आप को मालूम हुआ होगा कि चीन में सुधार और खुलेपन की नीति लागू होने के फलस्वरूप देश के विभिन्न स्थानों में आर्थिक विकास तेजी के साथ बढ़ा , अन्य प्रांतों और प्रदेशों की भांति चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विभिन्न कार्यों में भी भारी प्रगति आयी और तिब्बती जनता का जीवन लगातार समृद्ध और खुशहाल होता जा रहा है । चलिए हम तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अनाज उत्पादन केन्द्र यानी पाई लांग काउंटी देखने जाएंगे ।
---आवाज---
अभी आप जो गीत सुन रहे है , वह तिब्बती किसानों द्वारा जौ की फलस काटने के दौरान शानदार फसल पाने के कारण हर्षोल्लास से गाये गए गीत का एक अंश है । सितम्बर का मौसम था , तिब्बत में फसल पक गई , सुनहरी तिब्बती जौ खेतों में दूर दूर लहरती खड़ी दिखाई पड़ी । तिब्बत के कृषि उत्पादन क्षेत्र में अनेक बड़े रकबा वाले खेतों में काटी गई फसलों के ढेर लगे नजर आए और कटाई के इंतजार में खड़ी जौ की फसल हल्की हवा में झूम रही और सुर्य की किरणों में स्वर्णिम दिखी । शानदार फसल की खुशी में तिब्बती किसान श्रम का तिब्बती गीत गाते हुए फसल काटने में व्यस्त रहें । नीले आसमान में सफेद सफेद बादल तैर रहा था , सुनहरी जौ चमक रही थी , किसानों के चेहरे पर अनंत खुशी खिल रही थी, शानदार फसल का वक्त, अपार खुशी का माहौल , जो बड़ा आकर्षक हो रहा था।
पाई लांग काऊंटी तिब्बत के शिकाजे प्रिफेक्चर के दक्षिण भाग में स्थित है , तिब्बत की सब से बड़ी नदी यालुच्यांगपू नदी की मुख्य शाखा नदी ल्यानछु उस में से बहती हुई गुजरती है । काऊंटी में खेतों का क्षेत्रफल 12 हजार हैक्टर से अधिक है और घास मैदान का क्षेत्रफल 25 हजार हैक्टर । यह काऊंटी तिब्बत का अनाज और खाद्यतेल उत्पादन केन्द्र है और कृषि विकास की आदर्श मिसाली काऊंटी है । जब मैं सुनहरी फसल से आच्छादित विशाल भूमि पर आयी , तो मुझे ऐसा नहीं लगा कि मैं विश्व की छत कहलाने वाले समुद्र सतह से 4 हजार 2 सौ मीटर ऊंचे छिंगहाई --तिब्बत पठार पर पहुंची है । मेरी आंखों के आगे हरेभरे पहाड़ों की वादी में स्वच्छ पानी वाली नदी बहती और नीले आसमान में सफेद बादल तैरते नजर आए , इस बीच गैहूं और जौ की सुनहरी फलस लहलहाती हुई हमारा स्वागत करती हुई सी लगती है । मानो मै अभी उत्तर पूर्व चीन के ऊपजाऊ भूमि वाले सुङह्वाचांग --नन्च्यांग मैदान में आयी हो ।
वर्ष 1990 में पाईलांग काऊंटी में कम पैदावार वाले खेतों को सुधारने , घास मैदानों का निर्माण करने तथा बढ़िया बीज वाली फसलों की बुवाई बढ़ाने का कृषि विकास अभियान चलाया जाने लगा । काऊंटी में वैज्ञानिक तकनीक रूप से खेतीबाड़ी पर जोर लगाया गया , जल संसाधनों , खेतों , जंगलों और सड़कों का साथ साथ विकास किया जाने लगा । काऊंटी में कृषि उत्पादन के जोरदार विकास के साथ साथ औद्योगिक उद्योगो और सेवा उद्योग का भी विकास किया जाने में तेजी लाई गई , इस बहुमुखी विकास के फलस्वरूप यहां कृषि उत्पान को बढ़ावा मिला , ग्रामीण अर्थव्यवस्ता में भारी सुधार आया , किसानों के समृद्ध होने के बाद सभी गांवों और पूरे जिले को समृद्धि की दिशा में लाने की भरपूर कोशिश की जाने लगी ।
पाईलांग काऊंटी के उप जिलाध्यक्ष जासीवांत्वे इस भूमि में पले बढे किसान हैं, पिछले वर्षों में पाईलांग काऊंटी के कृषि विकास के बारे में उन्हें गहरा अनुभव हुआ है । उन्हों ने हमें बताया कि इन वर्षों के सुधार और विकास के परिणामस्वरूप पाईलांग काऊंटी के खेतों और कृषि के बुनियादी संस्थापनों के निर्माण में काफी परिवर्तन हुआ और कृषि उत्पादन वैज्ञानिक ढंग से हो रहा है । वे कहते हैः
"पिछले सालों के विकास और निमाण के चलते हमारे यहां हरेक खेत चौकोण आकार में बनाया गया , जंगलों का जाल सा बिछा , सड़कों से गांव आपस में जुड़े , नदियों और झीलों के पानी से सभी भूमि सिंचित हुई और फसलों की पैदावार ऊंची और स्थिर रही है ।"
पाईलांग काऊंटी के कातुंग टाउनशिप के खेतों को दिखाते हुए श्री जासिवांत्वे ने बड़े गर्व के साथ हमें बताया कि इधर के सालों में काऊंटी ने करीब दस करोड़ य्वान की धन राशि डाल कर तुछ्ङ और कातुंग कृषि बहुमुखी विकास क्षेत्र कायम किया , पाई लांग हरित सब्जी विकास कंपनी स्थापित की , कम पैदावार वाले छै हजार हैक्टर खेतों का रूपांतर कर ऊंची पैदावार वाले खेतों में बदला गया , अब गैहूं की प्रति हैक्टर पैदावार 7 हजार 5 सौ किलोग्राम पहुंची और जौ की पैदावार पांच हजार दो सौ से ज्यादा हो गई । कृषि के बहुमुखी विकास के बाद पाईलांग काऊंटी तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का अहम अनाज और सब्जी उत्पादन अड्डा बन गया है ।
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