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(GMT+08:00) 2005-03-02 09:49:46    
पर्यावरण संरक्षण वाले उद्योगों का जोरदार विकास

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इधर के वर्षों में चीन में पर्यावरण संरक्षण का विचार लोगों के दिमाग में कायम हो गया है । लोग न सिर्फ वनरोपण जैसे प्राकृतिक पर्यावरण संरक्षण संबंधी काम को महत्व करते रहते हैं , बल्कि घरउपयोगी बिजली संयंत्रों की पर्यावरण संरक्षण की गुणवत्ता होने की कड़ी मांग करने लगे हैं । घरउपयोगी बिजली यंत्रों में फ्रीज से सब से ज्यादा ऊर्जा खर्च होता है । इस के अतिरिक्त परंपरागत तकनीक से उत्पादित फ्रीज भयानक चीज़ फ्रेओन पैदा कर सकता है जिससे पृथ्वी के आकाश में ओज़ोनो को बरबाद किया जा सकता है । इसतरह चीन इधर के वर्षों में पर्यावरण संरक्षण की विशेषता प्राप्त नये किस्म वाले फ्रीज़ के उत्पादन को बहुत महत्व देता है । चीनी राजकीय पर्यावरण संरक्षण ब्यूरो की एक वरिष्ठ पदाधिकारी सुश्री सुंग श्याओची के अनुसार चीन सरकार पर्यावरण संरक्षण को बहुत महत्व देती है । इसी उद्देश्य में चीन सरकार नागरिकों में नये किस्म वाले फ्रीज के प्रयोग को प्रोत्साहित कर रही है । नये किस्म वाले फ्रीज़ का प्रयोग करने से पर्यावरण संरक्षण करने के साथ साथ कम ऊर्जा खर्च भी किया जा सकता है । इधर के वर्षों में चीनी नागरिकों ने हर वर्ष एक करोड़ चालीस लाख नये फ्रीज़ खरीदे हैं । पुराने मापदंड के मुताबिक इन फ्रीज़ों के दस सालों के प्रयोग में कुल छै खरब डिग्री बिजली खर्च किया जाएगा और इन से हर वर्ष छै करोड़ टन काबन डाइओक्सिजन पैदा करेगा । इसी गंभीर स्थितियों को बदलने के लिये चीन सरकार ने पिछली शताब्दी से अंत से पर्यावरण संरक्षण की विशेषता प्राप्त नये किस्म वाले फ्रीज़ का विकास शुरू किया । चीन सरकार ने फ्रीज़ के प्रति पर्यावरण संरक्षण के मापदंड को उन्नत किया , फ्रेओन रहित फ्रीज़ों के प्रयोग को प्रोत्साहित किया और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ पर्यावरण संरक्षण की विशेषता प्राप्त फ्रीज़ के विस्तार संबंधी सहयोग शुरू किया । चीनी राजकीय पर्यावरण संरक्षण ब्यूरो के एक वरिष्ठ पदाधिकारी श्री सुन श्येफंग के अनुसार नये किस्म वाले फ्रीज़ के उत्पादन करने से न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्य तक जा पहुंचा है , बल्कि कम ऊर्जा खर्च करने वाले फ्रीज़ के प्रयोग से बड़ी मात्रा की बिजली का बचाव भी हो गया है । आज चीनी कारोबारों में उत्पादित नये किस्म वाले फ्रीज़ से औसतन प्रति दिन शून्य दशमलव सात डिग्री बिजली खर्च किया जाता है , उन में कुछ किस्म वाले फ्रीज़ का दैनिक बिजली खर्च सिर्फ शून्य दशमलव चार तक रहता है । फ्रीज के अतिरिक्त चीन सरकार कम ऊर्जा खर्च करने वाले दूसरे उपकरण तथा हरित वास्तु के विकास को भी बहुत महत्व देती है । चीन के उप निर्माण मंत्री श्री छो पोशिंग ने हाल में राजधानी पेइचिंग में कहा कि चीन सरकार भविष्य में सिलसिलेवार कदम उठा कर कम ऊर्जा खर्च और हरित वास्तु निर्माणों के विकास को गति देगी और आर्थिक विकास तथा ऊर्जा व संसाधनों की मांग के बीच अन्तरविरोध को हल करने की कोशिश करेगी , ताकि चीन के वास्तु निर्माण उद्योग स्वस्थ , संतुलित तथा निरंतर रूप से विकसित हो जाए । वर्तमान चीन में ऊर्जा , भूमि , जलराशि तथा कच्चे मालों का गंभीर अभाव पड़ता है , साथ ही संसाधनों के वास्तविक प्रयोग की कारगर दर नीची है और पर्यावरण का प्रदूषण गंभीर है । इसलिए चीन में कम ऊर्जा खर्च और हरित वास्तु निर्माणों का विकास चीन के भावी नई किस्म के औद्योगिकरण के लिए खासा महत्वपूर्ण है । कम ऊर्जा खर्च और हरित वास्तु निर्माण उद्योग का अर्थ यह है कि वास्तु निर्माणों का डिजाइन कम ऊर्जा खर्च के मापदंड के अनुसार किया जाता है और निर्माण व प्रयोग के दौरान ऊर्जा का खर्च भी कम होता है । हरित भवन निर्माण का मतलब है कि निवासियों को स्वास्थ्य व कार्यवाही के लिए सुविधापूर्ण और सुरक्षित आवास और स्थान प्रदान किया जाता है । इस के अलावा भवनों के निर्माण और आवास के दौरान आसपास के पर्यावरण को कम से कम प्रभावित किया जाता है । चीनी उप निर्माण मंत्री श्री छो पोशिंग ने हाल ही में कहा कि चीन में कम ऊर्चा खर्च वाले भवन निर्माण उद्योग का विकास बीस साल पहले शुरू हुआ है , अब तक इस में काफी संतोषजनक सफलता प्राप्त हुई है । वे कहते हैः पिछले बीस सालों के प्रयासों के फलस्वरूप अब चीन के वास्तु निर्माण उद्योग में कम ऊर्जा खर्च का काम लगातार बढ़ता गया है और इस में भारी सफलता हासिल हुई है । नागरिक भवन निर्माण में ऊर्जा के कम खर्च पर प्रबंध नियमावली और कानून आरंभिक तौर पर बनाये जा चुके हैं और ऊर्जा की किफायत के लिए तकनीकी समर्थन व्यवस्था कायम भी हुई है , भवन निर्माण में कम ऊर्जा खर्च की मिसाली परियोजनाएं भी पूरी की गई हैं और व्यापक रूप से अन्तरराष्ट्रीय सहयोग भी विकसित किया गया है । इस के अलावा हरित वास्तु निर्माण संबंधी अवधारण भी चीन में व्यापक रूप से स्वीकृत होता जा रहा है । मसलन् हरित वास्तु निर्माण की तकनीकों के अनुसंधान का काम शुरू किया गया और देश भर के हरित निर्माणों का आकलन किया गया और वर्ष दो हजार आठ के पेइचिंग ओलिंपियाड के लिए हरित भवनों के निर्माण के लिए जांच परख पूर्ण रूप से की गई । इस के अलावा चीन ने हरित वास्तु निर्माणों के लक्ष्य भी तय किए , जिस के अनुसार वर्ष दो हजार दस तक देश के एक तिहाई शहरी भवन निर्माणों का मापदंड हरित व कम ऊर्जा खर्च के लक्ष्य पर पहुंच जाएगा । देश भर के शहरी वास्तु निर्माणों के ऊर्जा खर्च में पचास प्रतिशत की कटौती होगी , वर्ष दो हजार बीस में हरित व कम ऊर्जा खर्च वाले भवनों का विस्तार किया जाएगा और समाज के तमाम भवनों की ऊर्जा खपत में पैंसठ प्रतिशत की कटौती होगी । वर्तमान चीन में इस क्षेत्र की समस्या की चर्चा में उप मंत्री ने कहा कि चीनी निर्माण मंत्रालय संबंधित विभागों के साथ मिलकर वास्तु निर्माण उद्योग में ऊर्जा की किफायत बढ़ाने के लिए सिलसिलेवार कदम उठाएगा, वे कहते हैः पहले , कम ऊर्जा खर्च के बारे में वर्तमान कानून कायदों का कार्यान्वयन जबरदस्ती से कराया जाएगा । दूसरे , समूचे समाज में कम ऊर्जा खर्च के बारे में सार्वजनिक चेतना बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन व्यवस्था कायम की जाएगी और तीसरे , कम ऊर्जा खर्च व हरित भवन उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए विश्व के विभिन्न देशों की समुन्नत नव तकनीकों का चीन में प्रयोग किया जाएगा । सूत्रों के अनुसार इस साल मार्च के अंत में पेइचिंग में प्रथम अन्तरराष्ट्रीय ज्ञान आधारित व हरित वास्तु निर्माण तकनीक संगोष्ठी आयोजित की जाएगी , जिस में देश विदेश से दो हजार सरकारी अधिकारी , विशेषज्ञ और उद्यमी ज्ञान आधारित हरित भवनों के निर्माण के बारे में विचारों का आदान प्रदान करेंगे । यह क्योटो प्रोटोकोल के प्रभावी होने के बाद चीन द्वारा कम ऊर्जा खर्च व हरित भवन निर्माण पर अन्तरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का एक ठोस प्रयास है ।