तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिकाजे प्रिफेक्चर की ऊपजाउ भूमि पर स्थित च्यांगची काऊंटी शिकाजे क्षेत्र का अनाज उत्पादन केन्द्र माना जाता है । यालुचांगबु नदी की प्रमुख शाखा न्यानछु नदी के ऊपरी भाग की घाटी में बसी च्यांगची काऊंटी अपने अच्छे आर्थिक सुधार के फलस्वरूप तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के आर्दश जिले के नाम से सुप्रसिद्ध है । तो आइए , आज के इस कार्यक्रम में मेरे साथ च्यांगची काऊंटी के दौरे पर जाएं ।
फिल्म होङह नदी की कहानी का गीत
यह जो आप सुन रहे हैं , वह चीन में खूब धूम मची फिचर फिल्म होङह नदी की कहानी का एक अंश है । होङह नदी की कहानी में आज से सौ साल पहले तिब्बत के च्य़ांग ची जिले की जनता द्वारा ब्रिटिश आक्रमणकारी सेना का मुकाबला करने की वीरतापूर्ण घटना का वर्णन किया गया । तत्कालीन च्यांगची निवासियों ने अपने खून से दुश्मनों के खिलाफ संग्राम किया और अपनी जन्म भूमि की रक्षा की थी । इसलिए च्यांगची आगे वीर नगर के नाम से चीन में मशहूर हो गया ।
च्यांगची का तिब्बत में अहम स्थान रहा है , प्राचीन काल से इस जगह पर पर्यटकों , तीर्थ यात्रियों और व्यापारियों का जमाघट हुआ करता था , जिस से यहां धार्मिक गतिविधियों , पर्यटन उद्योग तथा व्यापार का काफी विकास हुआ । तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति से पहले च्यांगची तिब्बत की तीसरा बड़ा शहर रहा था और तिब्बत द्वारा विदेशों के साथ संपर्क बनाने का एक अहम मार्ग था । आज च्यांगची तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के बड़े अनाज उत्पादन क्षेत्रों में से एक बन गया और तिब्बत में उस का बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा है ।
वर्ष 1959 में तिब्बत में जनवादी सुधार होने से पहले न्यान्छु नदी की घाटी में बसी च्यांगची कांऊटी बाढ़ के प्रकोप का शिकार हुआ करती थी , वहां सदियों से सामंती भूदास व्यवस्था लागू होने के कारण व्य़ापक भूदासों को प्राकृतिक प्रकोपों के अलावा स्थानीय सरकारी अधिकारियों , कुलीनों तथा धार्मिक जगत के ऊपरी तबकों के क्रूरतापूर्ण शासन और शोषण झेलना पड़ता था और उन का जीवन अत्यन्त दूभर और मुश्किल था। जनवादी सुधार के बाद खास कर वर्ष 1980 में देश में सुधार व खुलेपन की नीति लागू होने के बाद च्यांगची की जिला सरकार ने अपनी वास्तविक स्थिति के मुताबिक जल संरक्षण परियोजना का जोरदार निर्माण किया और न्यान्छु नदी की बाढ़ पर काबू पाया तथा जल सिंयाई की सुविधा कायम की ।
इधर के सालों में च्यांगची जिला सरकार ने परम्परागत कृषि निर्माण पर जोर लगाते हुए आर्थिक विकास के नए क्षेत्रों की भी खोज की , सरकार ने स्थानीय लोगों के लिए लहसुन के नियार्त का रास्ता ढूंढ़ निकाला । च्यांगची की भूमि उर्वर होती है , जिस में लहसुन की खेती खूब होती है , यहां के लहसुन अपने विशेष तेज स्वाद से बहुत मशहूर है और वर्ष 2003 में च्यांगची ने लहसुन का उत्पादन केन्द्र खोला । च्यांगची काऊंटी के प्रचार विभाग के प्रभारी चुंग क्वांग लिन ने कहा
"च्यांगची के लहसुन समूचे तिब्बत स्वायत्त प्रदेस में मशहूर है । च्यांगची कांऊटी ने लहसुन के उत्पादन को आर्थिक विकास का अहम मुद्दा बानाया । हम विशेष फसलों के उत्पादन का विकास करने पर जोर देते हैं । वर्ष 2003 से ही कांऊटी भर में लहसुन की खेती का व्यापक विकास किया गया और अच्छी उपलब्बधि भी हासिल हुई ।"
श्री चुंग क्वांग लिन के अनुसार, वर्तमान में च्यांगची लहसुन की प्रति हैक्टर पैदावार 22 हज़ार पांच सौ किलोग्राम तक पहुंच सकती है, जो तिब्बती जौ की पैदावार के तीन गुनी है । इस लिए स्थानी किसान लहसुन उगाना पसंद करते हैं । श्री चुंग क्वांग लिन ने जानकारी देते हुए कहा
"भारत और नेपाल में लहसुन लोकप्रिय सब्जी है , उन्हें च्यांगची का लहसुन बहुत पसंद है , क्यों कि यहां के लहसुन आकार में बड़ा , स्वाद में बहुत तेज और सुगंधित है । वर्ष 2003 में च्यांगची में कुल बीस हैक्टर भूमि पर लहसुन की खेती हुई और इस के सभी लहसुन का शिकाजे विदेश व्यापार ब्यूरो के माध्यम से नेपात को निर्यात किया गया था । क्यों कि पिछले साल में लहसुन की खेती का क्षेत्रफल बड़ा नहीं था , निर्यात मात्रा केवल तीस टन थी , इसलिए उसे पूरी तरह निर्यातित कर दिया गया था ।"
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