चीन एक विशाल देश है। इसलिए इसके उत्तरी, दक्षिणी,पूर्वी व पश्चिमी भागों की लोकगीत शैलियां भी भिन्न हैं। इस कार्यक्रम में आप सुनेंगे दक्षिणी चीन में प्रचलित कुछ लोकगीत। आशा है आप को पसंद आएंगे।
पहले सुनिए "नदी बहती रहे" नामक गीत। यह गीत शायद आप को सुन लिया होगा, यह दक्षिणी चीन के यून नान प्रांत का लोकगीत है और हमारे सामने एक बहुत सुन्दर दृश्य प्रस्तुत करता है। चांदनी है बहुत शांत। पहाड़ की तलहटी में बहता नदी का पानी साफ सुनायी दे रहा है। सुन्दरी चांदनी को देखते हुए अपने प्रेमी को याद करती है । उसकी मीठी आवाज़ और गहरा प्यार नदी के पानी के साथ प्रेमी की ओर बहते हैं।
गीत का भावार्थ कुछ इस प्रकार है
चांदनी है बहुत चमकदार
प्रेमिका बैठी है नदी किनारे
प्रेमी की याद सताती है उसे
नदी का पानी बहता जा रहा है
स्वच्छ पानी में उभरती है प्रेमी की छवि
चांदनी को देखती है लड़की
अपने प्रेमी की याद करती है वह
हल्की हवा बह रही है
मेरे प्रेमी तुम मेरी आवाज़ सुन सकते हो न
इस हवा के साथ
यह है दक्षिणी चीन के युन नान प्रांत का एक लोकगीत "नदी बहती रही"।
आगे सुनिए दक्षिण-पूर्वी चीन के फ़ू च्यान प्रांत का एक लोकगीत , नाम है
"हरी-हरी चाय" । फ़ू च्यान प्रांत चीन का मशहूर चाय उत्पादन केंद्र है। इस गीत में युवतियों की चाय की फ़सल के समय की खुशियां सामने आती हैं ।
"आ ली शान पर्वत की युवतियां"चीन के थाई वान प्रांत की गाओ शान जाति का लोकगीत है। गीत में गाओ शान जाति के लोगों के निवास स्थल की सुन्दरता का वर्णन किया गया है। आली शान पर्वत के युवक बहुत शक्तिशाली हैं और युवतियां खुबसूरत। गीत में आली शान के युवाओं के गहरे प्यार की प्रशंसा की गई है।
गीत का भावार्थ इस प्रकार है
पहाड़ है बहुत ऊंचा
नदी का पानी बहुत स्वच्छ
आली शान पर्वत की लड़की है
बहुत खूबसूरत
आली शान पर्वत के लड़के हैं
बहुत शक्तिशाली
सदा रहते हैं साथ
विदा नहीं होते
जैसे हों
स्वच्छ पानी और पास बहती रेत
आगे सुनिए दक्षिणी चीन के चांग सू प्रांत का लोकगीत"चमेली का फूल"। चीन के विभिन्न क्षेत्रों में इस फूल पर विभिन्न गीत प्रचलित हैं। इन में से सब से लोकप्रिय है चांग सू प्रांत का यह गीत। गीत में सुगंधित चमेली का गुणगान किया गया है और दक्षिणी चीन के सुन्दरता का वर्णन भी।
गीता का भावार्थ कुछ इस प्रकार है
सुन्दर है चमेली का फूल
है बहुत सुगंधित
सारे बगीचे में है उस की खुशबू
बहुत तेज़
मैं चाहती हूं एक फूल तोड़ना
लेकिन डर है
माली की निंदा का
चमेली का फूल है कितना सुन्दर
सर्दियों की बर्फ़ से भी सफ़ेद
मैं एक फूल तोड़ना चाहती हूं
लेकिन डर है
मज़ाक करेंगे दूसरे मेरा
चमेली का फूल है बहुत सुन्दर
सारे बगीचे में है उस की छवि
सब से सुन्दर
मैं तोड़ना चाहती हूं एक फूल
लेकिन डर है
अगले साल न खिला तो
आगे आप सुनेंगे सी छ्वुआन प्रांत का लोकगीत। नाम है "फूल तोड़ते हुए"। इस में वर्ष की चार ऋतुओं के विभिन्न महीनों में खिलने वाले फूलों तथा स्थानीय लोगों के रीतिरिवाज़ों का वर्णन किया गया है। गीत की धुन तेज़ है और स्थानीय लोगों को बहुत पसंद है। सुनिए यह गीत।
"फूल तोड़ते हुए"
आगे आप सुनिए "पिता गये मछली पकड़ने"नामक गीत, जो एक बच्चे की आवाज़ में है । यह चीन के थाई वान प्रांत के एक लोकगीत पर आधारित है। गीत में एक बच्चा घर से बाहर गए अपने पिता की याद करता है।
गीत का भावार्थ कुछ इस प्रकार है
कहां गए पिता
पूर्वी सागर
मछली पकडने
बड़ी-छोटी मछलियां
फंसी पिता के जाल में
मालूम है तुम्हें
कितनी मछलियां हैं इस जाल में
मैं ने देखी हैं पिता के जाल में
चमकती 28 मछलियां
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