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(GMT+08:00) 2005-01-31 16:21:06    
तिब्बत के पाई लांग काऊंटी का दौरा

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पाई लांग काऊंटी तिब्बत के शिकाजे प्रिफेक्चर के दक्षिण भाग में स्थित है , तिब्बत की सब से बड़ी नदी यालुच्यांगपू नदी की मुख्य शाखा नदी ल्यानछु उस में से बहती हुई गुजरती है । यह काऊंटी तिब्बत का अनाज और खाद्यतेल उत्पादन केन्द्र है और कृषि विकास की आदर्श मिसाली काऊंटी है ।

पाईलांग काऊंटी के उप जिलाध्यक्ष जासीवांत्वे इस भूमि में पले बढे किसान हैं, पिछले वर्षों में पाईलांग काऊंटी के कृषि विकास के बारे में उन्हें गहरा अनुभव हुआ है । उन्हों ने हमें बताया कि इन वर्षों के सुधार और विकास के परिणामस्वरूप पाईलांग काऊंटी के खेतों और कृषि के बुनियादी संस्थापनों के निर्माण में काफी परिवर्तन हुआ और कृषि उत्पादन वैज्ञानिक ढंग से हो रहा है । वे कहते हैः

"पिछले सालों के विकास और निमाण के चलते हमारे यहां हरेक खेत चौकोण आकार में बनाया गया , जंगलों का जाल सा बिछा , सड़कों से गांव आपस में जुड़े , नदियों और झीलों के पानी से सभी भूमि सिंचित हुई और फसलों की पैदावार ऊंची और स्थिर रही है ।"

पाईलांग काऊंटी के कातुंग टाउनशिप के खेतों को दिखाते हुए श्री जासिवांत्वे ने बड़े गर्व के साथ हमें बताया कि इधर के सालों में काऊंटी ने करीब दस करोड़ य्वान की धन राशि डाल कर तुछ्ङ और कातुंग कृषि बहुमुखी विकास क्षेत्र कायम किया , पाई लांग हरित सब्जी विकास कंपनी स्थापित की , कम पैदावार वाले छै हजार हैक्टर खेतों का रूपांतर कर ऊंची पैदावार वाले खेतों में बदला गया , अब गैहूं की प्रति हैक्टर पैदावार 7 हजार 5 सौ किलोग्राम पहुंची और जौ की पैदावार पांच हजार दो सौ से ज्यादा हो गई । कृषि के बहुमुखी विकास के बाद पाईलांग काऊंटी तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का अहम अनाज और सब्जी उत्पादन अड्डा बन गया है ।

श्री जासिवांत्वे के अनुसार इधर के कुछ सालों में पाईलांग काऊंटी कृषि के बहुमुखी विकास के विभिन्न मुद्दों पर जोर लगा रही है, काऊंटी ने स्थानीय किसानों की सेवा में नहर खोदी , बाढ़ का पानी निकालने वाला जल मार्ग बनाया , खेतों को समतल बनाने की परियोजना बनायी , कम पैदावार वाले खेतों को ऊंची पैदावार वाले खेतों के रूप में बदला गया और रेतीली भूमि को घास मैदान के रूप में परिवर्तित किया गया । ये सभी परियोजनाओं के निर्माण के ठेका काऊंटी ने किसानों को दिये , काऊंटी ने निर्माण की धन राशि सीधे किसानों को मुहैया की , जिस से किसानों की आय भी काफी बढ़ गई । उप जिलाध्यक्ष जासिवांत्वे ने कहाः

"निर्माण के पारिश्रमिक के रूप में जो पैसा किसानों को दिया जाता है , वह काऊंटी के वित्तीय विभाग के कर्मचारियों , कार्यालय के कर्मचारियों तथा बुनियादी स्तरीय संस्थाओं के कार्यकर्ताओं द्वारा मिल कर निर्माण काम में लगे हरेक परिवार और हरेक लोग के लिए लोखा जोखा किया जाता है और सीधे उन्हें पैसा दिया जाता है , इस तरीके से किसानों की आय बढ़ गई है , निर्माण काम में भाग लेने के लिए उन की सरगर्मी भी बढ़ी और कार्यक्षमता भी उन्नत हो गई है । बहुत से काम तय समय से पहले ही पूरा किया गया ।"

कातुंग टाउनशिप के खेतों के बीच हमारी मुलाकात खेतों में जौ की फसल काटने आई तिब्बती महिला किसान श्रीमती फुछांमुच्वे से हुई , अपने आज के जीवन की चर्चा करते हुए फुछांमुच्वे का चेहरा खिल उठा , उन्हों ने हमें बतायाः

"हमारे यहां कृषि विकास परिय़ोजना के आरंभ के बाद हम अकसर उस में हाथ बटाते है, इस से हम ने काफी पैसा कमाया , इस पैसे से हम ने रासायनिक खाद खरीदा और फसलों की पैदावार पहले से बहुत ऊंची हो गई है ।"

कृषि के बहुमुखी विकास के परिणामस्वरूप पाईलांग काऊंटी का आर्थिक स्थान स्वायत्त प्रदेश में खासा उन्नत हो गया है, इस के साथ स्थानीय किसानों का जीवन भी उल्लेखनीय रूप से सुधर गया ।

41 वर्षीय वांचन एक आम तिब्बती महिला है, उन के परिवार के पांच सदस्य है, जो कातुंग में रहते हैं । वह और उस का पति गैहूं और जौ की खेती के अलावा घर पर एक छोटी सी फुटकर चीजें बिकने वाली दुकान चलाते है, इस के अवाला आटा और खाद्यतेल मील भी खोला है । जब हम उन के घर में प्रवेश कर गए, तो उन की एक बेटी नल पानी से कपड़ा धो रही थी, हमारे आकस्मिक आगमन से घर की मालिकन वांचन भी कुछ कुछ लज्जाने लगी, हम से आने का उद्देश्य सुनने के बाद उन्हों ने बड़े उत्साह के साथ हमारा स्वागत किया और हमें उन के दो मंजिला मकान के बैठक हाल में ले गई।