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(GMT+08:00) 2005-02-03 14:14:05    
पेचिंग के विश्वविद्यालय में पढ़ रहे विदेशी छात्र

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इधर के वर्षों में चीनी अर्थतंत्र के बड़ी तेज़ी से विकास होने के साथ साथ अधिकाधिक विदेशी छात्र चीनी कालेज़ों व विश्वविद्यालयों में पढ़ने जा रहे हैं । चीन के मशहूर विश्व विद्यालय जैसे पेइचिंग विश्व विद्यालय , छींगह्वा विश्वविद्यालय और जनता विश्वविद्यलय आदि में सब अनेक विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं । विदेशी छात्रों की चीन में पढ़ने की अपनी अपनी दिल्चस्पी है और उन की कहानियां भी बहुत दिल्चस्प है । कोरिया गणराज्य से आये श्री कीच्वूंगवन 21 वर्षीय लड़का है । अब वे पेइचिंग विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र पढ़ रहे हैं । उन्हों ने धड़ल्ले से चीनी भाषा में बताया कि कोरिया गणराज्य के लिए चीन बहुत महत्वपूर्ण देश है । चीन में पढ़ाई का जीवन मेरे भाग्य के लिए भी लाभदायक है , इसलिये मैं यहां आया हूं । उन्हों ने कहा कि चीन दुनिया में ऐसा देश है , जिस का अर्थतंत्र बड़ी तेज़ी से बढ़ रहा है । इसलिए कोरिया गणराज्य में बहुत सी बड़ी कंपनियां चीन को महत्व देती हैं , और चीन की खूब जानकारी हासिल करने वालों और खासकर चीनी भाषा कहने वालों को इन कंपनियों में काम मिलने की सुविधा है । लड़के ने यह भी बताया कि उन के मिडिल स्कूल के कई क्लासमेट उन की ही तरह चीन आये हैं । श्री ऐंजल रोसा वेनेज्वेला से आये हैं । वे भी पेइचिंग विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय संबंध का अनुसंधान कर रहे हैं । चीन में दो साल होने के बावजूद श्री रोसा फताफट से चीनी भाषा कहने में असमर्थ हैं । उन्हों ने बताया कि पेइचिंग विश्वविद्यालय में बहुत से अध्यापक और छात्र अंग्रेज़ी बोलते हैं , इसलिए अंग्रेजी बोलने से पेइचिंग विश्वविद्यलय के परिसर में कोई लैंक्वेज़ प्रोब्लम नहीं है । श्री रोसा चीन में अपना काम ढ़ूढ़ना चाहते हैं । उन्हों ने कहा, चीन में बहुत तेज़ी से आर्थिक विकास होता जा रहा है । बहुत से अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने चीन में अपना कार्यालय रखा है । मेरी उपाधि अंतर्राष्ट्रीय संबंध है , इसलिए मेरी आशा है कि मैं चीन में अंतर्राष्ट्रीय राजनीति तथा सांस्कृतिक आदान प्रदान से जुड़े काम करना चाहता हूं । पेइचिंग विश्वविद्यालय के कुल 28 हजार छात्रों में लगभग 2100 विदेशी छात्र शामिल हैं , जो 90 से अधिक देशों से आये हैं । इन के अलावा दो हजार विदेशी छात्र दुर्भ अरसे से इस विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे हैं । जापान से आयी छात्रा सुश्री मोरी मिचीयो ने कहा कि उन्हें चित्र इतिहास के प्रति गहरी दिल्चस्पी है । उन का विचार है कि जापानी चित्र पर चीन के प्राचीन काल की चित्र कला से भारी प्रभाव पड़ा । इसलिए वे चीन में चित्र इतिहास का अनुसंधान करने आयी हैं । अब पेइचिंग में अध्ययन करने वाले विदेशी छात्रों का अधिकांश भाग कोरिया गणराज्य तथा जापान से आता है , उन का शेष भाग दूसरे एशियाई देशों तथा यूरोप , अफ्रीका और अमेरिका से आता है । पेइचिंग के उच्च स्तरीय शिक्षालय अधिकाधिक छात्रों को आकर्षित करने के लिए पश्चिमी देशों के कालेज़ों के साथ सहयोग को जोर देने तथा विदेशी छात्रों की मदद देने का विशेष प्रबंध करने का प्रयास कर रहे हैं । चीनी शिक्षा मंत्रालय के उप मंत्री चांग शिन शंग के अनुसार चीन और अधिक विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिये विविधतापूर्ण कदम उठाएगा । आगामी दो हजार सात तक चीन में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की संख्या अब की अस्सी हजार से बढ़ाकर एक लाख बीस हजार तक पहुंच जायेगी । लीजिये सुनिये इस संदर्भ में एक रिपार्ट । इधर सालों में चीन के अर्थतंत्र के तेज विकास के साथ साथ अपना अंतराष्ट्रीय स्थान दिन ब दिन उन्नत होता गया है , जिस की बदौलत अधिकाधिक विदेशी युवाओं को चीन में पढ़ने के लिये आकर्षित किया गया है । वर्तमान में चीन में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की कुल संख्या सत्तरह हजार से अधिक है , उन में नब्बे प्रतिशत से अधिक अपने खर्चे पर पढ़ने आये हैं और वे क्रमशः कोरिया गणराज्य , जापान , अमरीका , वियतनाम , इंडोनेशिया , थाईलैंड , जर्मनी , रूस , नेपाल , फ्रांस , औस्ट्रेलिया व मलेशिया आदि कुल सौ से आधिक देशों व क्षेत्रों से आये हुए हैं । अब इन विदेशी छात्रों के पढ़ने के कोर्स चीनी भाषा , चीनी संस्कृति , चीनी इतिहास , चीनी पध्दति वाला चिकित्सा व चीनी जड़ी बूटी शास्त्र से बढ़कर कानून , वित , कांउटेंसी तथा विज्ञान व तकनालोजी तक विस्तृत हो गये । चीनी उप शिक्षा मंत्री चांग शिन शंग ने इस बात की चर्चा में कहा कि हम विदेशी छात्रों के चीन में पढ़ने से संबंधित नीतियों का आगे अनुसंधान करेंगे । और इस कार्य से संबंधित विभिन्न नियमों और मूल्यांकन व्यवस्था का सुधार किया जाएगा । साथ ही विदेशी छात्रों के स्वास्थ्य बीमा व्यवस्था , उन की पढ़ाई व जीवन शर्तों को भी सुधरा जाएगा । चीन में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों के संबंधित डेडों की जांच और सांख्यिकी करना भी बहुत महत्वपूर्ण काम है । इस लिये हम इसी के संदर्भ में एक डेडा बैंक निर्मित किया जाएगा । इस के अलावा हम विदेशी छात्रों को चीन में सीखने के लिये आकर्षित करने का लगातार प्रयास भी करेंगे । उन्हों ने कहा कि चीन के कालेज विदेशी छात्रों की जरूरतों के अनुसार कोर्स रखने की तैयारी कर रहे हैं । उदाहरण के लिये चीन के आर्थिक छलांग से विदेशियों का ध्यान आकर्षित है । अब बहुत से विदेशी छात्र चीन के आर्थिक प्रबंध उपायों तथा चीन के आर्थिक कानूनों का अनुसंधान करना चाहते हैं । चीनी कालेज इस संदर्भ में विदेशी छात्रों के लिये कुछ विशेष कोर्स खोलेंगे और विदेशी छात्रों को चीन की सरकारी संस्थाओं में प्रशिक्षु बनने का मौका भी दिया जाएगा । इधर के वर्षों में विदेशी छात्रों के आने से चीनी कालेज़ों के वातावरण के सुधार के बारे में बहुत से काम किया गया है । मिसाल है कि कुछ चीनी कालेज़ों की पढ़ाई में चीनी भाषा के साथ अंग्रेजी का भी इस्तेमाल भी किया जाता है । इस से उन विदेशी छात्रों , जिन की चीनी भाषा लिमिटित है , के लिये सुविधा प्रदान की गयी है । इस के साथ कुछ विदेशी छात्र अतिथि के रूप में चीनी परिवारों में रहने लगे हैं , जिस से उन्हें चीनी समाज और आम लोगों के जीवन की जानकारी करने का मौका मिला है । चीनी शिक्षा मंत्रालय के अंतर्राष्टीय सहयोग व आदान प्रदान विभाग की एक पदाधिकारी सुश्री च्यांग श्यू चिन का मानना है कि चीन के सामाजिक वातावरण के सुधार के साथ साथ अधिकाधिक विदेशी छात्र चीन में सीखने आएंगे । उन्हों ने कहा कि हम भी विदेशी छात्रों के चीन में काम करने जैसे के कुछ सवालों का अनुसंधान कर रहे हैं । हम एक ऐसा नियम , जिस के अनुसार विदेशी छात्र चीनी समाज से व्यापक तौर पर संपर्क रख सकते हैं , की स्थापना करने का प्रयास कर रहे हैं । इस में यह भी चर्चित है कि चीनी छात्रों में विदेशों में अध्ययन की रूचि तेज होने के चलते इधर बहुत से विदेशी विश्वविद्यालयों ने भी चीनी छात्रों को अपनी ओर खींचने के लिये कोशिशें शुरू कर दी हैं । जैसे ओस्ट्रेलिया ने चीनी छात्रों के लिये विशेष तौर पर अंग्रेज़ी भाषा के अपने सर्व मान्य मापदंड में रियायत दी है । ब्रिटेन ने यह नियम लागू किया कि उस के यहां में छै महीनों से ज्यादा अध्ययन करने वाले चीनी छात्र को वह निःशुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान करेगा । जर्मनी सरकार ने चीन की राजधानी पेइजिंग में चीनी छात्रों के लिये एक विशेष कार्यलय खोला , जो चीनी छात्रों के वीज़ा आवेदन के विनिमय के जिम्मेदार है । यही नहीं कुछ पश्चिमी देशों के विश्वविद्यालयों ने चीन में शिक्षा प्रदर्शनी भी लगाई हैं ।