चीनी पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 9 फरवरी का दिन चीनी जनता के परम्परागत पर्व वसंत त्यौहार का दिन था।इस वसंतोत्सव को मनाने के लिए लोगों ने परम्परागत तरीकों को छोड़ अनेक नये तरीके भी अपनाए।
परम्परागत रीति के अनुसार, वसंतोत्सव के पहले दिन यानी पुराने साल की आखिरी रात और इस साल के मामले में 8 जनवरी का आखिरी भोज घर में ही किया जाना चाहिए था।इस मौके पर अधिकतर रेस्तरां बंद होते हैं, पर इस वर्ष इस परम्परा में भारी परिवर्तन नजर आया।लोग अपने घर से बाहर रेस्तरां में रात्रि-भोज करते दिखे। शहर के सभी बड़े व मझौले रेस्तरों में भीड़भाड़ ही मिली।
चीनी पंचांग के नये साल यानी वसंत त्यौहार की पूर्वबेला में, मैं एक रेस्तरां में
भोजन करते एक बड़े परिवार से मिली। इस परिवार में तब बूढ़े, अधेड़ व युवा लोगों समेत कोई एक दर्जन से ज्यादा शामिल थे। श्री जौ इस कुनबे में सब से वयोवृद्ध नजर आए। उन्होंने अपने अनुभव सुनाते हुए कहा , इधर लोगों के विचार में बड़ा परिवर्तन आया है। एक बड़े कुनबे के रात्रि भोज की तैयारी के लिए कई दिनों के श्रम की जरुरत होती है भोजन बनाना व परसना भी ऐसे में बहुत थकान भरा काम होता है।परंपरा में जो व्यक्ति रात्रि भोज बनाते थे, वे और लोगों के साथ एक साथ मेज़ पर बैठकर खआने में उन का साथ नहीं दे पाते थे। और तो और, खाना खाने के बाद, कटोरों,थालियों व अन्य बरतनों को धोने का भी झंझर उठाना पड़ता था। इस तरह रात्रि भोज तैयार करने वाला उस के बाद, इतना थका होता था कि उसे बातचीत करने में कोई रुचि नहीं रह जाती थी। यही कारण है कि इस साल हम सभी ने रेस्तरां में रात्रि भोज खाने का निर्णय लिया। इस से हम समय व श्रम की किफायत तो कर ही सकते हैं, और खासा पैसा खर्च करने पर आराम से खा ही नहीं सकते हैं, बनिया भी सकते हैं।
श्री जौ ने जैसे अनेक थ्येनचिन वासियों के मन की बात कह डाली । उन के परिवार की ही तरह, शहर के अनेक परिवारों ने चार पांच सौ व्येन के खर्च पर रेस्टरां में नये साल का रात्रि भोज किया।
इस वसंतोत्सव के दौरान, थ्येनचिन वासियों ने सात दिनों के अवकाश का उपयोग विभिन्न बाजारों में खरीदारी करने के अलावा , पुस्तकालय जाकर किताबें या अखबार पढने के लिए भी किया। इस तरह त्यौहार में सांस्कृतिक खाद्य का आनंद उठाना थ्येनचिन के नागरिकों के बीच एक नया फैशन बन गया है।
उन छुटियों में एक सुबह जब मैं एक पुस्तकालय पहुंची, तो देखा कि वहां अनेक लोग पत्र-पत्रिकाएं उलटने में लगे हैं। पुस्तकालय का विशाल वाचनालय विभिन्न तबकों के पाठकों से भरा हुआ था।एक छात्रा ने बताया, मैं अकसर अपनी स्कूली पढाई में व्यस्त रहती हूं। इस कारण मेरे पास अन्य पुस्तकें पढने का बहुत कम समय रहता है। इस पुस्तकालय में विभिन्न अखबार, पत्रिकाएं और पुस्तकें मौजूद हैं। यह सब खरीदता येरे लिए बहुत महंगा पड़ेगा। इस लिए वसंतोत्सव की छुट्टियों में मैं मजे से पुस्तकें पढ रही हूं।
इस पुस्तकालय में कुछ पाठकों ने मुझे यह ङी बताया कि यहां छुट्टी बिताना उन्हें मित्रों के साथ गपशप करने और खाना खाने से अधिक अर्थपूर्ण लगता है।
इधर के कुछवर्षों से, थ्येनचिन के नागरिकों ने मित्रों रिश्तेदारों को उपहार के रुप में ताजा फूल देने का प्रचलन भी बढा है। जाहिर है इस वसंतोत्सव के दौरान, थ्येनचिन की फूल की दूकानों में फूल खरीदने वालों के तांते लगे रहे। इधर टेलिफोन पर फूल मंगाना भी बहुत लोकप्रिय रहा।हांलांकि फूलों के एक गुच्छा के लिए एक ग्राहक को एक या दो सौ चीनी व्यान तक खर्च करने पड़े, फिर भी अनेक लोगों ने इसे बेहतरीन उपहार माना। कुछ लोगों ने अपने लिए फूल खरीदे तो कुछ ने रिश्तेदारों एवं मित्रों के लिए । एक अध़ेड फूल क्रेता ने कहा, इस से पहले, इस वसंतोत्सव में, फल या केक लेकर मित्रों के घर जाते थे।पर अब लोगों को दूसरों के घर फूल ले जाना पसंद हैं, यह एक नया फैशन है।
अब लोग इंटर नेट पर भी फूलों का और्डर कर सकते हैं, और किसी भी समय आप घर बैठे फूल प्राप्त कर सकते हैं।
इस वर्ष वसंतोत्सव में, थ्येनचिन के नागरिकों के पहनावे में भी परिवर्तन देखा गया। चीन की परम्परागत विशेषता वाली पोशाकें व्यापक नागरिकों की पसंद बनती नजर आई।
कपड़ों की एक दूकान के मालिक ने खुशी खुशी बताया , पिछले वर्षों की तुलना में, इस वर्ष परम्परागत पोशाकें खरीदने वालों की संख्या अधिक हुई है। वसंत त्यौहार चीनी राष्ट्र का परम्परागत त्यौहार है।इसलिए, इस अवसर पर विशेष वातावरण पैदा करने के लिए ही लोगों परम्परागत वेश-भूषा पहनना पसंद कर रहे हैं।
इधर , कुछ चीनी फैशन डिजाइंनरों ने चीन की छीफआओ जैसी परमम्परागत वेश-भूषा में कुछ बदलाव कर आधुनिक छी फाओ को रुप दिया। आजकल चीनी समाज परम्परागत वेश-भूषा की ओर झुकाव की लहर से लहरा रहा है । वृद्धही नहीं, तो अनेक युवा भी परम्परागत वेष-भूषा पसंद करने लगे हैं। कुछ लोग तो अपने बच्चों को भी एसे कपड़े पहनाने में गर्व महसूस करते हैं।
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