तिब्बती जाति विश्व की छत नामक तिब्बत-छींगहाई पठार पर रहती है । नये चीन की स्थापना से पहले इस क्षेत्र में रहने वाले तिब्बती लोगों की औसत आयु मात्र छतीस वर्ष थी , पर अब यह बढ़कर सड़सठ हो गयी है । तिब्बती लोगों के स्वास्थ्य स्तर में आया सुधार , तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में जारी चिकित्सा कार्यों के उल्लेखनीय विकास का परिणाम है ।
वर्ष 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति से पहले तिब्बत की जनसंख्या सिर्फ दस लाख थी । तब इस क्षेत्र में केवल तीन तिब्बती परंपरागत चिकित्सालय थे , जो विशेष तौर पर तिब्बत के उच्च कुलीन लोगों की ही सेवा करते थे । आम या निचले तक के लोगों के लिये उन की चिकिस्ता सेवा पाना बहुत कठिन था । उस समय तिब्बत में वैरियोला और हैजा आदि रोग महामारी का रुप लिये हुए थे ।
तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद चीन की केंद्रीय जन सरकार ने वहां चिकित्सा सेवा के निर्माण और विकास में भारी पूंजी व श्रम खर्च किया , और तिब्बत में चिकित्सा की प्रगति के लिये भारी प्रयास किये । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के चिकित्सा ब्यूरो के उप प्रधान इन पहलुओं की चर्चा में कहते हैं , वर्ष 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद से केंद्रीय सरकार तिब्बती जनता के स्वास्थ्य पर बहुत ध्यान देती रही है , और देश ने तिब्बत में चिकित्सा सेवा के निर्माण पर भारी शक्ति व्यय की है ।
बीते पचास से वर्षों अधिक समय में चीन सरकार ने कुल तीन अरब अस्सी करोड़ युवान की पूंजी खर्च कर तिब्बत के सभी शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा जाल स्थापित किये हैं । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में अब तक कुल एक हजार दो सौ चिकित्सा संस्थान निर्मित हो चुके हैं जिन में ग्यारह हजार चिकित्सक कार्यरत हैं । इन के अतिरिक्त तिब्बती चिकित्सा अकादमी तथा तिब्बत विश्वविद्यालय का चिकित्सा कालेज भी तिब्बत में चिकित्सा सेवाओं का अपेक्षाकृत ऊंचा स्तर बनाये रखने में बड़ी भूमिका अदा कर रहे हैं । इन दोनों कालेजों में बहुत से तिब्बती युवाओं ने चिकित्सा व स्वास्थ्य का प्रशिक्षण पाया है ।
केंद्र सरकार को छोड़कर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश को पेइजिंग , शांघाई , च्यांगसू तथा शानतुंग आदि देश के उन्नत क्षेत्रों से चिकित्सा सहायता मिल पायी है । पूर्वी चीन के च्यांगसू प्रांत ने नौ करोड़ सत्तर लाख युवान की पूंजी से तिब्बत की राजधानी ल्हासा में एक आधुनिक दवा कारखाना स्थापित किया , और ल्हासा शहर के जन अस्पताल के जीर्णोद्धार तथा विस्तार कार्य का भी समर्थन किया । इन परियोजनाओं की समाप्ति पर इस अस्पताल को नेय से नये उपकरण मिलेंगे ।
जिगात्से तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के दक्षिण में स्थित पुराना नगर है । जिगात्से जन चिकित्सालय , जो अस्सी हजार वर्ग मीटर जितना विशाल है , एक बहुत आधुनिक अस्पताल है । अस्पताल में एक सुन्दर बगीचा और अत्याधुनिक उपकरण हैं । अस्पताल के उप निदेशक अस्पताल का परिचय देते हुए कहते हैं , बीते दर्जनों सालों के प्रयासों के बाद अब जिगाज़े अस्पताल एक ऐसी संयुक्त संस्था का रूप ले चुका है , जहां उपचार व निदान के साथ चिकित्सा शिक्षा व अनुसंधान की भी व्यवस्था है । जिगात्से जन चिकित्सालय ईराके की छै लाख की आबादी को चिकित्सा सुविधा प्रदान करता है ।
उन्हों ने यह भी बताया कि आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित जिगाज़े अस्पताल कठिन ओपरेशन भी करने में सक्षम है । इस अस्पताल में इलाज कराने आई एक तिब्बती वृद्धा ने संवाददाता से कहा , मेरे पति को गत वर्ष उच्च रक्त चाप की शिकायत हुई , तो हम ने तुरंत ही उन्हें जिगाजे अस्पताल में भरती किया । एक हफ्ते के बाद वे तबीयत हल्की होने के बाद घर वापस आये , और हाल में हुए दूसरी बार उपचार से उन की स्थिति आम तौर पर सामान्य हो गयी है । अब हमें इलाज की बड़ी सुविधा हासिल है , और जिगाजे अस्पताल की स्थिति भी बहुत अच्छी हैं ।
पहले तिब्बत वैरियोला ,हैजा और कोढ़ आदि रोगों की महाभारी के चपेट में था । पर चिकित्सा सुविधाओं के निर्माण से अब तिब्बत से इन रोगों का सफाया हो चुका है , और स्थानीय निवासियों का स्वास्थ्य स्तर बहुत उन्नत हो गया है । उदाहरण के लिये वर्ष 1951 में गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर प्रतिशत प्रति हजार थी और बच्चों की मृत्यु दर चार सौ तीस प्रति हजार थी । पर अब ये आंकड़े तीन और एकतीस प्रति हजार तक आ गिरे हैं ।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के चिकित्सा ब्यूरो के उप प्रधान ने स्वायत्त प्रदेश के चिकित्सा कार्य के भावी लक्ष्यों का परिचय देते हुए कहा , वर्ष दो हजार पांच तक यानी देश की दसवीं पंचवर्षीय योजना की समाप्ति तक तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में अपने आर्थिक व सामाजिक विकास स्तर के अनुकूल नयी चिकित्सा व्यवस्था का निर्माण कर लेगा । इस से चिकित्सा सेवाओं की जनता की मांगें पूरी की जा सकेंगी , और स्वायत्त प्रदेश के सभी नागरिकों का स्वास्थ्य स्तर उन्नत किया जा सकेगा ।
|