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(GMT+08:00) 2005-03-10 09:49:37    
चीन के आर्थिक विकास की चीनी और विदेशी अर्थजगत के लोगों द्वारा सराहना

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वर्ष 2004 में चीन के सकल राष्ट्रीय उत्पाद में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। चीनी व विदेशी अर्थजगत के कुछ लोगों का मानना है कि वर्ष 2005 में भी चीन के आर्थिक विकास की गति तेज रहेगी।

प्रारम्भिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2004 में चीन का सकल राष्ट्रीय उत्पाद 130 खरब य्वेन रहा। इस साल अनाज उत्पादन के करीब 4 खरब, 70 अरब किलोग्राम के रिकार्ड ने अनाज पैदावार के पिछले पांच सालों से नीचे गिरने की स्थिति को आखिरकार बदल डाला। औद्योगिक कारोबारों ने पहली बार 10 खरब य्वेन से अधिक का मुनाफा कमाने का नया रिकार्ड बनाया। किसानों की औसत आमदनी में हुई वास्तविक वृद्धि 6 प्रतिशत रही। पिछले साल देश के आयात-निर्यात की कुल रकम 11 खरब य्वेन के आंकड़े को पार कर गई, विदेशी पूंजी का वास्तविक प्रयोग 60 अरब य्वेन रहा और विदेशी मुद्रा भंडार 6 खरब अमरीकी डालर दर्ज किया गया।

वर्ष 2004 के आर्थिक विकास की उल्लेखनीय सफलता की चर्चा करते हुए चीनी सांख्यिकी ब्यूरो के निदेशक ली दे सुए ने कहा 1978 से 2004 के बीच चीन की औसत वार्षिक वृद्धि दर 9.4 प्रतिशत रही। चीन की आर्थिक विकास की निहित शक्ति उजागर हुई तो निवेश की मांग भी बहुत गर्म हुई, आम उपभोग और जनता के जीवन स्तर के साथ आर्थिक आय ने उन्नति की तीव्र गति बरकरार रखी। अन्तरराष्ट्रीय अर्थतंत्र के विकास में बेहतरीन रुझान के चलते हमारा निर्यात भी शानदार रहा।

श्री ली दे सुए ने आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करते हुए कहा कि 2003 से चीन के आर्थिक विकास के तेज गति के दौर में प्रवेश करने के बाद कुछ समस्याए भी पैदा हुईं। लौह-इस्पात व सीमेंट आदि व्यवसायों में निवेश हद से ज्यादा हुआ, लगातार पांच साल तक चीन का अनाज उत्पादन नीचे गिरा और अनाज का दाम ऊपर उठा। इस समस्या से निपटने के लिए चीन सरकार ने कृषि के विकास को प्रेरणा देने के साथ ऋण के पैमाने को नियंत्रित करने, भूमि प्रयोग की जांच व अनुमति का नियम कड़ा बनाये रखने तथा ऊंची खपत वाली परियोजनाओं के निर्माण को सीमित करने जैसे समष्टिगत समन्वयक व नियंत्रक उपायों का प्रयोग किया।

चीन सरकार ने हाल ही में स्पष्ट किया कि वर्ष 2005 में वह इन कार्रवाईयों पर निरंतर और बल देगी और आर्थिक विकास की सतत व तेज गति को सुनिश्चता प्रदान करने पर जोर देगी। समष्टिगत नियंत्रण का महत्वपूर्ण माध्यम वित्तीय नीति के उचित व स्थिर इस्तेमाल पर भारी ध्यान देना होगा। सात साल पहले एशिया में आये वित्तीय संकट के समय चीन इसी नीति की बदौलत वित्तीय संकट से बच सका और घरेलू मांग बढ़ाकर आर्थिक विकास को प्रेरित करने में सफल रहा। चीनी राज्य परिषद के विकास व अनुसंधान केन्द्र के समष्टिगत आर्थिक अनुसंधान विभाग के निदेशक लू चुंग येन ने बताया कि सकारात्मक वित्तीय नीति ने चीन के आर्थिक वृद्धि के दौर में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की, लेकिन यह नीति चीन की वर्तमान स्थिर आर्थिक विकास की स्थिति की मांग से मेल नहीं खाती है। चीन के आर्थिक विकास की स्थिति व गति को देखते हुए हमने वित्तीय नीति की दिशा में उचित समन्वय किया है। वर्तमान में पूंजी निवेश आर्थिक विकास को आगे खींचने की शक्ति बन गया है। यदि विस्तारित वित्तीय नीति को निरंतर अमल में लाया गया तो उसका चीन के स्थिर आर्थिक विकास के संचालन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इस नयी स्थिति के मद्देनजर अर्थतंत्र का समष्टिगत उचित समन्वय करना और निवेश व उपभोक्ता नीति की स्थिरता कायम रखना चीन के आर्थिक विकास का बहुत महत्वपूर्ण कार्य बन गया है।

वर्ष 2005 में चीन का आर्थिक विकास निरंतर स्थिर व तेज गति बनाए रखेगा, वस्तुओं के दाम में उचित बढ़ोतरी होगी और आर्थिक वृद्धि के 8 से 9 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है।

इधर चीन के आर्थिक विकास ने दुनिया के आर्थिक विकास में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। इस के लिए विदेशों के अर्थजगत के लोगों ने चीन की सराहना की है। चीन स्थित जापान के वाणिज्य महासंघ के उपनिदेशक, जापान के तोक्यो मित्सूबीसी बैंक की चीन की शाखा के उप गवर्नर यानागी गाओ खा ने चीन-जापान आर्थिक संबंधों की चर्चा में कहा कि चीन और जापान के आर्थिक संबंध अधिकाधिक घनिष्ठ होते जा रहे हैं। यदि जापान चीन में निवेश न करे या चीन के साथ व्यापार संबंध कायम न रखे तो जापान के अर्थतंत्र में आज की जैसी तेज वृद्धि होना असंभव होगा। उन्होंने कहा कि चीन-जापान आर्थिक व व्यापारिक संबंधों का भविष्य उज्ज्वल है।

अमरीका के वाणिज्य महासंघ के निदेशक चार्लेस मार्टिन ने चीन के आर्थिक विकास से अमरीकी उपक्रमों को मिले लाभ व अवसर पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 2004 में चीन अमरीकी वस्तुओं का सबसे ज्यादा आयात करने वाला देश रहा। इस के साथ ही चीन अमरीका का पांचवा निर्यातक देश भी है। उन्होंने विशेष रूप से चीन स्थित अमरीकी उपक्रमों को चीन के तेज आर्थिक विकास से प्राप्त लाभा का जिक्र करते हुए कहा गत वर्ष अमरीकी उपक्रमों के लिए पूरी तरह एक अच्छा साल रहा। हमने अपने वाणिज्य महासंघ के सदस्य उपक्रमों के एक सर्वेक्षण से पता किया कि इन उपक्रमों को व्यवसाय में गत वर्ष बड़ी सफलता हासिल हुई, बहुत से कारोबारों ने तो भारी मुनाफा कमाया।

2005 में चीन स्थित अमरीकी कारोबारों ने चीन में निवेश के अपने पैमाने का और विस्तार करने का फैसला किया है।

सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में चीन का यूरोपीय संघ, अमरीका, जापान, दक्षिण-पूर्वी एशियाई, लातिन अमरीकी आदि देशों व क्षेत्रों के साथ आर्थिक व व्यापारिक संबंध बेहतरीन दिशा में जा रहा है। निस्संदेह यह चीन और दुनिया के आर्थिक व व्यापारिक जगत के लिए लाभ लेकर आएगा।

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