
हाल में हिंद महासागर में आये भूकंप व उससे उठी सुनामी लहरों से प्रभावित देशों ने दुनिया भर की जनता का ध्यान खींचा। चाइना रेडियो इंटरनैशनल के कर्मचारियों का भी इस पर ध्यान गया। वे विभिन्न देशों के श्रोताओं के साथ चंदा देने में बढ़-चढ़ कर भाग लेने के साथ पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं और आशा करते हैं कि अपने प्रयासों के जरिए संकटग्रस्त देशों के नागरिकों के हित में कुछ न कुछ कर सकेंगे।
चाइना रेडियो इंटरनैशनल की सिंहली सेवा द्वारा हाल में अपने श्रोताओं के लिए प्रसारित किया गया सद्भावना संदेश में सुनामी से श्रीलंका के करोड़ों नागरिकों के प्रभावित होने पर दुख व्यक्त किया गया। संदेश के अनुसार चाइना रेडियो इंटरनैशनल की सिंहली सेवा के सभी कर्मचारी बहुत दुखी हैं और आप सभी को सहानुभूति देते हैं तथा सुनामी के शिकारों के प्रति गहरा शोक प्रकट करना चाहते हैं।
हिंद महासागर में सुनामी लहरें उठने के बाद की घटना हमारे रेडियो प्रसारणों का केंद्रीय विषय रही है। चाइना रेडियो इंटरनैशनल 38 विदेशी भाषाओं और पांच स्थानीय बोलियों की सेवाओं के जरिए हर रोज विश्व के विभिन्न देशों और चीन सरकार व चीन के विभिन्न तबकों द्वारा संकटग्रस्त क्षेत्रों को चंदा देने की खबरें प्रसारित करता रहा है। चाइना रेडियो इंटरनैशनल के निदेशक श्री वांग गन न्येन ने कहा, ये देश हमारे मित्र-पड़ोसी हैं। चाइना रेडियो इंटरनैशनल के इन देशों में अनेक श्रोता हैं। लम्बे अरसे से हमारा मैत्रीपूर्ण संपर्क बरकरार है। उन पर आये संकट से हम बहुत चिंतित हैं। संकट के बाद के राहत कार्य पर हमारा विशेष ध्यान है। हम उन्हें मदद देने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि वे जल्द ही विपत्ति से मिले दुख से बच सकें। हम इन क्षेत्रों के श्रोताओं की विपत्ति की सूचना दे रहे हैं, साथ ही उनमें विपत्ति दूर करने का विश्वास मजबूत करने के लिए अपने देश व जनता द्वारा उन्हें भेजी गयी सद्भावना भी प्रसारित करते हैं।
भारत व थाईलैंड आदि देशों में स्थित हमारे संवाददाता सुनामी की खबर पाते ही तुरंत संकटग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचे। हमारे संवाददाता प्रबंध विभाग की प्रभारी सुश्री गोन ज श्येन ने बताया कि इन संवाददाताओं ने अपनी गुणवत्ता प्रतिबिंबित की और मुसीबतों की परवाह न कर समय पर संबंधित रिपोर्टें भेजीं। सुश्री गोन ज श्येन ने कहा, जब पाकिस्तान स्थित हमारे संवाददाता हुंग लिन को यह मिशन सौंपा गया तो वे बुखार में थे। इसके बावजूद वे तुरंत श्रीलंका रवाना हुए और रास्ते से ही अपनी प्रथम रिपोर्ट भेजी। थाईलैंड स्थित संवाददाता च्यो श्वू सुनामी उठने के तीसरे दिन ही थाईलैंड स्थित चीनी दूतावास के कर्मचारियों के साथ फुजी द्वीप में संकटग्रस्त लोगों को सहानुभूति देने गये। भारत स्थित हमारे संवाददाता च्यो हाओ व्यू स्वदेश वापसी का टिकट भी खरीद चुके थे, लेकिन, उन्होंने अपनी स्वदेश वापसी स्थगित कर दी।
पेइचिंग में चाइना रेडियो इंटरनैशनल के कर्मचारी भी लगातार इस संकट पर ध्यान रखे हुए हैं। नये साल के प्रथम दिन चीनी बौद्ध जगत ने हिंद महासागर के भूकंप व सुनामी लहरों में मारे गये लोगों के लिए प्रार्थना सभा का आयोजन किया। प्रेस केंद्र के संवाददाता न्येन योंग कांग उस समय छुट्टी पर थे पर वे आदेश प्राप्त कर सर्दियों में भी इस सभा की खबर लेने गये। उन के अनुसार,
आदेश प्राप्त करते ही मैं तुरंत पेइचिंग के पश्चिमी पहाड़ के लींग क्वांग मंदिर गया। वहां मैंने प्रार्थान सभा में 10 हजार से ज्यादा लोगों को एकत्र देखा। वे संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिए पूजा कर रहे थे और चंदा दे रहे थे। मैंने इस सभा के आयोजकों, मंदिर के भिक्षुओं और आम नागरिकों से बातचीत की जो हमारे रेडियो पर प्रसारित हुई।
सुनामी से संबंधित हमारी रेडियो रिपोर्टों पर श्रोताओं ने प्रतिक्रियाएं व्यक्त कीं।विभिन्न देशों के श्रोताओ, विशेषकर संकटग्रस्त देशों के श्रोताओं ने हमें पत्र भेजकर चीन सरकार और चीनी जनता द्वारा उन्हें सहायता देने का आभार प्रकट किया। अनेक श्रोताओं ने हमारे रेडियो को अपना रिश्तेदार समझा और हमें फोन से भी अपनी हालत बतायी। कुछ श्रोताओं ने ई मेल के जरिए हमारे साथ संपर्क किया और विपत्तिग्रस्त क्षेत्रों की राहत स्थिति की जानकारी दी। अनेक श्रोताओं ने हमें पत्र भेजकर चीन की सहायता की प्रशंसा की। भारत के एक श्रोता संघ के अध्यक्ष मुहम्मद आजमी ने नयी दिल्ली से हमें फोन किया।
विपत्ति के बाद चीन सरकार व जनता तुरंत कदम उठाकर विश्व के प्रथम राहतदाता देशों की पंक्ति में शामिल हुई और संकटग्रस्त थाईलैंड, इंडोनेशिया और श्रीलंका के विपत्तिग्रस्त लोगों को जरूरी खाद्य पदार्थ, दवाएं और अन्य वस्तुएं भेजीं।इस से मित्र पड़ोसियों की मैत्री प्रतिबिंबित हुई। गौरव की बात यह है कि चीन सरकार ने न केवल विपत्तिग्रस्त देशों को राहत सामग्री भेजी, बल्कि चिकित्सक दल भी भेजे। चीन के आम नागरिकों ने भी बढ़-चढ़ कर इस अंतरराष्ट्रीय राहत गतिविधि में भाग लिया। कुछ प्राइमरी स्कूल के चीनी छात्रों ने अपने जेबखर्च से चंदा दिया। 70 वर्ष की उम्र के वृद्धों ने अपनी पेंशन दी। इससे हम गहरे प्रभावित हुए। चीन सरकार और चीनी नागरिकों की इस प्रेमभरी कार्यवाई को देख कर हमें बड़ी प्रेरणा मिली है। इस ने साबित किया कि दिन ब दिन मजबूत हो रहा चीन अपने बड़े देश होने की छवि दिखा रहा है। हमें अपने पड़ोसी देश चीन पर गौरव है।
चाइना रेडियो इंटरनैशनल ने भी सुनामीग्रस्त देशों के लिए चंदा इकट्ठा किया। उसके कर्मचारियों ने अपनी यथार्थ कार्यवाही से विपत्तिग्रस्त क्षेत्रों की जनता और श्रोताओं का ख्याल ऱखने की बात प्रतिबिंबित की। कुछ दिनों के ही भीतर चाइना रेडियो इंटरनेशनल के कर्मचारियों ने लगभग एक लाख य्वान का चंदा दिया। श्री खोंग लींग पाओ ने अकेले दो हजार य्वान दिये। वे अभी-अभी श्रीलंका से वापस आये हैं। वर्तमान विपत्ति के बारे में उन्होंने कहा, जब मुझे यह खबर मिली कि श्रीलंका सुनामी का शिकार हो गया है, तो मुझे बहुत दुख हुआ। गत वर्ष जनवरी में मैंने चाइना रेडियो इंटरनैशनल के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ श्रीलंका की यात्रा की। इसके कोई एक महीने बाद वहां सुनामी लहर आयी। मैंने टी वी पर देखा कि उन अनेक स्थलों में सड़कें तथा मकान बर्बाद हो गये हैं, जहां की हम ने यात्रा की थी। हालांकि हम बहुत धन नहीं दे सकते, फिर भी हमारी सदिच्छा तो है ही।
इस समय विपत्तिग्रस्त अनेक देशों के श्रोता हमारा रेडियो नहीं सुन पा रहे हैं, फिर भी चाइना रेडियो इंटरनैशनल का हरेक कर्मचारी यही आशा करता है कि वह अपने निजी प्रयास से विपत्तिग्रस्त देशों के नागरिकों का संकट दूर कर सकेगा। चाइना रेडियो इंटरनैशनल हर रोज विपत्तिग्रस्त देशों के लोगों को चीन सरकार एवं चीनी जनता का प्रेम, समर्थन व सहानुभूति पहुंचा रहा है।
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