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(GMT+08:00) 2005-01-18 17:18:23    
कानसू और  निनशा के मुसलमान

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हमारे संवाददाता ने हाल ही में उत्तर पश्चिमी चीन के कानसू प्रांत और निनशा हुई जातीय स्वायत्त प्रदेश का दौरा किया । उन्हों ने वहां बसे चीनी मुसलमानों से मुलाकात में यह पाया है कि चीन में मुसलमानों को धार्मिक विश्वास की पूर्ण स्वतंत्रता होती है और वहां के आर्थिक विकास में तेज गति प्राप्त हुई है ।

चीनी मुसलमान बहुधा उत्तर पश्चिमी चीन में रहते हैं , वर्तमान में कानसू प्रांत में कोई 16 लाख से ज्यादा मुसलमान रहते हैं , जो हुई , सारा , तुंगश्यांग , पोआन और कजाख पांच जातियों के हैं । निनशा हुई जातीय स्वायत्त प्रदेश चीन का एकमात्र ऐसा प्रदेश है ,जहां मुस्लिम धर्म में आस्था रखने वाली हुई जाति की जन संख्या प्रदेश की कुल जन संख्या का एक तिहाई भाग बनती है। 1949 में चीन लोक गणराज्य की स्थापना से पहले चीन में व्यापक मुसलमानों का कोई राजनीतिक स्थान नहीं था और उन का जीवन बहुत दुभर था ।

1949 में नए चीन की स्थापना के बाद चीन सरकार ने धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता , विभिन्न धार्मिक संप्रदायों में आपसी सम्मान , राजनिति में अहस्ताक्षेप तथा जातीय एकता की नीति लागू करना शुरू की । 1958 में निनशा में हुई जातीय स्वायत्त प्रदेश की स्थापना की गई और जातीय क्षेत्र की स्वायत्त नीति पर अमल किया जाने लगा ।

निनशा मुस्लिम संघ के अध्यक्ष काजी . हबीब उल अलाह ने चीन सरकार की धार्मिक नीति की चर्चा करते हुए कहा कि

हमारी हुई जाति के लोग सभी मुसलमान हैं , धार्मिक विश्वास के लिए हम पूरी तरह स्वतंत्र हैं , हम केन्द्र सरकार की जातीय व धार्मिक नीति पर संतुष्ट हैं । धार्मिक कार्यवाही के लिए हमारे यहां पर्याप्त स्थल उपलब्ध हैं और हमारी धार्मिक गतिविधियों की कानूनी रक्षा की जाती है।

श्री हबीब उल अल्लाह के अनुसार पिछले बीस से अधिक सालों में निनशा में मस्जिदों की संख्या पहले के एक हजार पांच सौ से बढ़ कर तीन हजार सात सौ हो गई ।अब पूरे स्वायत्त प्रदेश में चार हजार तीन सौ से अधिक मुस्लिम विद्वान हैं । बड़ी संख्या में युवा इमाम मिश्र , पाकिस्तान तथा लीबिया आदि देशों में गहरे अध्ययन के लिए भेजे जाते हैं । इस के अलावा निनशा में आर्थिक विकास के चलते यहां के मुसलमानों को मक्का की तीर्थ यात्रा करने जाने की सुविधा भी हासिल हुई , 1985 से अब तक दो हजार से अधिक मुसलमानों ने मक्का जा कर तीर्थ यात्रा की ।

उत्तर पश्चिमी चीन की प्राकृतिक स्थिति कठोर है , अतीत में यहां के मिसलमानों का जीवन काफी दूभर था । इधर के सालों में चीन सरकार ने अविकसित पश्चमी भाग का जोरदार विकास करने की नीति लागू की , जिस से मुसलमान बहुल क्षेत्रों के आर्थिक विकास को बड़ा बढ़ावा मिला । इस की चर्चा करते हुए श्री हबीब उल अलाह कहते है कि

कम्युनिस्ट पार्टी व सरकार की इस नीति से पश्चिमी चीन के निवासियों को बड़ी प्रेरणा मिली है ।हमारे मुसलमान विशेष कर इस नीति का स्वागत करते हैं , क्योंकि इस नीति के चलते हमारे यहां की गरीबी समूल दूर की जा सकती है । पश्चिमी चीन के विकास से हमें अभूतपूर्व बेहतर मौका प्राप्त हुआ है ।

अब चीन में मुसलमानों का जीवन बहुत सुधर गया , बड़ी संख्या में मुसलमान व्यापारिक व्यवसाय करने से धनी बन गए । कानसू प्रांत के धार्मिक मामला ब्यूरो के उप प्रधान श्री छे शंग श्यांग ने संवाददाता को कानसू के आर्थिक विकास से अवगत कराया ,

चीन में सुधार व खुलेपन की नीति लागू होने के फलस्वरूप मुसलमानों के आर्थिक व सामाजिक जीवन में भारी परिवर्तन आया । कानसू प्रांत के मुसलमान बहुत मेहनत हैं और उन में व्यापार करने की परम्परा है । उन्हों ने कानसू के विकास के लिए भारी योगदान किया । कानसू में अनेक बड़े बड़े कारोबार और निजी उद्यम मुसलमानों से संचालित होते हैं।

श्री छे ने कहा कि पिछले सालों में मुसलमानों के निजी कारोबारों का तेज विकास हुआ , मुसलमानों के रेस्तरां , भवन निर्माण , आभूषण , शिल्प कला ,चमड़ा प्रोसेसिंग तथा पशुपालन उद्योगों का सफल विकास किया गया । वे मेहनती से काम करते हैं , इसलिए उन की आय बड़ी तेजी से बढ़ती चली जाती है ।

कानसू और निनशा में मुसलमानों के विशेष खाद्यपदार्थ दुकानों और बाजारों में बड़ी तादाद में बिकते हैं और स्थानीन निवासियों और यात्रियों में बहुत लोकप्रिय रहे हैं । मुसलमानों के रेस्तरां वहां की एक ज्वलंत पहचान बन गई ।