प्रिय दोस्तो , पहले हम चीन का भ्रमण कार्यक्रम में आप को दक्षिण चीन के हू नान प्रांत के पश्चिमी भाग में खड़े मनोहर पर्यटन स्थल ऊ लिंग य्वान के दौरे पर ले गये हैं , वहां आप ने ऊ लिंग य्वान पर्यटन स्थल के अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य का आनन्द उठा ही लिया है । जबकि पहले आप ऊ लिंग य्वान पर्यटन स्थल जानते ही नहीं , उस का नाम भी कभी नहीं सुना । पर अब आप को यह मालुम हुआ होगा कि ऊ लिंग य्वान मध्य चीन के हू नान प्रांत के चांग चा च्ये शहर में स्थित है , चीनी लोग उसे चांग चा च्ये कहलाते हैं । वह अपनी अनौखा सुंदरता की वजह से युनेस्को ने प्रसिद्ध विश्व प्राकृतिक विरासत की सूचि में शामिल कर लिया है । इस रमणीक पर्यटन स्थल में अंगीनत अनौखा पत्थर जंगल , स्वच्छ झरने और रहस्यमय गुफाएं देखने को मिलती हैं । पर आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में ऊ लिंग युवान रमणीक पर्यटन क्षेत्र में बसी चीन की अल्पसंख्यक थु जाति का अनौखा स्थानीय पकवान चखने का मजा लेने जा रहे हैं ।
थु जाति का मधुर गाना सुनने के चलते हम ने ऊ लिंग य्वान यानी चांग चा च्ये का दौरा शुरू कर दिया । यह रमणीक पर्यटन स्थल चांग चा च्ये शहर से 32 किलोमीटर से दूर है , वहां जाने की यातायात अत्यंत सुविधाजनक है । पूरे पर्यटन स्थल चांग चा च्ये वन्य उद्यान , थ्येन च पर्वत पर्यटन स्थल और स्वो शी घाटी प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र इन तीनों भागों से गठित है और उस का कुल क्षेत्रफल 246 वर्गकिलोमीटर विशाल है ।
चांग चा च्ये के तीन प्रमुख मनोहर पर्यटन स्थलों के अद्भुत सौंदर्य का लुत्फ लेने के बाद मझे बड़ा थकान महसूस हुआ और भूख लगने लगी । थोड़ी देर के लिये विश्राम कर मैं थु जाति के एक गांव की ओर जाने ही वाली थी कि अचानक थु जाति का सुरीला पहाड़ी गाना सुनाई दिया , इस मधुर गाने से प्रेरित होकर मैं तेज गति से गांव की ओर चल निकली । गांव में पहुंच कर मुझे पता चला कि रंगबिरंगे फुलों की जगह पले बढ़े थु जाति के लोग रंगीन वस्त्र पसंद करते हैं । विशेष कर थु जाति की युवतियां चमकीले रंगीन वस्त्रों की दिवानी हैं , उन के वस्त्र लाल , पीले , नीले , हरे तथा सफेद रंगों के कपड़ों से सी बुन कर बनाए जाते हैं । युवतियों के शरीर पर पहने इस प्रकार के वस्त्र देखने में यो लगता है कि आकाश में इंद्रधुनष उभरे हो ।
थु जाति के लोग स्वभाव में खुले और मेहमाननवाज हैं , जो कोई भी उन के घर आए , परिचित हो या अजनबी , सबों का जोशीला स्वागत किया जाता
है । उन की मान्यता है कि मेहमान मंगल सूचक है , वो थु जाति को शकुन लाते हैं । जब हम वहां गए , मेजबान परिवार की मालकिन ली चन ने बड़े उत्साह के साथ हमारे स्वागत में खुशबूदार स्थानीय भोजन परोसा और इशारा करते हुए कहा कि यह हमारे थु जाति का सूखा टमाटर है , वह सूखा बिंस है और वह सूखा सीताफल है , ये सब चीजें यदि मीट के साथ तरकारी बनायी जाती हैं , तो बहुत स्वादिष्ट लगती हैं । इतना भव्य भोजन देखकर मेरे मुंह में पानी आ गया । पेट भर खाने के बाद दिन ढक गया और थु जाति के लोगों से बिदाई लेने का वक्त आ गया । गांव से वापसी के रास्ते में मैं मन ही मन सोचा कि कभी मौका मिलेगा , तो मैं जरूर फिर एक बार थु जाति से मिलने आऊंगी ।
वापस लौटते वक्त ऊ लिंग य्वान यानी चांग चा च्ये राष्ट्रीय वन्य उद्यान का सौंदर्य फिर मेरे दिमांग में तरोताजा होने लगा कि इस वन्य उद्यान में देवदार पेड़ों के घने जंगल , विविध आकृतियों में अनोखी चट्टानें देखने को उपलब्ध है , पहाड़ों और वन्यों के बीच चश्मे और नदियां कलकल करते हुए बहती है , जो लोगों को शांति और सौंदर्य बौध दिला देती है । यह वन्य पार्क देश के विश्वविख्यात हुंग शान पर्वत तथा अमे पर्वत के बराबर सुप्रसिद्ध है तथा चार ए श्रेणी का पर्यटन स्थल तय किया गया है । जल वायु और समुद्र सतह से ऊंची ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां के वन्य स्पष्टतः नीचे से ऊपर तक कई किस्मों के होते है और जिस में नाना नस्लों के जंगली जानवर पाये जाते हैं ।
जी हां , वहां की अजीबोगरीब चट्टानें जंगल चांग चा च्ये जंगल पार्क का प्रतिकात्मक दृश्य ही माना जाता है । पहाड़ पर खड़े होकर यदि आप नीचे नजर दौड़ाये , तो आप पहाड़ों की घाटियों से उगी हजारों सीधी चट्टानों की चोटियां देख पाते हैं , ये बेशुमार गगनचुम्बी चट्टान चोटियां इस सुंदर आदिम जंगल पार्क के वफादार रक्षक जान पड़ती हैं ।
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