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(GMT+08:00) 2005-03-31 11:02:07    
तिब्बती संस्कृति की रक्षा व विकास

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मित्रो, हाल में हम ने आप को बताया था कि चीन की तिब्बती संस्कृति की सुरक्षा व विकास पर एक प्रदर्शनी हाल में राजधानी पेइचिंग में सफलता के साथ आयोजित रही। हमारी संवाददाता सुश्री ल्यू हवी भी इस प्रदर्शनी में उपस्थित थीं। प्रदर्शनी कक्ष में उन की मुलाकात सुश्री वूई से हुई। सुश्री वूई चीन का तिब्बत पत्रिका की उप प्रधान संपादिका हैं ।उन्हें इस पद पर काम करते हुए अनेक वर्ष हो चुके हैं । इस प्रदर्शनी में सुश्री वूई एक अच्छे जनसेवक की हैसियत से काम करने आयीं थी ।सुश्री वूई के अनुसार इस में प्रदर्शित वस्तुओं में जो दो सौ चित्र और 3 सौ अन्य सामग्रियां शामिल हैं उन से तिब्बत की सांस्कृतिक परंपरा , विविध जातीय संस्कृति और तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद वहां हुए सामाजिक विकास में इस के संरक्षण की स्थिति प्रतिबिंबित हुई है । मित्रो इस में प्रदर्शित एक थानखा चित्र इतना बड़ा व सुन्दर था कि उस ने हमारी संवाददाता का मन मोह लिया। हमारे कार्यक्रम की पिछली कड़ी में सुश्री वूई ने आप को इस थानखा चित्र का परिचय दिया था। आज वे आप को तिब्बत में प्रचलित एक सुन्दर लोक कथा सुना रही हैं जो इस थानखा में चित्रित है।प्राचीन काल से तिब्बत में हां . तिब्बत . मंबा और लोबा जैसी अनेक जातियां रहती आई हैं।लोगों का मानना है कि विभिन्न जातियों की एकता महत्वपूर्ण है ।चित्रकारों ने इस थानखा में विभिन्न जातियों की एकता का वर्णन किया है। चित्र में हाथी,बंदर,खरगोश और पक्षियों के चित्र हैं ।सुना है कि हाथी,बंदर,खरगोश और पक्षी अलग-अलग तौर पर हां .तिब्बती .मंबा और लोबा जातियों का प्रतिनिथित्व करते हैं ।इसमें एक बगीचे में फल के पेड़ हैं और उन में लगे ताजा फल हाथी, बंदर,खरगोश और पक्षी का मन मोह रहे हैं । वे एक साथ मिल कर फलों को तोड़ कर उन का मजा लेते हैं। हाथी जमीन पर खड़े हैं और बंदर हाथी की पीठ पर। बंदर के ऊपर खरगोश खड़े हैं और उन के ऊपर पक्षी ।पक्षी अपनी चोंच से पेड़ से फल तोड़ने की कोशिश करते हैं और बहुत से फल पेड़ से जमीन तक गिर आये हैं । इस तरह सब फल पाते हैं और उन्हें खाने का आनंद उठाते हैं ।यह कहानी तिब्बत में बहुत लोकप्रिय है और इस के आधार पर सुन्दर चित्र ही नहीं कई सुन्दर कार्यक्रम भी तैयार किये गये हैं।

मित्रो इधर के वर्षों में चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का बड़ा विकास हुआ है और स्थानीय लोगों के जीवन में भी सुधार आया है। हाल ही में चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन सरकार के अध्यक्ष श्री सानपापिनछो ने रूस, पुर्तगा व कनाडा की यात्रा की। इस दौरान उनका बड़ा स्वागत हुआ। इन देशों के नेताओं से भेंट में श्री शानपापिनछो ने उन्हें विश्व की छत पर स्थित तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थिति का परिचय दिया। हाल ही में हमारी संवाददाता सुश्री ल्यू हवी को तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन सरकार के अध्यक्ष श्री शानपापिनछो के दर्शन का मौका मिला और उन से तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास के बारे में बहुत सी नयी जानकारियां भी प्राप्त हुईं । मित्रो अगर आप घर बैठे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के बारे में ताजा जानकारी चाहते हैं तो हमारा कार्यक्रम सुनते रहिए। हम आप को इसमें श्री शानपापिनछो से मिलवायेंगे और आप खुद उन से तिब्बत की जानकारियां पा सकेंगे।

मित्रो,तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन सरकार के अध्यक्ष श्री सानपापिनछो तिब्बती जाति के हैं । उनका जन्म वर्ष मई उन्नीस सौ सैंतालिस में तिब्बत के छानतू प्रिफेक्चर में हुआ। उन्हें उच्च शिक्षा मिली और वर्ष उन्नीस सौ सत्तर में छू छिन विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग से निकलने के बाद वे तुरंत अपने जन्मस्थान छानतू के कृषि मशीनरी कारखाने के तकनीशियन के रूप में काम करने लगे। कुछ वर्ष बाद उन्हें इस कारखाने का नेता नियुक्त किया गया। उन्हों ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास के लिए अपनी प्रतिभा का हर संभव प्रयोग करने की कोशिश की। इसके बाद वे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के छान तू प्रिफेक्चर के महा निदेशक नियुक्त किये गये। वर्ष दो हजार तीन में उन्हें तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन सरकार का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस से पहले वे अलग अलग तौर पर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी लहासा के मेयर और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लोका प्रिफेक्चर के प्रमुख जैसे नेतृत्वकारी पदों पर काम कर चुके हैं। श्री शानपापिनछो एक लोकप्रिय तिब्बती नेता हैं । वे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास के लिए अनेक काम कर चुके हैं और अब भी कर रहे हैं । हाल में हमारी संवाददाता को श्री शानपापिनछो के साथबातचीत करने का मौका मिला । बातचीत में तिब्बत स्वायत प्रदेश के भविष्य की चर्चा में श्री सानपापिनछो ने विश्वास के साथ कहा कि हमें विश्वास है कि तिब्बत स्वायत प्रदेश का भविष्य और उज्ज्वल होगा।