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(GMT+08:00) 2005-03-07 18:18:45    
पेईचिंग की आत्मा--सी हो य्वान

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जबकि कई पश्चिम के लोग पश्चिमी घरों में रहना पसन्द करते हैं, मेरी पसन्द कुछ अलग है।मैं काफी खुशकिश्मत हूँ क्यों की हर रोज प्रातः काल मैं चिड़ियों की मधुर आवाज सुनते हुए उठता हूँ ।मेरे सोने का कमरा एक छोटी नदी के बगल में है,और रोज इस नदी को देखकर हमें खास किस्म के आनन्द का अनुभव होता है-यह है लोरेन्स ब्राउन,एयर बस चाईना के अध्यक्ष। लोरेन्स ब्राउन, पेईचिंग के सी हो य्वान , एक पारम्रपरिक किस्म के घर में रहते हैँ।

सी हो य्वान, इसका मतलब होता है,चार दिवारों से घेरी हुई एक कोर्टयार्ड जिस में अन्दर के तरफ मुख करते हुए चार घर हैं। सी हो य्वान, 800 साल पुरानी पेईचिंग की एक खास वास्तुकला से कृत घर हैं।इनका निर्माण तब आरम्भ किया गया जब पेईचिंग शहर को एक राजधानी के रूप में सवारा जा रहा ।

1990 के दशक में चीन की आर्थिक प्रगति के साथसाथ इन पुरानी इमारतों को गिराया जाने लगा।यह सिलसिला तब आरम्भ हुआ जब यहाँ की स्थानीय सरकार एक नये हाउसिंग योजना को लागू करने के लिए पुरानी इमारतों को गिरा कर नये और उँची इमारतों का निर्माण किया जाने लगा।इस योजना के

अंतर्गत 1990 से ले कर 1998 तक, 4.2 मिलियन स्क्वेयर मीटर की पुरानी इमारतों को गिरा दिया गया,इसमें अधिक इमारतें सी हो य्वान थीं । आज सी हो य्वान सिर्फ 3 मिलियन स्क्वेयर मीटर की जमीन में है,जब कि 1950 की दशक में इस की मात्रा एक करोड़ सत्तर लाख वर्ग मीटर थीं।

इतनी भारा मात्रा में सी हो य्वान की परम्परा को जिस प्रकार से बर्बाद किया गया है,यह सचमुच आशचर्य और साथ ही साथ खेद की बात है।दुःख की बात तो यह है कि जो सी हो य्वान बचे हुए हैं,उन में कई की स्थिति नाजुक है।कई तो ऐसी जगहों में स्थित हैं जहाँ की वातावरण और पर्यावरण काफी दूषित

है।पेईचिंग मुनिसिपल संचालन और सास्कृतिक विरासत आंकड़ों के अनुसार ,सिर्फ 539 सी हो य्वान सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों में स्थित है।

सी हो य्वान पेईचिंग में रहने वाले लोगों की बचपन की यादों से काफी जुड़ा है।एक विदेशी के नजरिया से देखा जाये तो , सी हो य्वान की दृश्य,जैसै कि हू थोंग में फल बेचने वाले, पत्ली गलियों में छोटी दुकानें जो नैतिक जिन्दगी में उपयोग किये जाने वाले सामान बेचते है,एक ऐसे दृश्य है जो यहाँ की लोगों की औऱ उनके जिंदगी की एक बहुमूल्य पहलू को दर्शाता है।संक्षिप्त में यह कहना गलत नहीं होगा कि, सी हो य्वान,लोगों के बीच की दूरी को दूर करता है।

कई विदेशियों का यह मानना है कि इस किस्म की वास्तुकला सचमुच अतुलनात्मक है और इस तरह की परम्परा विश्व के दूसरे भागों में भी अपनाया जा सकता है । हू थोंग और सी हो य्वान की परम्परा महज एक यादगार न बन जाए,यही चिंता कई लोगों को खा रही है। इन की संरक्षा के लिए चीन के नागरिक और कई विशेयज्ञ कई प्रयास कर रहे हैं। शू यी , जो एक वास्तुकला के विशेयज्ञ है, अपने एक लेख में लिखते हैं,भारी मात्रा में हू थोंग , सी हो य्वान की बर्बादी से पेइचिंग अपने, विश्व सांस्कृतिक राजधानी ,वाली उपाधी को खो देगा।

सन् 2001 में सरकार के द्वारा लागू किये गये नये कानून के अनुसार सी हो य्वान में किराया देकर रहने वालों से यह कहा गया कि ये घर मकान मालिकों को लौटा दिया जाय।लेकिन इसमें कई की स्थिति इतनी खराब थी की कई मकान मालिक इन्हे बेच देना चाहते थे। इसीलिए यहाँ की स्थानीय सरकार ने संस्थाओं या व्यक्तयों को पेइचिंग के पुराने जिलों में और सांस्कृतिक और ऐतिहासिक क्षेत्रों में सी हो य्वान बेचने की योजना बनाईं।इस योजना के अन्तर्गत चीनियों को ही नहीं बल्कि विदेशियों को भी सी हो य्वान खरीदने की अनुमति दी गई।

इनका मूल्य ग्राहक और विक्रेता के बीच बातचीत के बाद निश्चित की जाती है।इसमें सरकार किसी भी तरीके से शामिल नहीं होती है।इनका दाम बाजारी दरों के हिसाब से निश्चित की जाती है।

कई विदेशी इस परिवर्तन से काफी खुश हुए। सरकार के इस नये नीति से कई लोगों के सपने साकार हुए और इन लोगों में चीन के ही नहीं बल्कि विदेशी文化生活 नागरिक भी शामिल है।खरीदारों में सबसे अधिक हांगकांग और थाईवान का हैँ।जहां तक दरों का सवाल है, निर्णयात्मक मुद्दे हैं--फङ श्वेई, जनपरिवहन की सुवीधाएँ, अवस्थिति, इत्यादि। साधारण तौर पर सी हो य्वान की दरें सात हज़ार--दस हज़ार प्रति स्क्वेयर मीटर होता है। आज नौ हज़ार—दस हज़ार सी हो य्वान बिक्रि के लिए उपलब्ध है।