्रम दोनों देशों की दोस्ती बढाने में मददगार सिद्ध हुआ है और दोनों देशों की जनता के जीवन पर भी बड़ा प्रभाव डालता है । उन की आशा है कि इस प्रकार का सहयोग आगे बढ़ता जाएगा ।

दोस्तो , आज आप से जो सवाल पूछते है , वह है सिन्चांग जन प्रसारण स्टेशन रोज दो घंटों में कौनसी भाषा में गिर्गिजस्तान को कार्यक्रम प्रदान करता है ।